कोण्डागांव
![एकमात्र सरकारी नर्सिंग सेंटर में असुविधाओं का अंबार एकमात्र सरकारी नर्सिंग सेंटर में असुविधाओं का अंबार](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1721924869-1.gif)
बारिश में छत से पानी टपकता है, छात्राएं हो रहीं बीमार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 25 जुलाई। पुराना जिला अस्पताल जहां अब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय संचालित होता है, उसके ठीक पास में कोण्डागांव जिला का एकमात्र शासकीय नर्सिंग सेंटर सह छात्रावास संचालित है। कोण्डागांव को जिला का दर्जा प्राप्त होने के पहले से यह नर्सिंग सेंटर संचालित है, लेकिन जिला बनने के बावजूद इस ओर किसी अधिकारी ने गंभीरता नहीं दिखाई है, जिसके चलते सेंटर और छात्रावास में कई छोटी-छोटी समस्याएं विकराल रूप ले चुकी हैं। इन्हीं असुविधाओं के कारण कई प्रशिक्षार्थी बीमार तक हो चुकी हैं। हालांकि नर्सिंग सेंटर प्रबंधन का कहना है कि समस्या के निराकरण के लिए उच्च अधिकारियों से पत्राचार व मौखिक रूप से समय-समय पर अवगत करवाया जाता रहा है।
कोण्डागांव के शासकीय नर्सिंग सेंटर में वर्तमान में 90 प्रशिक्षार्थी छात्राएं हैं, जो प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष में अध्ययनरत हैं। सभी प्रशिक्षार्थी पूरे छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से संबंध रखती हैं। लेकिन किसी भी प्रशिक्षार्थी ने अपने जीवन में ऐसा भवन नहीं देखा है, जिसकी स्थिति इतनी दयनीय हो।
दरअसल, कोण्डागांव के एकमात्र शासकीय नर्सिंग सेंटर का भवन दंडकारण्य डेवलपमेंट के दौरान बनाया गया भवन है, जो कि 1960 के दशक में बनकर तैयार हुआ है। 1960 के दशक में बनकर तैयार भवन में वर्तमान में शासकीय नर्सिंग सेंटर भवन संचालित है। यहां नर्सिंग प्रशिक्षार्थियों के लिए हॉस्टल भी संचालित किया जा रहा है। 1960 के दशक में बने इस भवन की छत उसी समय टीन के चादर से छाया गया छत है, जो कि समय अंतराल के चलते जंग लगकर छेद से भर चुका है। आज इस छत में चावल की छन्नी से ज्यादा छेद नजर आते हैं, जिसके चलते बारिश का पानी बाहर की बजाय अंदर ज्यादा टपक रहा है।
कभी बिस्तर गद्दा होता है गीला, तो कभी किताबें होती हैं नम
छात्रावास में रहकर नर्सिंग का प्रशिक्षण ले रही प्रशिक्षार्थियों ने बारी-बारी से बताया कि लगातार हो रही बारिश के कारण बारिश का पानी उनके कमरों और कक्षाओं में भर जाता है। इस कारण से कई बार उनके बिस्तर गीले हो जाते हैं। इतना ही नहीं, कमरे में रखे कपड़े और उनकी किताबें भी बारिश की नमी से नम पड़ जाती हैं। लगातार नमी और गीलापन के कारण कई प्रशिक्षार्थी यहां बीमार हो चुकी हैं। अधिक बीमार होने से प्रशिक्षार्थियों को उनके घर छुट्टी देकर भेज दिया जा रहा है, जिसके चलते उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
नया भवन मंजूर, पुराने की मरम्मत पर नहीं दिया जा रहा ध्यान -प्राचार्य
शासकीय नर्सिंग सेंटर की प्राचार्य अनीता सोनी ने बताया कि छात्रावास और नर्सिंग सेंटर की जर्जर स्थिति के संबंध में लगातार उच्च अधिकारियों को पत्राचार व मौखिक जानकारी दी जाती रही है। इतना ही नहीं, क्षेत्र के विधायक को भी इस संबंध में जानकारी दी जा चुकी है। उच्च अधिकारियों से उन्हें जानकारी प्राप्त हुई है कि छात्रावास के लिए 2 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। लेकिन वर्तमान में जिस स्थिति में प्रशिक्षार्थी हैं, उसके लिए तात्कालिक व्यवस्था के तौर पर मरम्मत की आवश्यकता है। लेकिन अब तक कोई पहल होती दिखाई नहीं दे रही है।