रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 अगस्त। अखिल भारतीय विद्युत अभियंता संघ के संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत विनियामक आयोग के पूर्व सचिव श्री पी.एन. सिंह ने उच्चदाब स्टील निर्माताओं द्वारा विद्युत दरों को लेकर की जा रही मांग पर विस्तार से तकनीकी पक्ष तथा अपने विचार प्रस्तुत किये है। श्री सिंह ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय तथा सचिव ऊर्जा श्री पी. दयानंद को पत्र प्रेषित करते हुए कहा है कि- छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये विद्युत दरों के निर्धारण की प्रक्रिया अन्तर्गत समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर सभी पक्षों को अपनी सुझाव एवं आपत्ति कहने की बात कही। जिस पर कोई भी चाहे तो वह अपना लिखित आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। नियामक आयोग का यह फैसला अर्द्धन्यायिक फैसला है यदि कोई इस फैसले से असहमत है तो वह अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपना पक्ष रखकर वहां से न्याय प्राप्त करने को स्वतंत्र है। भारत सरकार द्वारा पूरे देश मे यह व्यवस्था कायम की गई है। फिर भी यदि कोई दूसरा रास्ता अपनाता है तो वह अराजकता फैलाने का दोषी है। यदि किसी अदालती कार्यवाही में किसी को न्याय नहीं मिलता है तो उसे उच्च अदालत में अपील करने का अधिकार है। यही व्यवस्था विद्युत नियामक आयोग के प्रकरण में भी है। यदि किसी अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने के बजाय सडक़ों पर हुडदंग करते चला जाता है तो कानूनी कार्यवाही एवं सजा का हकदार है।
विद्युत नियामक आयोग के आदेश से स्टील उद्योग का एक वर्ग यह महसूस करता है कि उसे नुकसान हो रहा है, तो उसके पास अपीलेट ट्रिब्यूनल में जाने का रास्ता है।