सरगुजा
![शिक्षा अफसरों का अजीब फरमान, पालक और बच्चे हो रहे परेशान शिक्षा अफसरों का अजीब फरमान, पालक और बच्चे हो रहे परेशान](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719914392-0123.jpg)
बाध्यता यह कि जबरदस्ती पोषक शाला में टीसी जमा कर निश्चित स्कूलों में ही करा रहे प्रवेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 2 जुलाई। अंबिकापुर के शिक्षा विभाग ने बच्चों के प्रवेश की नीति को लेकर एक अजीब फरमान अंबिकापुर ब्लॉक में जारी किया गया है। जिसके अनुसार प्राथमिक स्कूल अपने पोषक मिडिल स्कूल को सीधे टीसी जमा कर रहा है और मिडिल स्कूल अपने पोषक हाईस्कूल को सीधे टीसी जमा कर रहा है और बच्चों को जबरदस्ती उसी स्कूल में प्रवेश के लिए बाध्य कर रहे हंै, जबकि शिक्षा के अधिकार और बालक कल्याण के नियमानुसार कोई भी बच्चा किसी भी स्कूल में अपने आगे की पढ़ाई के लिए जाकर प्रवेश ले सकता है।
इस संबंध में मिली शिकायत के अनुसार अंबिकापुर ब्लॉक के जिला मुख्यालय से लगे रामपुर, लोधिमा, सरई टिकरा के कुछ पालकों ने अपने पंच और जनप्रतिनिधियों से शिकायत कर बताया कि उनके बच्चों की टीसी जबरदस्ती प्राथमिक स्कूल द्वारा मिडिल स्कूल और हाईस्कूल में दे दी गई है, जबकि वह अपने बच्चों को पास के दूसरे स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं क्योंकि सडक़ सुविधा व अन्य साधन नहीं होने पर पहले भी कोई अपने नाना या दादा के घर से पढ़ाई करते थे, लेकिन वह अब अपने घर से पढ़ाई करना चाहते हैं जिससे उनके पास के स्कूल में उन्हें प्रवेश की आवश्यकता है लेकिन उन्हें टीसी नहीं दी जा रही है और किसी ने टीसी ले भी ली है तो उन्हें प्रवेश के लिए भटकना पड़ रहा है।
कुछ पालकों ने टीसी लेकर संबंधित ग्राम के मिडिल स्कूल में जाकर अपने बच्चों के एडमिशन के लिए उस स्कूल के हेड मास्टर से संपर्क किया तो उसने प्रवेश लेने के लिए मना कर दिया और बताया कि वह उसी स्कूल में जाकर पढ़े, जिस स्कूल में उनकी टीसी जमा की गई है, हमारे द्वारा प्रवेश नहीं लिया जाएगा।
इसी ग्राम पंचायत के लगभग 15 से 20 पालकों की शिकायत है कि उनके बच्चों को उन्हें उस स्कूल में प्रवेश के लिए मना कर दिया जा रहा है, जिस स्कूल में वह अपने बच्चों को पढऩा चाहते हैं।
बच्चों के पालकों ने बताया कि संबंधित स्कूल के हेड मास्टर का कहना है कि ऊपर अधिकारियों का आदेश है कि उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाए जो दूसरे स्कूल से टीसी लेकर आ रहे हैं और उन्हें लौटा दिया गया।
पालकों ने आरोप लगाते हुए बताया कि शिक्षा विभाग के इस फरमान से वे अपने बच्चों को अपने पसंद के और नजदीक के स्कूल में पढ़ा भी नहीं सकते उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर से भी शिकायत करने की बात कही है।
इस संबंध में अंबिकापुर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गोपाल दुबे से जब जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान नहीं होने के लिए ऐसा नियम बनाया तो गया है लेकिन बाध्यता नहीं है। पालक अपने बच्चों को अपने मनचाहे स्कूल में प्रवेश करवा सकते हैं और संबंधित स्कूलों को प्रवेश लेना पड़ेगा। यह नियम बनाने का मात्र उद्देश्य यह है कि कोई भी बच्चा आगे की पढ़ाई के लिए शाला त्यागी न हो सके और सतत उसकी शिक्षा उसे मिल सके। संबंधित स्कूल यदि प्रवेश लेने से मना कर रहे हैं तो मैं देखकर कार्रवाई करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि तत्काल सीएसी को भेज कर जानकारी लेंगे।