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नगर कांग्रेस अध्यक्ष को दिया दावेदारी का फॉर्म
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 22 अगस्त। छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट के बीच बीजापुर में कांग्रेस के दावेदार अब जोर आजमाइश करने दावेदारी को आगे आने लगे हैं। तीस साल से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडिय़म ने पहला आवेदन लेकर नगर कांग्रेस कमेटी के पास जमा कर दावेदारी को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है।
सोमवार को फार्म जमा करने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडिय़म ने चर्चा करते हुए बताया कि टिकट मांगने का अधिकार सबको है। इसमें पार्टी जो निर्णय लेगी उसका पालन करेंगे।
गौरतलब है कि 1990 से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय आदिवासी नेता शंकर कुडिय़म 3 बार भैरमगढ़ में जनपद सदस्य, 1 बार जनपद उपाध्यक्ष, 1 बार जिला पंचायत उपाध्यक्ष और वर्तमान में जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर काबिज हैं।
शंकर कुडिय़म का जन्म बीजापुर ब्लॉक के तोयनार गांव में हुआ लेकिन उनका परिवार भैरमगढ़ के सकनापल्ली में बसा हुआ है। प्रारंभिक शिक्षा भोपालपटनम से कर आगे की पढ़ाई नैमेड़ में पूरी की। सरल और मिलनसार स्वभाव के चलते शंकर की पकड़ आदिवासी समाज में गहरी है।
1996 से चुनाव लडक़र जितने वाले शंकर कभी चुनाव हारे नहीं, जिसके चलते उनकी दावेदारी को लेकर कांग्रेस की राजनीति गर्म हो गई है। सामाजिक नेता के तौर पर 20 बरस से आदिवासी समाज की सेवा में लगे शंकर की पकड़ भैरमगढ़, बीजापुर और भोपालपटनम में काफी मजबूत है।
24 घंटे बाद भी पूर्व सरपंच का कोई सुराग नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 21 अगस्त। रविवार की दोपहर एक बजे के करीब फरसेगढ़ से 10 किलोमीटर दूर दामारम पहाड़ी पर चिकटराज देव की पूजा करने सैकड़ों ग्रामीणों पहुंचे हुए थे। तभी यहां आ धमके नक्सलियों ने पूर्व सरपंच महेश गोटा सहित 50 से ज्यादा ग्रामीण को अगवा कर लिया था। पूछताछ के बाद सभी ग्रामीणों को नक्सलियों ने छोड़ दिया, लेकिन फरसेगढ़ के पूर्व सरपंच महेश गोटा को नक्सली बंधक बनाकर ले गए।
24 घण्टे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी महेश गोटा के वापस नहीं आने से उनकी मासूम बेटी राजकुमारी दिव्यानी गोटा ने वीडियो के माध्यम से नक्सलियों से पिता को छोडऩे मार्मिक अपील की है। बच्ची का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
ज्ञात हो कि 24 घण्टे बाद भी महेश गोटा का कोई सुराग नही मिला है। महेश गोटा की बेटी ने नक्सलियों से अपील की है कि उनके पिता को नक्सली छोड़ दें।
महेश गोटा का नक्सलियों ने दूसरी बार अपहरण किया है। इससे पहले 2012 में जब सलवा जुडूम और भाजपा नेता चिन्नाराम गोटा की हत्या की गई थी, तब भी महेश गोटा को नक्सलियों ने 7 दिन तक अपने साथ रखा था। गोटा परिवार के 3 लोगों की हत्या नक्सली पहले कर चुके हैं।
अपहरण मामले में अब तक भाजपा नेताओं की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अपहृत महेश गोटा को ढूंढने परिजन उसी पहाड़ी की ओर गए हुए हैं, जहां से नक्सलियो ने उनका अपहरण कर लिया था। गांव वाले भी महेश को तलाश कर रहे हैं।
महेश गोटा की 5 साल की बेटी राजकुमारी दिव्यानी गोटा ने वीडियो के माध्यम से नक्सलियों से मार्मिक अपील करते हुए कहा है कि मेरे पापा पूजा करने गए थे। मैं चाहती हूं कि मेरे पापा को नक्सली जल्दी छोड़ दें।
