रायपुर
![बारदाना संकट से बढ़ी किसानों की चिंता बारदाना संकट से बढ़ी किसानों की चिंता](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1609930537han8.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 जनवरी। धान खरीदी में बारदानों की कमी आड़े आ रही है। हालत ये है कि धान बिक्री के लिए 50 फीसदी से लेकर 75 फीसदी बारदानों का किसान खुद बंदोबस्त कर रहे हैं। बारदानों की कमी के अलावा कुछ केंद्रों में धान खरीदी के लक्ष्य में कमी किए जाने के कारण किसान बचे हुए धान की बिक्री को लेकर आशंकित है।
रायगढ़ जिले के ग्राम लैलूंगा के किसान राजेन्द्र कुमार ने बताया कि उनके पास 15 एकड़ खेत है। अब तक वह 100 क्ंिवटल धान बेच चुके हैं। लगभग 204 क्ंिवटल धान बचा हुआ है। धान खरीदी के लिए 75 फीसदी बारदानों की किसान को खुद बंदोबस्त करना है। उन्होंने 30 रु. की दर से बारदाना खरीदा है जबकि सहकारी समितियों से 15 रु. की दर से भुगतान किया जा रहा है। फिलहाल धान खरीदी के लिए टोकन नहीं मिल रहा है। सहकारी समिति द्वारा 1100 क्ंिवटल खरीदी के लक्ष्य को घटा दिया गया है। जिसके कारण वह चिंतित हैं। सहकारी समिति द्वारा धान खरीदी न किए जाने पर उन्हें मंडी में लगभग 12 सौ क्ंिवटल के भाव से धान बेचना पड़ेगा।
किसान भेखराम पटेल ने बताया कि वह अब तक 60 क्विंवटल धान बेच चुके हैं और लगभग 30 क्ंिवटल धान बचा है। धान खरीदी केंद्र में धान खरीदी के लक्ष्य में कमी लाने की बात कही जा रही है। जिसके कारण बचे हुए धान की बिक्री को लेकर चिंता बनी हुई है। किसान यतिराम भगत ने बताया कि वह 66 क्ंिवटल धान बेच चुके हैं। शुरु शुरु में धान बिक्री को लेकर अड़चन नहीं आ रही थी लेकिन अभी बारदाने की कमी के कारण दिक्कत आ रही है।
सहकारी समिति में 300 क्ंिवटल धान बेच चुके मोहन लाल सिंघानिया
ने बताया कि पूर्व में किसान 50 प्रतिशत बारदाना का बंदोबस्त कर रहे थे लेकिन वर्तमान में यह दर 70-30 कर दी गई है। फिलहाल उनके पास 200 क्ंिवटल धान बचा है। उन्हें उम्मीद है कि बचा हुआ धान बिक जाएगा अयथा मंडी में आधे रेट पर उन्हें बचा हुआ धान बेचना पड़ेगा।