बस्तर

बस्तर में निवासरत जनजाति समाज की जीवन शैली और परंपराओं के संबंध में आसना पार्क में बनाई जा रही जीवंत झांकियां
06-Jan-2021 3:51 PM
बस्तर में निवासरत जनजाति समाज की जीवन शैली और परंपराओं के संबंध में आसना पार्क में बनाई जा रही जीवंत झांकियां

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 6 जनवरी। बस्तर पहुंचने वाले पर्यटक और अगली पीढ़ी को बस्तर में निवासरत जनजाति समाज की जीवन शैली और  परंपराओं के संबंध में जानकारी देने के लिए आसना पार्क में जीवंत झांकियां बनाई जा रही है जो कुछ माह में पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो जाएगी।

बस्तर में काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं और बस्तर की कला संस्कृति और परंपरा पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान रखती है। जिसे जानने के लिए भी पर्यटक उत्सुक रहते हैं।

 पर्यटकों को बस्तर संभाग में पाए जाने वाले जनजाति समाज के जीवन शैली की जानकारी  पहुंचाने के लिए नगर सीमा से लगे आसना पार्क में वन विभाग के द्वारा नदी नाले पहाड़ के साथ वहां बसने वाले जनजाति मुरिया, माडिय़ा,गौंड, हल्बा और भतरा  लोगों के रहन-सहन को दर्शाने के लिए उनके निवास और उसके आसपास स्थित वातावरण को प्रदर्शित करने का प्रयास किया जा रहा है। स्थानीय कलाकारों द्वारा जीवंत झांकी बनाया जा रहा है।

इस संबंध में एसडीओ सुषमा जे नेताम ने बताया कि बस्तर में विभिन्न जनजाति अपनी परंपरा के अनुसार चलते हैं। कोई पहाड़ी इलाकों में तो कोई मैदानी इलाकों में बसते हैं। कोई खेती किसानी करते हैं, तो कुछ  जनजाति आजीविका के लिए वनोपज पर निर्भर रहते हैं। उन्होंने बताया कि अगले कुछ माह में यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगी। और लोग बस्तर जनजाति की दिनचर्या और उनके जीवन यापन की गतिविधियों से हूबहू रूबरू हो सकेंगे ।

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