गंगालूर मार्ग पर किकलेर पहाड़ी के पास मिला विस्फोटक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 21 अगस्त। गंगालूर मार्ग पर किकलेर पहाड़ी के पास नक्सलियों द्वारा प्लांट किये गये डायरेक्सनल पाईप बम बरामद कर जवानों ने उसे निष्क्रिय दिया गया है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को डीआरजी, सीआरपीएफ 85 बटालियन व बीडीएस की संयुक्त टीम रोड ओपनिंग पर थी। जिसे दौरान गंगालूर से करीब 4 किलोमीटर पहले किकलेर पहाड़ी के पास नक्सलियों द्वारा जवानों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से प्लांट किये गये 15 किलो वजनी डायरेक्सनल पाईप बम को जवानों ने बरामद किया। जिसे बीडीएस की टीम ने वहीं निष्क्रिय कर दिया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 20 अगस्त। जिले के मद्देड़ थाना क्षेत्र के मुत्तापुर निवासी एक ग्रामीण चिंतावागु नदी में बहकर लापता हो गया है। जिसका 24 घण्टे के बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। परिजनों ने मद्देड़ थाना में इसकी सूचना दे दी है।
जानकारी मिली है कि शनिवार को भोपालपटनम ब्लॉक के ग्राम पंचायत वंगापल्ली के आश्रित गांव मुत्तापुर निवासी पारेड शिवराम अपने दो अन्य साथी ग्रामीणों के साथ रोजमर्रा के सामान लेने चिंतावागु नदी पार कर मद्देड आ रहा था। इसी बीच नदी में अचानक पानी बढ़ गया। नदी के बहाव से जैसे तैसे शिवराम के दोनों साथी नदी पार हो गये। लेकिन शिवराम नदी के तेज बहाव को संभाल नहीं पाया और वह बह गया।
24 घण्टे बीतने के बाद भी शिवराम का कोई सुराग नहीं मिलने से रविवार को उसके परिजनों ने इसकी सूचना मद्देड थाना में दी है। बताया जा रहा है कि सभी ग्रामीण नदी को बर्तन के जरिये पार कर रहे हैं।
बीजापुर, 20 अगस्त। शनिवार की शाम जिला अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट में शॉर्ट सर्किट होने से आग भडक़ उठी। अस्पताल के कर्मचारियों ने अग्निशामक यंत्र की मदद से कुछ देर में ही आग पर काबू पा लिया और इससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
मिली जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का दो अलग-अलग सेटअप लगाया गया हैं। इसमें 1000 एलपीएम का एक और दूसरा 900 एलपीएम का एक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया हैं। शनिवार की शाम 7 से 8 बजे के बीच 1000 एमपीएम वाले ऑक्सीजन प्लांट में शॉर्ट सर्किट होने से अचानक आग भभक उठी।
करीब आधे घण्टे की मशक्कत के बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने अग्निशामक यंत्र की मदद से आग पर काबू पा लिया। कर्मचारियों के त्वरित प्रयास से एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
जिला अस्पताल के फार्मासिस्ट मानस तिवारी ने बताया कि जैसे ही उन्हें ऑक्सीजन प्लांट में आग लगने की खबर लगी। वे तुरंत मौके पर पहुंचे और अग्निशामक यंत्र से आग को बुझाया गया। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन सप्लाई बाधित न हो, इसके लिए सिलेंडर से ऑक्सीजन सप्लाई चालू किया गया था। उन्होंने बताया कि करीब आधे घण्टे के भीतर स्थिति नियंत्रण में आकर सामान्य हो गई।
सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक फेडरेशन का हड़ताल 10वें दिन भी जारी
बीजापुर, 19 अगस्त। सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले समस्त एलबी संवर्ग का आंदोलन शनिवार को 10वें दिन भी लगातार जारी था। अब शिक्षकों यह आंदोलन धीरे-धीरे उग्र रूप धारण कर रहा है। आज राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों में डीपीआई द्वारा हड़ताली शिक्षकों पर कार्रवाई को लेकर जारी आदेश की प्रतियां भी शिक्षकों द्वारा जलाई गई है।
10 अगस्त से लगातार जारी हड़ताल के 7 वे दिन 16 अगस्त को शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए आक्रोश रैली निकाली थी जिसमें पूरे प्रदेश के हजारों शिक्षको के साथ बीजापुर जिले के लगभग 200 शिक्षक भी शामिल हुए थे।भीड़ को संभालना सरकार के लिए मुश्किल हो गया था।
वहीं 18 अगस्त को समस्त शिक्षकों ने जेल भरो आंदोलन का एलान किया था, जिसमें 17 अगस्त की रात को ही प्रांतीय अध्यक्ष मनीष मिश्रा व प्रांतीय टीम के साथ बीजापुर जिले के 5 पदाधिकारियों को पुलिस अपने कब्जे में लेकर नजरबंद करके रखा था। इसी क्रम में शिक्षकों ने अपने कहे अनुसार बूढ़ा तालाब में एकजुट हुए, जहाँ से पुलिस द्वारा कमर कस कर हजारों की संख्या में एकत्रित हुए शिक्षकों को बूढ़ा तालाब से बसों में भर भर कर तूता आंदोलन स्थल में ले जाकर रखा गया।
शिक्षकों ने नाराज होकर अपने प्रांत अध्यक्ष की रिहाई के लिए वहीं पर धरना पर बैठ गए और शासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे इससे प्रशासन हरकत में आई और प्रांत अध्यक्ष और टीम के ऊपर 107,16 और अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए शाम 7 बजे उनको रिहा किया गया।
शासन के इस रवैया से आहत होकर प्रांतीय आव्हान पर 19 अगस्त को धरने में बैठे हजारों शिक्षकों ने डीपीआई द्वारा हड़ताली शिक्षकों पर कार्रवाई को लेकर निकाली गई शिक्षक विरोधी आदेश की प्रति को राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के समस्त जिला मुख्यालय व ब्लाक मुख्यालय के धरना स्थल पर जलाया गया। शासन और शिक्षकों के बीच लगातार रार मची हुई है,आंदोलन अभी खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। स्कूल में भी पढ़ाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है सरकार को इस दिशा में शीघ्र ही पहल करते हुए निर्णय लेना होगा और शिक्षकों की मांग पूरी करनी होगी जिससे पढ़ाई व्यवस्था सुचारू ढंग से चल सके।
सिलगेर में नक्सलियों ने स्कूल भवन को बम से उड़ाया था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 19 अगस्त। माओवाद की मांद कहे जाने वाले सिलगेर जहां झंडा फहराने को लेकर नक्सलियों ने 22 साल पहले स्कूल को बम से उड़ा दिया था, वहां अब तिरंगा शान से लहराने लगा है।
सिलगेर में केंद्रीय रिजर्व बल का कैम्प खुलने के बाद स्कूल की शुरुआत की गई और स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा भी फहराया गया। इस खास मौके में ग्रामीणों की मौजूदगी और उत्साह फोर्स के बीच बढ़ते विश्वास को बयां कर रहे थे।
बीजापुर से करीब 65 किलोमीटर दूर सिलगेर बीते 2 साल से आंदोलन के लिए चर्चा में है। यहां के ग्रामीण गोलीकांड में मारे गए ग्रामीणों के लिए सरकार से इंसाफ की मांग को लेकर आक्रोशित हैं। इस बीच सिलगेर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 229 बटालियन का कैम्प तैनात कर दी गई। यह वो इलाका है, जहां 2002 के बाद से नक्सलियों ने सडक़ में गड्ढे और दीवार खड़ाकर आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। यह सडक़ बीजापुर जिले के बासागुड़ा से होते हुए सुकमा जिले के जगरगुंडा को जोड़ती है। अब इस रास्ते को बहाल करने की कवायद सरकार द्वारा की जा रही है।
28 जनवरी को सिलगेर में सीआरपीएफ 229 बटालियन की ए/एफ कंपनी की तैनाती की गई। सीआरपीएफ 229 बटालियन का कैम्प खुलने के बाद यहां स्कूल खोलने की कवायद की गई और फिर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा भी फहराया गया।
यहां कभी झंडा फहराने को लेकर नक्सलियों ने आश्रम भवन को ही बम से उड़ा दिया था। अब वहां फिर से तिरंगे की शान कायम होने लगी है। सीआरपीएफ स्कूल सिलगेर के नाम से खोले गए स्कूल में सीआरपीएफ की मौजूदगी में सिलगेर के बच्चों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण ध्वजारोहण में शामिल हुए और राष्ट्रगान को सम्मान दिया। यह बदलाव सरकार और ग्रामीणों के बीच बढ़ते विश्वास और विकास की राह को आगे बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है ।
मिरतुर स्कूल का प्रयोगशाला भवन, 10 साल से नहीं हुए एक भी प्रयोग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 19 अगस्त। जिले की बदहाल शिक्षा व्यवस्था सुधार के बजाए दिन ब दिन गर्त में जाती हुई नजर आ रही है। बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक के हायर सेकेण्डरी स्कूल मिरतुर में 10 साल पहले बने प्रयोगशाला भवन की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि वहां बैठना जान जोखिम में डालने के बराबर है।
यह भवन अपनी बदहाली की कहानी खुद कह रहा है। बारिश में टपकती छत, बिना बिजली के कमरों में स्कूल प्रबंधन कैसे लैब को संचालित कर सकता है। यह सोचनीय पहलू है। यहां के भवन में खिड़कियां, जीर्ण-शीर्ण हालत में टूटी फूटी हैं, वहीं दीवार, छत और फर्श जगह-जगह से जर्जर हो चुके हैं। इतने बदहाल भवन में लैब के सामान को महज शोपीस जैसे रखे गए हैं।
संस्था के प्राचार्य डीडी नागेश ने बताया कि लैब भवन जैसा बनना था, वैसे बन नहीं पाया। उन्होंने बताया कि इसमें कम्प्यूटर क्लास भी लगना था, किंतु आज तक यहां के लिए कम्प्यूटर आया ही नहीं।
प्राचार्य नागेश का कहना है कि 10 साल पहले करीब 22 लाख रुपये की लागत से इस भवन का निर्माण कराया गया था। भवन की जर्जरता के चलते हम छात्रों को प्रयोग नहीं करा पाते है। जिससे उनकी पढ़ाई और परिणाम पर विपरीत असर पड़ रहा है।
इस बारे में बीईओ भैरमगढ़ एसआर नेताम से पूछने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं हैं। उनका कहना था कि इस बारे में वहां के प्रिंसिपल ही बता पाएंगे।
विश्व फ़ोटो ग्राफी दिवस आज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 18 अगस्त। जिले के नक्सलगढ़ से एक बेहद खूबसूरत तस्वीर बाहर निकलकर आई है। ज्ञात हो कि बीजापुर अब पर्यटन क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है। ये तस्वीर बीजापुर जिले के नक्सलगढ़ पाताकुटरु की है, जहां आये दिन सैलानियों की भीड़ इस जगह पर देखने को मिलती है। उस जगह की विश्व फ़ोटो ग्राफी दिवस के अवसर पर एक मनमोहक तस्वीर सामने आई है। जिसे भरत दुर्गम ने अपने कैमरे में कैद किया है।
बीजापुर, 17 अगस्त। बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार पंकज दाऊद का गुरुवार को इलाज के दौरान निधन हो गया। वे एक साल से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका इलाज जगदलपुर के महारानी अस्पताल में चल रहा था। वे 58 वर्ष के थे। वे मूलत: जगदलपुर के रहने वाले थे और वर्तमान में बीजापुर जिले में पिछले 8 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनके निधन की खबर से बस्तर के पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है।
पंकज दाऊद पिछले 40 बरस से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय थे। उन्होंने दैनिक भास्कर, नवभारत, नईदुनिया और पत्रिका जैसे अखबारों में अपनी सेवाएं दी। लोग उनके समाचार लेखन के दीवाने थे। वे ज्ञान के अथाह सागर थे और वे सभी से बड़ी ही शालीनता से पेश आते थे। उनके निधन की खबर के बाद पत्रकार जगत के साथ-साथ अन्य लोगों ने भी उनके निधन की खबर पर शोक प्रकट किया है।
