कोण्डागांव
![कारगिल युद्ध में शामिल जवान पिता के निधन पर भी नहीं लौटा था घर कारगिल युद्ध में शामिल जवान पिता के निधन पर भी नहीं लौटा था घर](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1722100160-7.gif)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 27 जुलाई। कारगिल विजय दिवस को याद करते हुए अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के पूर्व सैनिकों ने कोण्डागांव के ऑडिटोरियम भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया। यहां पूर्व विधायक मोहन मरकाम, नगर पालिका उपाध्यक्ष जसकेतु हुसेंडी, कलेक्टर कुणाल दुदावत, पुलिस अधीक्षक वाई अक्षय कुमार मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं कार्यक्रम में शामिल अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के उपाध्यक्ष व कारगिल युद्ध में शामिल जवान अजनेर लकड़ा ने‘छत्तीसगढ़’ से खास चर्चा करते हुए अपने कारगिल युद्ध के अनुभव को विस्तार से बताया।
अजनेर लकड़ा के पिता की मृत्यु कारगिल युद्ध के दौरान ही हो गई थी, लेकिन उन्होंने पितृ शोक मनाने के बजाय राष्ट्र प्रेम दिखाते हुए कारगिल युद्ध में अपना निरंतर योगदान दिया। इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पदक देकर सम्मानित भी किया गया है।
जिला मुख्यालय कोण्डागांव के डोंगरीपारा लोहारपारा निवासी अजनेर लकड़ा कभी अपनी सेवाएं भारतीय सेना में बतौर जवान के रूप में दे चुके हैं। अब वे रिटायर होकर कोण्डागांव में व्यवसायी के रूप में जीवन बिता रहे हैं। अजनेर लकड़ा की सन् 1999 में कारगिल युद्ध में सक्रिय भूमिका रही है। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर अजनेर लकड़ा ने ‘छत्तीसगढ़’से खास बातचीत करते हुए विजय दिवस पर युद्ध की विजय गाथा का बखान किया।
उन्होंने यह भी बताया कि, 3 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक युद्ध चलता रहा। उनकी तैनाती कारगिल से 10 किमी अंदर सैनिकुंड में थी। यहां रहते हुए उन्हें सूचना मिली कि 14 जुलाई 1999 को उनके पिता का देहांत हो गया, लेकिन अपने पिता के देहांत के बावजूद वे घर नहीं लौटे। वे कारगिल विजय के बाद 15 अगस्त को लगभग एक माह बाद अपने घर लौटे। अजनेर लकड़ा की युद्ध में भूमिका अर्चलिरी टोप के साथ थी।
उन्होंने बताया कि, बॉर्डर में छोटी-मोटी गोलीबारी तो हर रोज होती है। लेकिन अर्चलिरी टोप का मतलब होता है युद्ध विराम का अंत। अर्चलिरी टोप केवल युद्ध के दौरान ही दागे जाते हैं और उनकी तैनाती अर्चलिरी टोप दागने के लिए ही की गई थी।
कार्यक्रम में शामिल पूर्व विधायक मोहन मरकाम, कलेक्टर कुणाल दुदावत, पुलिस अधीक्षक वाय अक्षय कुमार, नगर पालिका उपाध्यक्ष जसकेतु उसेंडी ने अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम की सराहना की। साथ ही कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को नमन करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए।