रायपुर
![एम्स के सिद्धा रोग विभाग ने राष्ट्रीय सिद्धा दिवस मनाया एम्स के सिद्धा रोग विभाग ने राष्ट्रीय सिद्धा दिवस मनाया](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1609686522iims.jpeg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 जनवरी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर में राष्ट्रीय सिद्धा दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर इसे कारगर भारतीय चिकित्सा पद्धति बताया गया। इस अवसर पर चिकित्सकों ने एलोपैथी के साथ सिद्धा का प्रयोग कर लाइफस्टाइल संबंधी कई बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज करने का आह्वान किया।
आयुष के सिद्धा विभाग में ऋषि अगस्त्सय के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने इसे कारगर भारतीय चिकित्सा पद्धति बताया। उन्होंने कहा कि एलोपैथी के साथ यदि आयुष के विभिन्न विभागों के चिकित्सकों की मदद से इलाज किया जाए तो कई बीमारियों का आसान इलाज संभव है। उन्होंने इस दिशा में सघन अनुसंधान पर भी जोर दिया।
मेडिकल ऑफिसर (सिद्धा) डॉ. लक्ष्मण कुमार के अनुसार विभाग में वर्मा थैरेपी, थोकडम थैरेपी और पोटली पद्धति से रोगियों की कई लाइफस्टाइल संबंधी बीमारियों का इलाज किया जा चुका है। सिद्धा की मदद से ब्लड प्रेशर, शुगर, गैस संबंधी बीमारियां और कई प्रकार के त्वचा रोगों को ठीक किया जा सकता है। इसमें एग्जिमा और नॉन कैंसरस गांठों का इलाज संभव है। विभाग ने कोविड-19 के दौरान नियमित रूप से कबासुर कुड्डी नीर (काढ़ा) को भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए वितरित किया।
इस अवसर पर प्रो. नागरकर और अन्य चिकित्सकों ने एम्स परिसर स्थित हर्बल गार्डन में बेल, आंवला, काली मिर्च, शंखपुष्पी आदि औषधीय गुणों से संपन्न पौधों को लगाया। इस अवसर पर डॉ. विक्रम पई, डॉ. आशुतोष त्रिपाठी, डॉ. सुनील राय और डॉ. अदनान मस्तान सहित विभिन्न विभागों के चिकित्सक और नर्सिंग स्टॉफ उपस्थित था।