कवर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 31 मार्च। विकासखंड मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर सुदूर वनांचल में स्थित तरेगांव थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर पंचायत के आश्रित ग्राम लाल माटी में मंगलवार को दोपहर आग लग गई। जिससे सभी 6 घर एवं घरों में रखे सामानों के साथ-साथ दो बछड़ों के भी जल जाने की खबर आ रही है।
तरेगांव थाना प्रभारी मनोज साहू ने बताया कि 30 मार्च को दोपहर लगभग 12 से 1 बजे के दरम्यान में इनके घर के आसपास महुआ पेड़ के नीचे साफ सफाई के लिए आग लगाई गई थी। उसी दौरान तेज हवा चलने के कारण मोती बैगा के मकान में पहले आग लगी और नजदीक के सभी मकान आग के चपेट में आ गए, जिससे 6 मकान जलकर खाक हो गए।
हवा चलने से आग ज्यादा तेजी से फैला, साथ ही चिलचिलाती धूप में लोग आग नहीं बुझा पाए। आसपास पानी की उपलब्धता ना होने के फलस्वरूप 6 परिवार के मकान व उसके साथ उनका सारा सामान जल कर खाक हो गया। प्रभावित परिवार के मकानों में मोतीराम बैगा, तमोली बैगा, बिरसू बैगा बैसाखू बैगा, धनसिंह यादव, सुकलू यादव के मकान के साथ साथ पहनने ओढऩे बिछाने के सारे कपड़े, बर्तन, खाने पीने का राशन अनाज, जमीन जायजाद के दस्तावेज भी जल गए। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस द्वारा बोड़ला से फायर बिग्रेड को बुलाया गया, लेकिन दूरी के चलते भडक़ी आग पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका। पीडि़त परिवार ने घटना की सूचना देते हुए पुलिस थाना तरेगांव में रिपोर्ट दर्ज कराया गया है।
भोरमदेव अभ्यारण्य क्षेत्र में भी लगी आग
होली पर्व के बाद बोड़ला क्षेत्र में आगजनी की घटना में जहां तरेगांव थाना क्षेत्र में मकान व सारा सामान व बछड़े जल जाने से जन धन दोनों की हानि हुई है। वहीं होली पर्व के दूसरे दिन भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र के जंगलों में भी मंगलवार दोपहर से आग लगी थी जिसे रात तक नहीं बुझाया जा सका था। घटना की सूचना वन विभाग के कर्मचारियों को देने के बाद भी भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र के जंगलों में दोपहर से लगी आग रात तक नहीं बुझाई जा सकी। इस विषय में प्रत्यक्षदर्शियों जिनमें बोड़ला क्षेत्र के प्रशांत, बसंत, महेश, चंद्रिका, मुन्नू सोनू आदि ने नाराजगी जताते हुए वन विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। इन्होंने बताया कि बड़ा दुर्भाग्य है कि कर्मचारियों से संवाद स्थापित करने के बाद भी जंगल में लगी आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
उन्होंने बताया कि एनएच में चिल्फी की ओर जाते हुए चोर भट्टी से लेकर चिल्फी घाटी क्षेत्र में सडक़ के दोनों किनारों तक लगभग 15 से 20 किलोमीटर क्षेत्र में जमकर आग लगी हुई थी जोकि रात तक नहीं बुझा जा सके।
महुआ बीनने के चलते लग रही आग
भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र एवं अन्य वनांचल क्षेत्रों में अभी महुआ बिनाई का कार्य वनवासियों द्वारा जोर-शोर से किया जा रहा है। क्षेत्र में महुआ बीनने वाले लोगों के द्वारा महुआ पेड़ के नीचे साफ सफाई हेतु आग लगा दिया जाता है इन्हीं आग के जंगल में पहुंचने से आग लग रही है। ग्राम लाल माटी तरेगांव में भी महुआ बीनने वाले लोगों के द्वारा साफ सफाई हेतु महुआ पेड़ के नीचे आग लगाई गईथी तेज हवा चलने से यह आग एक घर से होते हुए दूसरे घर पहुंचते तक सारे घरों को चपेट में ले लिया।
बताया जाता है कि वनांचल क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों की लापरवाही एवं वनविभाग के फायर वाचरों एवं कर्मचारियों द्वारा वनांचल क्षेत्र में पर्याप्त गस्ती नहीं करने के कारण इस तरह की घटनाओं में वृद्धि हो रही और क्षेत्र के जंगल आग की चपेट में आ रहे हैं।