महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 14 फरवरी। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना में से एक नगरीय क्षेत्रों के शासकीय भूमि में अतिक्रामकों को शासकीय भूखण्ड का भू स्वामी हक में व्यवस्थापन, बंटन, विलेख का वितरण किया जा रहा है।
राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि का आबंटन तथा अतिक्रमित 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदान किया गया है। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. रवि मित्तल, अपर कलेक्टर जोगेन्द्र कुमार नायक, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुनील कुमार चन्द्रवंशी सहित अन्य विभाग के अधिकारी एवं हितग्राहीगण उपस्थित थे।
शनिवार को जिला कार्यालय के सभाकक्ष में संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित कर संसदीय सचिव एवं महासमुन्द विधायक विनोद चन्द्राकर तथा कलेक्टर डोमन सिंह ने राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भू-खण्ड का भूमि स्वामी हक में व्यवस्थापन, बंटन, विलेख का प्रमाण पत्र दो हितग्राहियों को सौंपा। इनमें महासमुन्द निवासी सुरेन्द्र जायसवाल एवं रविन्द्र जैन शामिल है। सुरेन्द्र जायसवाल ने शासन के नए प्रावधानों का लाभ लेते हुए अपने द्वारा किये अतिक्रमण को नियमितीकरण करने के लिए 4 लाख 38 हजार, 679 रुपए एवं रविन्द्र जैन ने 2 लाख, 19 हजार 123 रुपए चालान के माध्यम से जमा कर अपने भूस्वामित्व अधिकार प्राप्त किया है। इसके अलावा जिला मुख्यालय के शासकीय भूमि के अतिक्रामकों आशा दत्ता, कीर्ति मिश्रा, राकेश जैन, धरम भार्गव को भी शीघ्र भूमि स्वामी हक का अभिलेख प्रदाय किया जाएगा।
इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं विधायक महासमुन्द विनोद चन्द्राकर ने कहा कि राज्य शासन की यह प्रदेश एवं देश में अनूठी योजना है। सरकार की सोच है कि यदि कोई व्यक्ति नगरीय क्षेत्र में स्थित अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के समय राज्य शासन से भूमि स्वामी हक में भूमि प्राप्त करना चाहता है तो भूमि आबंटन के समय संबंधित व्यक्ति को निर्धारित गाइड लाइन अनुसार राशि जमा कर अतिक्रमण भूमि के विस्थापन योजना का लाभ निर्धारित कीमत पर उठा सकते हैं। इसके लिए अन्य लोगों को भी आगे आने की जरूरत है। आज जिन लोगों को यह प्रमाण पत्र दिया जा रहा हैं। वे अन्य लोगों को भी प्रेरित करें ताकि वे लोग भी इस योजना का लाभ अधिक से अधिक उठा सकें।