बीजापुर
गर्मियों में प्रोजेक्ट कार्य के जरिये बच्चों को शिक्षा से जोडऩे की पहल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 4 जून। कोरोना माहमारी के 15 महिने से बंद पड़े कक्षाओं के कारण बच्चों की प्रभावित हुई शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की पहल पर आमाराईट के नाम से समर प्रोजेक्ट कार्य के रूप मे बीजापुर विकासखण्ड में एक अभिनव पहल शुरू की गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद ठाकुर के निर्देशन में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मोहम्मद जाकिर खान एवं खण्ड स्त्रोत समन्वयक कामेश्वर दुब्बा मार्गदर्शन में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के स्कूलों में आमाराईट परियोजना का आयोजन नियमित रूप से शुरू किया गया है। इस पहल के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदत्त प्रोजेक्ट कार्य सभी स्कूलों में वितरित कर सभी बच्चों के लिए उपलब्ध कराया गया है जिसमें शिक्षकों के माध्यम से सभी बच्चों को उनके कक्षा के अनुरूप प्रोजेक्ट कार्य सम्पन्न कराया जा रहा है।
बीजापुर विकासखण्ड में 77 स्कूलों में लगभग 5000 बच्चों के साथ आमाराईट परियोजना कार्य प्रारंभ किया गया है जहां बच्चों को फोटो कॉपी,व्हाट्सएप व अन्य ऑनलाइन माध्यम से प्रोजेक्ट वर्क दिये गये है। प्रोजेक्ट वर्क में सामान्य ज्ञान, कोरोना महामारी, टीकाकरण जनजागरूकता के साथ पाठ्यक्रम से संबंधित सामान्य कार्य बच्चों को दिये जा रहे हंै। ये सभी प्रोजेक्ट कार्य ग्रीष्मकालीन अवकाश में 30 जून तक विद्यार्थियो को दिये जायेंगे, जिसके तहत् सभी विद्यार्थी अपने घरे में स्वयं तथा पालको के सहयोग से दिये गये प्रदत्त कार्य को पूरा कर संस्था में जमा करेंगे। आमाराईट को लेकर क्षेत्र के बच्चों में काफी उत्साह एवं सक्रियता देखी जा रही है, आनलाईन शिक्षण की सुचारू व्यवस्था नही होने से आफलाईन मोड में ज्यादातर बच्चें प्रोजेक्ट कार्य को पूरा कर रहे है। इन गतिविधियों में खेल तथा मनोरंजन होने से आमाराईट प्रोजेक्ट बच्चों को काफी आकर्षित कर रही है। अपने आस-पास के वातावरण, गतिविधियों तथा सामान्य ज्ञान के व्यवहारिक प्रश्न होने से बच्चों की इस कार्य के प्रति रूचि सहज रूप से दिख रही है। स्कूल के आस-पास रहने वाले बच्चें आमाराईट परियोजना को लेकर काफी आकर्षित है तथा अपने शिक्षकों से निरंतर सम्पर्क कर दिये गये कार्य को उत्साह के साथ पूरा कर रहे है इस नवाचार के जरिये बच्चों की रूकी हुई शिक्षा को फिर से गति देने में सफलता हासिल हो रही है।
आमाराईट प्रोजेक्ट को सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने के लिए विकास के समस्त शिक्षको के साथ शाला प्रबंधन समिति एवं महिला समूहो का भी सहयोग मिल रहा है। शिक्षकों के माध्यम से सभी बच्चों को परियोजना कार्य घर-घर सम्पर्क कर सरल ढंग से एवं बच्चों की सुविधा अनुसार हल करने के लिए मार्गदर्शन दिया गया है। आमाराईट कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संकुल समन्वयक, राजेश मिश्रा, विजेन्द्र भदौरिया, आनंद टिंगे, धुर्वा सत्यम, किशोर दुर्गम, प्रेम प्रकाश चापड़ी, लोकेश्वर सिंह चैहान, दिलीप दुर्गम, बल्लूराम नेताम, रमन झा, नवल सिंह यादव, कवल सिंह यादव, राजेश सिंह एवं किरण कावरे की सक्रिय भूमिका निभा रहे है।