रायगढ़

पानी के लिए हाहाकार, कुएं भी सूखे
22-Apr-2021 6:39 PM
पानी के लिए हाहाकार, कुएं भी सूखे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 22 अपै्रल।
रायगढ़ पूर्वांचल के सबसे बड़ा तीन हजार की आबादी वाला गांव महापल्ली में पीने के पानी के लिए लोग भटक रहे हैं। कुएं भी सूख चले हैं। वहीं लगभग 25 बोरिंग भी हैं, जो पीने लायक नहीं है। नल जल योजना के तहत गांव में पीने का पानी घर-घर पहुंचाई जाती है। जलस्तर काफी नीचे चले जाने व लगातार आबादी बढऩे के कारण भी भरपूर पानी लोगों को नहीं मिल रही है।

इस क्षेत्र में स्थित सपनई व्यपवर्तन योजना तो मात्र सपना बनकर रह गया है। नहर पट गई है। गांव के कुछ हिस्से में ही धान के फसल के लिए उक्त पानी पर्याप्त नहीं है।  इन 25 बोरिंग में एक बोरिंग आंगनबाड़ी नीचे पारा के पास पिछले 3 महीने से बिगड़ा हुआ है। हालांकि इस बोरिंग का पानी मटमैला व जंग लगा हुआ निकलता है, जो पीने के लिए अनुपयोगी है। 
आंगनबाड़ी के उपयोग के लिए खोदे गए इस बोरिंग से सिर्फ नहाने व बर्तन धोने के उपयोग आंगनबाड़ी में किया जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचई के मेकेनिक भी गांव में रहता है। उसे सूचना देने के बाद भी इस बोरिंग का मरम्मत नहीं किया गया है। 

ग्रामीणों व आंगनबाड़ी कर्मचारियों का कहना है कि इस आंगनबाड़ी में टंकी व शौचालय भी कोई काम का नहीं है। यहां एक बोर की जरूरत है, जबकि सरपंच व जनपद सदस्य अपने सुविधाओं के अनुरूप ही बोर खोदवा रहे हैं। 

आज ही अनुविभागीय अधिकारी से आदेश लेकर 3 बोर खोदवाया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि एक बोर अनुपयुक्त अपने हितैषी लोगों के लिए खोदवाई जा रही है। आंगनबाड़ी के पास बोर की दरकार है। यहां पर आंगनबाड़ी के लिए बच्चों के व गर्भवती महिलाओं के लिए खाना भी बनाए जाते हैं। ऐसे में अनुपयुक्त जगहों पर बोर खनन कर पैसे की बर्बादी का आरोप ग्राम प्रशासन पर ग्रामीण लगा रहे हैं।
 

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