महासमुन्द

कृषि बिल किसानों के साथ धोखा है-चावला
09-Feb-2021 5:39 PM
कृषि बिल किसानों के साथ धोखा है-चावला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 9 फरवरी।
महासमुंद जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश सचिव अमरजीत चावला ने देश भर में आंदोलनरत किसानों में से शहीद हुए अन्नदाताओं को श्रद्धांजलि देते हुए किसान आंदोलन को कांग्रेस पार्टी का पूर्ण समर्थन होने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल सरकार की किसान हित में किए गए कार्यों को रोल मॉडल बनाती तो पूरे देश के किसान खुशहाल होते और उन्हें इस कडक़ड़ाती ठंड सडक़ पर उतरकर आंदोलन करने की जरुरत नहीं पड़ती।

पूर्व जिलाध्यक्ष अमरजीत चावला ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए तीनों किसान विरोधी कानून वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग भी कांग्रेस केन्द्र सरकार से कर रही है। बजट में भी किसानों को छला गया, कृषि बजट भी पिछले साल की तुलना में 154 लाख करोड़ से घटाकर 1.48 लाख कर दिया गया अर्थात 6 हजार करोड़ रुपये की कमी कर दी गई। 

किसान सम्मान निधि की राशि में भी पिछले वर्ष की तुलना में 10 हजार करोड की कटौती कर दी गई है। खेती के बजट में भी 6 प्रतिशत की कमी कर दी गई इंटवेन्शन स्कीम के बजट में भी 25 प्रतिशत की कटौती कर दी गई। बजट में एमएसपी बात नहीं हुई और न ही फूड प्रोसेसिंग और एग्री उत्पादों के एक्सपोर्ट पर टैक्स पर कोई छूट दी गई और आज मोदी सरकार की स्थिति ये हो गई है कि वे धीरे-धीरे देश की सभी लाभ देने वाली कंपनियों को उद्योगपतियों के हाथों बेच रहे हैं।

श्री चावला ने आगे कहा कि देश के अन्नदाताओं की जमीन लूटकर उन्हें मजदूर बनाने की नीयत से ही मोदी सरकार ने कोरोना काल में बगैर किसी से चर्चा किए ही पिछले दरवाजे से चोरी-छिपे कृषि बिल पास करवा लिए। ये बिल किसानों के साथ धोखा है। इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि पहले किसी भी कानून को लागू कर उसमें अनेक वर्षों बाद आवश्यकतानुसार संशोधन की आवश्यकता होती थी परन्तु मोदी सरकार के ये काले बिल लागू होने के पहले ही विवादों में है।

 लिहाजा अब सरकार इस बिल में लागू होने के पहले ही संशोधन करने तैयार है। इसके अलावा इसे डेढ़ साल के लिए रोकने भी तैयार है। इसी से पता चलता है कि कृषि बिल अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए ही बनाया गया है। वैसे सरकार में बैठे लोग भी जानते हैं कि ये बिल गलत है परन्तु अपने अहंकार एवं जिद के कारण इन बिलों को वापस नहीं लिया जा रहा है।

श्री चावला ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार जो यदि वास्तव में किसानों की आय दुगुनी करना चाहती तो किसानों को आंदोलन करने की नौबत नहीं आती। किसान अपनी वैध मांग को लेकर शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं तो उन्हें दबाने के लिए प्रताडि़त नहीं किया जाता। सरकारी प्रताडऩा से अब तक कोई 200 से अधिक किसानों की ठंड एवं अन्य कारणों से मौत हो चुकी है। सरकार किसानों की मांग पूरी करने की बजाय उन पर बर्बरता से पानी की बौछार कर उनके मानव अधिकारों को भी रोक रही है। 

श्री चावला ने कृषि कानूनों  के बारे में विस्तार से बताया कि इन बिलों के लागू होने से व्यापारी किसानों की उपज सस्ते में खरीद कर उसका स्टॉक कर बाद में उसे ऊंची दर पर बेचेंगे। इससे किसानों को अपनी ही उपज सस्ते में बेचकर महंगी दर पर खरीदना होगा। इसके अलावा मंडी की व्यवस्था भी समाप्त की जा रही है जिससे अब तक व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा में अच्छी दर पर बिकने वाली उपज भी काफी सस्ती दर पर व्यवसायी खरीदकर उससे मुनाफाखोरी करेंगे जो कि पूरे देश में व्यवसायियों को भारी लाभ देगा और किसान कंगाल होकर अपनी जमीने ंबेचने मजबूर होंगे।
 

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