धमतरी

माताओं ने रखा कमरछठ का व्रत
25-Aug-2024 2:44 PM
माताओं ने रखा कमरछठ का व्रत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 25 अगस्त।
संतान की लंबी उम्र के लिए माताओं ने कमरछठ का व्रत रखकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। नगर में इसके लिए कई स्थानों पर सगरी का निर्माण किया गया, जिसमें पंडितों ने महिलाओं से विधि विधान से पूजा सम्पन्न कराया। 

शनिवार को कुरूद के वार्ड नंबर पांच में प्राचीन राममंदिर के समीप महिलाओं ने विधिवत सगरी का निर्माण कर पूजा-अर्चना की। पूर्व नपं अध्यक्ष ज्योति भानु चन्द्राकर ने भूमिका सिन्हा, दामिनी चन्द्राकर, तुलसी सिन्हा, गूंजन चन्द्राकर, रूकमणी देवांगन, नर्मदा चन्द्राकर,चन्द्रिका देवांगन,वंदना पांडे, पूष्पा, रेखा, द्रौपदी चन्द्राकर, अनिता बैस आदि सहेलियों के साथ सगरी कुण्ड बनाकर हलषष्ठी देवी की विशेष पूजा-अर्चना की। इस मौके पर पूजा अर्चना कराने वाले पण्डितों ने हलषष्ठी पर्व के सम्बन्ध में करीब छ: अध्यायों के कथा का विधि पूर्वक कथा वाचन भी किया।

पुजारी ईश्वर पांडे ने बताया कि माताएं अपने संतान के दीर्घायु जीवन एवं उज्जवल भविष्य की कामना में निर्जला व्रत रखती हंै। इस प्रसंग की कथा सुनने के पश्चात शुभ मुहूर्त में भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा कर संतान और परिवार के सुखमय जीवन की कामना करती हैं।

इसी तरह अलग अलग स्थानों पर महिलाओं ने कमरछठ का पर्व मनाया। एक दिन पूर्व कमरछठ की तैयारी को लेकर बाजार में खासी भीड़ नजऱ आई। विभिन्न मोहल्लों में बजते भक्तिमय संगीत ने वातावरण को मनभावन बना दिया था।

कमरछठ पर्व में भैंस के दूध, दही और घी का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इस दिन व्रती महिलाओं को गाय के दूध, दही और घी का प्रयोग वर्जित है।  व्रती माताएं बिना हल चली जमीन पर पैदा होने वाले पसहर चावल का सेवन कर उपवास तोड़ती हैं।

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