रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 16 जून। आयुर्वेदिक डॉक्टर, विद्युत सब इंजीनियर और कंपाउंडर द्वारा मिलकर एक आदिवासी महिला से जमीन हड़पने के मामले में आरोपियों में से एक आरोपी की अग्रिम जमानत पर अदालत का फैसला आ गया है। जज गिरजा देवी मेरावी विशेष सत्र न्यायाधीश एट्रोसिटी रायगढ़ ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी आमिर उल्लाह खान की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
आरोपी आमिर उल्लाह खान रायगढ़ विद्युत विभाग में उप इंजीनियर है। पीडि़त आदिवासी महिला की तरफ से सीनियर एडवोकेट अशोक मिश्रा एवं एडवोकेट आशीष मिश्रा द्वारा अदालत में पैरवी की गई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2012 में धर्मजयगढ़ के एक छोटे से गांव खम्हार में रहने वाली आदिवासी महिला चारमती की धर्मजयगढ़ में ही तुर्रापारा में 18381 स्क्वायर फुट की बेशकीमती जमीन थी। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ.खुर्शीद खान और उनके भाई नूर उल्लाह खान, अमीर उल्लाह खान द्वारा पीडि़त महिला से जमीन की फौती दर्ज कराने के नाम पर कोरे स्टांप पेपर पर उसके अंगूठे का निशान ले लिया गया। इस कोरे स्टाम्प पर आरोपी पक्ष ने अपने कंपाउंडर मृणाल मल्लिक को पीडि़त महिला और उसके सह खातेदार का आम मुख्तियार बना दिया।
इसके बाद सारी जमीन डॉक्टर ने अपने और अपने भाई के नाम रजिस्ट्री करवा कर हड़प ली।
महिला द्वारा इनके खिलाफ कई जगह 9 साल तक चक्कर काटने के बाद न्याय के लिए अदालत की शरण में आना पड़ा। अदालत में पीडि़ता की तरफ से सीनियर एडवोकेट अशोक मिश्रा के निर्देशन में एडवोकेट आशीष मिश्रा द्वारा मुकदमा किया गया था। चार माह में ही न्यायालय के आदेश के बाद डॉ.खुर्शीद खान, उनके भाई नूर उल्लाह खान, अमीर उल्लाह खान और कंपाउंडर मृणाल मल्लिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120ठ, 294, 506, एट्रोसिटी एक्ट 3(1) (5), और 3 (1) 10 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।