कोण्डागांव

मशरूम उत्पादन ने दिया महिलाओं को स्वालम्बन का नया मुकाम
02-Jan-2021 2:38 PM
 मशरूम उत्पादन ने दिया महिलाओं को स्वालम्बन का नया मुकाम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोण्डागांव, 2 जनवरी। जिले की ग्रामीण महिलाओं को मशरूम उत्पादन से जोडक़र उनके अतिरिक्त आमदनी का नया जरिया उपलब्ध कराया जा रहा है। यु तो बस्तर संभाग के सभी जिलों में विभिन्न मशरूम की प्रजातिया बहुतायत से पायी जाती हैं जिसे स्थानीय समुदाय के लोग बड़े चाव से खाते हैं। इन मशरूमों को स्थानीय बोली फुटु या छाती के नाम से भी जाना जाता हैं। इन मशरूम की प्रजातियों को स्थानीय भाषा में माने डाबरी फुटु, भात छाती, टाकु, मजुर डुंडा, हरदुलिया, पीट छाती, कोडरी सिंग फुटु, कड़ छाती कहते हैं। लेकिन ये सब मशरूम की प्रजातिया केवल वर्षा और शरद ऋतु में ही मिलते है इन मशरूमों को वनों से संग्रहण करना स्थानीय ग्रामीण महिलाओं का प्रिय एतिहासिक घरेलू कार्य रहा है और अब राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत इन ग्रामीण महिलाओं को ओयेस्टर मशरूम के उत्पादन में प्रशिक्षित करके उन्हें आय का एक विकल्प दिया जा रहा हैं।

इस क्रम में विकास खण्ड फरसगांव के ग्राम बड़ेडोंगर-भैसाबेड़ा गांव की दन्तेश्वरी स्वसहायता की महिलाओं ने मशरूम उत्पादन में विशेष रूचि लेकर अन्य ग्रामीणों समुदाय के समक्ष एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया हैं। इस स्वसहायता समूह की अध्यक्ष सोनादई बताती है कि उनके समूह में 13 सदस्य महिलायें है और इस कार्य के लिए विहान द्वारा उन्हें मशरूम सेड के लिए 50 हजार तथा मशरूम बीज (स्पौन) पॉलीथिन व दवाईओं के लिए 50 हजार इस तरह कुल एक लाख अनुदान दिया गया है और वर्ष 2020 में उनके द्वारा 256 किलो (200 प्रति किलो ग्राम) मशरूम उत्पादन किया। जिसमें से सुखायें गये 5 किलो मशरूम पर उन्हें 51 हजार 2 सौ रूपए का मुनाफा हुआ। इसके अलावा हाल ही में 8 किलो सुखे मशरूम (8 सौ रूपयें प्रति किलो) के दर से बिक्री किया है।

पोषक तत्वों का खजाना है मशरूम

यु तो मशरूम सभी ने कभी न कभी खाया है और इस मशरूम में उपस्थित कई विटामिन्स व माइक्रोन्युट्रीयन्स इम्युनिटी बढऩे में सहायक होते हैं चुकिं इसका आकार सीप की तरह होता है अत: इसे ओयेस्टर मशरूम कहते हैं। इस मशरूम मेें एक अध्ययन के अनुसार विटामिन सी, और विटामिन बी के अलावा 1.6 से 2.5 फीसदी तक भरपूर प्रोटीन होता है। इसके अलावा हमारे शरीर के सुचारू रूप से काम करने के लिए आवश्यक पोटेशियम सोडियम, फॉस्फोरस, लोहा, कैलसियम जैसे जरूरी तत्व भी इसमें मौजूद होते हंै।

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