बलौदा बाजार
![सीमेंट संयंत्र का दूषित पानी खेतों में, किसानों को बुवाई की चिंता सताने लगी सीमेंट संयंत्र का दूषित पानी खेतों में, किसानों को बुवाई की चिंता सताने लगी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719225884hoto-456.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 24 जून। स्थानीय अंबुजा सीमेंट संयंत्र के कोल यार्ड से निकलने वाला काला पानी इन दिनों किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। संयंत्र से निकलने वाला काला पानी नाले के माध्यम से नाले में लगे हुए खेतों में भर रहा है। जिसके कारण किसानों को बुवाई और जुताई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खेतों में पानी भरे होने के कारण किसानों को बुवाई की चिंता सताने लगी है।
उल्लेखनीय है कि संयंत्र द्वारा विगत कई वर्षों से दूषित पानी छोड़ा जा रहा है, जो खेतों में पहुंचकर खेतों की उर्वरक क्षमता व फसलों को भी नुकसान कर रहा है। संयंत्र द्वारा छोड़ा गया पानी 12 महीनों खेतों में जा रहा है। जिससे फसलों की कटाई में किसानों काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
संयंत्र द्वारा छोड़े गए पानी में कोयला का बारीक कण राखड़ फ्लाई एस के कण एवं सीमेंट के बारीक कण होने के कारण खेतों में पानी के साथ जाकर फसलों को अंकुरित होने से पहले ही नष्ट कर रहा है। साथ ही खेतिहर जमीन की उपजाऊपन को धीरे-धीरे खत्म कर रही है। जिसके कारण किसानों को डबल बुवाई का खर्च उठाना पड़ रहा है।
इसके अलावा संयंत्र से निकलने वाला दूषित पानी नाले के माध्यम से रवान होते ग्राम टोनाटार से होते हुए जमुनईया नाले में मिल जाता है। इस बीच सैकड़ो एकड़ खेतों के फसलों को प्रभावित करता है। कई बार बरसात के दिनों में अत्यधिक वर्षा होने के कारण अंबुजा विद्यापीठ के समीप स्थित नाले में तूफान आ जाने पर संयंत्र का पानी नाले के माध्यम से सैकड़ो एकड़ जमीन पर फैल जाता है। इसकी शिकायत प्रभावित किसान द्वारा संबंधित विभाग को समय-समय पर की जा रही है। परंतु संबंधित विभाग द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते समस्या ज्यो कि त्यों बनी हुई है।
इस संबंध में प्रभावित किसानों द्वारा संयंत्र के अधिकारियों को अवगत कराया गया है, परंतु संयंत्र के अधिकारी इस संबंध में प्रभावित किसानों को सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। लगातार 3 वर्षों से संयंत्र के अधिकारी प्रभावित कृषि जमीन को देखकर चले जाते हैं। परंतु आज तक किसी प्रकार की इस संबंध में संयंत्र द्वारा सार्थक पहल नहीं किया गया है। इसके कारण संयंत्र के प्रति लोगों में नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि एक वर्ष पूर्व ग्राम भद्रापाली में पर्यावरण संरक्षण पर जनसुनवाई रखी गई थी। इसमें तत्कालीन कलेक्टर सुनील कुमार जैन शामिल हुए थेष जनसुनवाई में सीमेंट प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने संयंत्र के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान व इस क्षेत्र को होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया था। तब तत्कालीन कलेक्टर द्वारा लोगों के समस्या को सुनते हुए जनसुनवाई को सफल बनाने के लिए अपील की गई थी। क्षेत्रीय लोगों द्वारा इन्हीं सब समस्या के बारे में कैरेक्टर साहब को अवगत भी कराया गया था। जिसमें संयंत्र के अधिकारियों ने संयंत्र से होने वाले नुकसान को दूर करने की सहमति भी बनाई गई थी। परंतु संयंत्र के आदेश ज्यादा निर्माण हो जाने के बाद ग्रामीणों की समस्या को ठंडा बस्ती में डाल दिया गया चला गया था। ही समस्याओं का निराकरण करने वाले पुराने अधिकारी भी यहां से चले गए हैं। समस्या का निराकरण तो हुआ नहीं परंतु सीमेंट संयंत्र प्रभावित क्षेत्र में जनता की समस्या और बढ़ गई।
भूपेंद्र ठाकुर एचआरएम अंबुजा सीमेंट संयंत्र का कहना है कि किसानों की समस्या के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जल्द से जल्द समस्या का निराकरण हो जाएगा।