बलौदा बाजार

वर्क आर्डर 3 माह पुराना, अब तक जलकुंभी नहीं निकली
24-Jun-2024 4:02 PM
वर्क आर्डर 3 माह पुराना, अब तक जलकुंभी नहीं निकली

बारिश में तालाब खोदने निकले हैं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 24 जून। बलौदाबाजार में पिपरहा तालाब है। ऐतिहासिक है। धार्मिक महत्व रखता है। इसके गहरीकरण और सुंदरीकरण का वर्क आर्डर 3 महीने पहले ही जारी हो चुका है। पूरी गर्मी निकल गई तालाब का पानी बाहर नहीं निकाल पाए, अब जब बरसात सर पर है तो तालाब खोदने निकले हैं।

इस संबंध में विनोद यादव उपयंत्री नगर पालिका बलौदाबाजार का कहना है कि लोकसभा चुनाव के चलते काम में थोड़ा विलंब हुआ है। दिसंबर-जनवरी तक काम पूरा होने की संभावना है।

पिपररहा तालाब शहर के प्रमुख तालाबों में एक में से एक है। इसे अतिक्रमण और गंदगी मुक्त करते हुए। इसकी साफ सफाई गहरीकरण और सुंदरीकरण के लिए 60 लाख मंजूर हुए।

मिली जानकारी के मुताबिक पिपरहा तालाब सौंदरीकरण के काम के लिए टेंडर जारी किया गया था इसके बाद ठेकेदार नरेश वर्मा को मार्च 2024 को वर्क आर्डर जारी किया गया। बरसात का माह छोडक़र कार्य को 6 माह में पूर्ण किया जाना था। निविदा अनुसार पिपराहा तालाब सुंदरीकरण कार्य में तालाब का तो वाल तालाब ही खुदाई गहरीकरण तालाब के चारों ओर पिचिंग तालाब के किनारे ग्रीनरी पचरी तथा पेवर ब्लॉक लगाया जाना है। इसके बाद तालाब फिर से अपने दशकों पुराने प्रभावशाली रूप में वापस आ जाएगा।

पिपराहा तालाब को संवारने के लिए पिपरहा के लिए पालिका द्वारा योजना बनाकर काम तो शुरू करवाया गया, लेकिन योजना में अब तक सबसे बड़ी परेशानी काम में विलंब है। मार्च में वर्क आर्डर जारी होने के बाद भी एक तिहाई तालाब भी खाली नहीं कराया जा सका है। न ही अब तक पूरे तालाब की सफाई की गई है।

 बारिश के साथ ही तालाब फिर भर जाएगा। इससे न तो गहरीकरण ढंग से हो पाएगा न हीं बरसात के बाद फिर से तालाब को खाली करना संभव है। अगर बरसात के बाद तालाब खाली कराया गया तो गर्मी के दिनों में आसपास के वार्डों में निस्तार का संकट तो खड़ा होगा ही ग्राउंडवाटर लेवल पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा।

ग्राउंडवाटर को रिचार्ज करने बुजुर्गों ने 8 तालाब खुदवाए

नगर के बुजुर्गों ने नगर वासियों की निस्तार की समस्या दूर करने तथा भूजल स्तर को साल भर रिचार्ज करने के लिए नगर के अलग-अलग हिस्सों में चिन्नास्वामी 16 देवरहा धोबी पिपराहा रामसागर रानी सागर समेत 8 बड़े तालाब खुद आए थे बीते 20 सालों में स्थानीय प्रशासन ने नगर के तालाबों का ना तो रखरखाव किया ना ही कभी इस और ध्यान दिया इसके चलते साल भर सभी तालाब गंदगी से आते पड़े हैं। कुछ साल पहले तक जिन तालाबों में सामाजिक धार्मिक कार्यों के साथ ही साथ बड़ी संख्या में लोगों की निस्तारी होती थी। उन तालाबों के बगल से गुजरने में नाक में कपड़ा रखना पड़ता है।

बीते 10 से 15 साल के दौरान बलौदाबाजार के आसपास के सीमेंट संयंत्रों द्वारा जनप्रतिनिधियों की मांग तथा प्रशासन के दबाव के चलते नगर के तालाबों के लिए जितना कार्य किया है उतना कार्य स्थानी प्रशासन द्वारा नहीं किया गया। संयंत्रों द्वारा तालाबों के गहरीकरण तथा सफाई कराए जाने के बाद इन तालाबों का रखरखाव भी स्थानीय प्रशासन द्वारा नहीं किया गया। इसके चलते नगर के सभी तालाबों में हद से ज्यादा गंदगी है।

बलौदाबाजार में पिपराहा से ही है छत की पहचान

 

पिपरहा तालाब में हजारों लोगों की निस्तारी  होती है। हर साल हजारों उत्तर भारतीय लोगों द्वारा तालाब किनारे छठ पूजा भी की जाती है। लिहाजा नगर पालिका ने योजनाबध तरीके से तालाब को संवारने का कार्य प्रारंभ कर एक और जहां संवेदनशीलता का परिचय दिया, वहीं विलंब से हो रहे कार्य से एक बार फिर सौंदर्यीकरण के नाम पर भ्रष्टाचार की आशंका है।

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