महासमुन्द

आदिवासियों के हित में कोई घोषणा नहीं कर पाए मोदी-विनोद चंद्राकर
10-Apr-2024 3:12 PM
आदिवासियों के हित में कोई घोषणा नहीं कर पाए मोदी-विनोद चंद्राकर

महासमुंद,10 अप्रैल। पूर्व संसदीय सचिव व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि मोदी छत्तीसगढ़ की पावनधरा पर आये और जनता के सामने झूठ परोस कर चले गए। 

उन्होंने जगदलपुर क्षेत्र के आमाबाल गांव में अपने आप को आदिवासी हितैषी बताया। 10 साल के कार्यकाल में आदिवासियों के विकास की बात कही। 
श्री चंद्राकर ने कहा कि यदि पीएम मोदी वास्तविक में आदिवासियों के हितैषी होते तो मंच से ही आदिवासियों की देवभूमि हसदेव अरण्य की कटाई पर तत्काल रोक लगाने की घोषणा करते। इसके अलावा उन्हें यह भी घोषणा करना था कि नगर नार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं होगाए साथ ही वहां स्थानीय लोगों को रोजगार की प्राथमिकता दी जाएगी। छत्तीसगढ़ में लंबे समय से आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण की फाइल राजभवन में अटकी हुयी है। दो-दो राज्यपाल बदल गये, लकिन फाइल वहीं के वहीं है। छग की जनता को इंतजार है वो फाइल पास होने का और मोदी उस पर भी मौन रहे। प्रधानमंत्री ने विकास, बेरोजगारीए महंगाई पर बात नहीं की।

श्री चंद्राकर ने कहा कि आमाबाल की सभा में भी हर बार की तरह वही हुआ, जो सब पहले से जानते हैं। केवल जुमलेबाजी, लच्छेदार नारे देकर प्रधानमंत्री चले गए। बस्तरवासियों की एक भी मूल समस्या तथा उनसे जुड़ी परेशानियों का उन्होंने उत्तर नहीं दिया। इससे सिद्ध होता है कि मोदी सरकार न आदिवासी हितैषी है न गरीब हितैषी हैं। वे केवल उद्योगपति हितैषी हैं। हजारों आदिवासी हसवेद अरण्य की कटाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। 

इस मामले में उन्होंने एक लफ्ज नहीं बोला। श्री मोदी आदिवासियों की सम्मान का बात करते हैं, आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाने की बात करते हैं, लेकिन वे आदिवासियों का कितना सम्मान करते हैं, वो इसी बात से पता चलता है कि बार-बार वे राष्ट्रपति का अपमान करते हैं। संसद भवन का शुभारंभ राष्ट्रपति के हाथों न करवाकर उन्होंने राष्ट्रपति का अपमान किया था।
 

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