रायगढ़
रिटायर्ड एएसआई से हुई थी ऑनलाइन ठगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 16 अप्रैल। एसपी संतोष सिंह की पहल पर ठगी के शिकार हुए रिटायर्ड एएसआई के बैंक खाता में 4.69 लाख रूपये पेमेंट गेट वे पेटीएम द्वारा वापस कर दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल माह सितम्बर 2020 को रिटायर्ड एएसआई फकीर चंद सिदार को अज्ञात कॉलर द्वारा पेंशन के संबंध में जानकारी देने का झांसा देकर उनसे एटीएम कार्ड का नम्बर पूछकर 2 एवं 3 सितंबर 20 को 6 लाख 44 हजार रूपये तथा उनकी पत्नी के खाते से 3,78,000 का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किया गया था। पत्नी का बैंक खाता ज्वाइंट एकाउंट था। इस प्रकार एएसआई फकीरचंद सिदार से कुल 10,22,000 की ऑनलाइन ठगी हुई थी। घटना के संबंध में थाना पुसौर में अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध धारा 420 भादंवि के तहत रिपोर्ट दर्ज किया गया था।
पुसौर पुलिस एवं सायबर सेल संदिग्धों के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड सीडीआर, एनालिसिस कर झारखंड से संदेही खिरोधर महतो उर्फ मिथुन 22 वर्ष, श्रवण कर्मकार 28 वर्ष एवं अपचारी बालक सभी निवासी ग्राम ठाकुरचक झारखंड को पूछताछ कर रायगढ़ लाया गया। आरोपियों द्वारा अपराध कबूल कर इनके गिरोह का मुखिया आरोपी लक्ष्मण मंडल को बताया, जो गिरफ्तारी के भय से लगातार लुकछिप रहा है। पुसौर पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपियों का चालान न्यायालय प्रस्तुत किया जा चुका है।
सायबर सेल को अज्ञात आरोपियों द्वारा ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में जितने पेमेंट गेट-वे का उपयोग कर रूपए प्राप्त किए हैं, उन्हें होल्ड कराने तथा फाल्स ट्रांजेक्शन होने का लेटर सभी गेट-वे को लिखकर रूपए वापस करने की प्रक्रिया तेज करने का निर्देश दिया गया। सायबर सेल द्वारा पुलिस अधीक्षक की ओर से बैंक व पेमेंट गेट-वे को लेटर ई-मेल किया गया। पेमेंट गेट-वे पेटीएम द्वारा एफआईआर व पुलिस जांच के आवश्यक दस्तावेजों की मांग की गई, जिसे सायबर सेल द्वारा उपलब्ध कराया गया, अपनी पूरी जांच के बाद गेट-वे द्वारा भी ट्रांजेक्शन को फाल्स पाए और फरवरी 2021 को पीडि़त एएसआई के खाते में उस गेट-वे से ट्रांजेक्शन हुए 4,69,000 रूपये वापस कर दिया गया है। अन्य गेट-वे अपनी जांच प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं।
रिटायर्ड एएसआई फकीरचंद सिदार ने बताया कि उनके खाते में रूपये आने का मैसेज नहीं आया था तो जानकारी नहीं हुई। अप्रैल में जानकारी होने पर सायबर सेल जाकर पता किया तो बताए। फकीरचंद सिदार ने यह भी बताया कि पुलिस अधीक्षक द्वारा उन्हें बैंक लोकपाल में शिकायत करने की सलाह दिए थे, जिस पर वे वकील के माध्यम से बैंक लोकपाल, रायपुर व उपभोक्ता फोरम रायगढ़ में शिकायत किये हैं, जहां जांच प्रक्रियाधीन है।