दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 10 अप्रैल। महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस सपरिवार मंगलवार को उवसग्गहरं पाश्र्वनाथ तीर्थ नगपुरा दर्शनार्थ पहुँचे।
छत्तीसगढ़ राज्य के अतिथि होने के कारण दुर्ग जिलाधीश ऋचा प्रकाश चौधरी, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने तीर्थ प्रवेश द्वार पर तीर्थ प्रबंधन के पदाधिकािरयों के साथ अंगुवानी कर पुष्पगुच्छ भेंट कर राज्यपाल का स्वागत किया। राज्यपाल सपत्नीक, बहू, बेटा, बेटी, बहन के साथ तीर्थपति उवसग्गहरं पाश्र्वनाथ प्रभु की अष्टप्रकारी पूजा किए। तीर्थ के अधिष्टायक माणिभद्रवीर को श्रीफल सुखड़ी समर्पित किए। नवरात्रि के प्रथम दिवस माँ भगवती पद्मावती देवी माता को श्रीफल, नैवेद्य, चुनरी, सोलह श्रृंगार सामाग्री अर्पित किए।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक ललित चंद्राकर, समाजसेवी बिसराराम यादव भी उपस्थित थे। तीर्थप्रबंधन की ओर से अध्यक्ष गजराज पगारिया, मैनेजिंग ट्रस्टी पुखराज दुगड, ट्रस्टी भीखमचंद कोठारी, मूलचंद जैन, पन्नालाल गोलछा, राजेन्द्र गोलछा ने अतिथियों को शाल-माला-श्रीफल एवं स्मृतिचिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। तीर्थ में प्रसादी ग्रहण कर सभी अतिथियों ने तीर्थ द्वारा संचालित पाश्र्व जीव मैत्री धाम गौशाला परिसर का भ्रमण किया। गौशाला में गौ माता को गुड़, रोटी हरी घास लापसी खिलाकर गौसेवा की।
मुम्बई, पुणे, नागपुर से सैकड़ों यात्री तीर्थ आये हुए थे। अपने राज्य के राज्यपाल को तीर्थ परिसर में अपने बीच पाकर अभिभूत हो गए। राज्यपाल ने तीर्थयात्रियों, महावीर प्राकृतिक एवं योग विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय के विद्यार्थी एवं आरोग्यम् प्राकृतिक योगोपचार संस्थान के साधकों को नववर्ष एवं नवरात्रि की शुभकामना देते हुए बताया कि मैं इस तीर्थ भूमि में इसके पूर्व भी कई बार आ चुका हूँ, परिसर में संचालित सेवाओं से चिर परिचित हैं। यह स्थल महाप्रभाविक है, सम्पूर्ण विश्व में इस तीर्थ के माध्यम से छत्तीसगढ़ का अवार्चिन पहचान है। विधायक ललित चंद्राकर ने कहा कि तीर्थ परिसर मानवीय सेवा, शैक्षणिक संसाधन से परिपूर्ण था, अब गौशाला संचालित होने से इस संस्था के द्वारा गौ सेवा के क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य किया जा रहा है।