विकसित भारत के निर्माण और मतदान में भागीदारी की ली शपथ
बीजापुर, 17 अगस्त। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिला पंचायत कार्यालय प्रांगण में जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडिय़म ने तिरंगा फहरा कर जिलेवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी।
अमृत महोत्सव के समापन पर इस वर्ष मेरी माटी मेरा देश अभियान अंतर्गत वीर शहीदों को याद किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत विकसित भारत के निर्माण में भागीदारी निभाने के लिए शपथ ली गई, वहीं शत-प्रतिशत मतदान हेतु चुनई तिहार अंतर्गत शपथ ली गई।
इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रवि साहू ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के समापन अवसर पर जिले में मेरी माटी मेरा देश अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजन की जानकारी दी।
उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की सभी को बधाई देते हुए कहा कि हमें अपने काम को केवल काम न समझते हुए नैतिक मूल्यों के साथ कर्तव्य पालन करना चाहिए।
विकसित भारत के निर्माण और मतदान में भागीदारी की ली शपथ
बीजापुर, 16 अगस्त। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिला पंचायत कार्यालय प्रांगण में जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडिय़म ने तिरंगा फहरा कर जिलेवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी।
अमृत महोत्सव के समापन पर इस वर्ष मेरी माटी मेरा देश अभियान अंतर्गत वीर शहीदों को याद किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत विकसित भारत के निर्माण में भागीदारी निभाने के लिए शपथ ली गई, वहीं शत-प्रतिशत मतदान हेतु चुनई तिहार अंतर्गत शपथ ली गई।
इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रवि साहू ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के समापन अवसर पर जिले में मेरी माटी मेरा देश अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजन की जानकारी दी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की सभी को बधाई देते हुए कहा कि हमें अपने काम को केवल काम न समझते हुए नैतिक मूल्यों के साथ कर्तव्य पालन करना चाहिए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 16 अगस्त। बीजापुर जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर भैरमगढ़ ब्लॉक में संचालित मिडिल स्कूल मिरतुर की हालत बदहाल है। तीन कमरों वाला मिडिल स्कूल जहां 30 बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं। इस स्कूल की हालत दुर्घटना के खतरों को आमंत्रित कर रहा है। छत इतनी जर्जर है की यहां के शिक्षकों को बारिश से बच्चों को बचाने प्लास्टिक की झिल्ली का सहारा लेना पड़ रहा है ।
यहां की भवन के मरम्मत के लिए बीते तीन साल में हेड मास्टर और शिक्षकों ने कई बार गुहार लगाई, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। इस बार मुख्यमंत्री शाला जतन योजना से उम्मीद बंधी थी कि भवन का कायाकल्प होगा। लेकिन ये आस भी बारिश के शुरू होते ही टूट गई। आखिरकार शिक्षकों को स्कूल चलाने के लिए प्लास्टिक की झिल्ली का सहारा लेकर स्कूल का संचालन करना पड़ा।
भवन की छत, दीवार-फर्श जर्जर है। शौचालय की स्थिति काफी खराब है। शिक्षकों और बच्चों को मजबूरन खुले में नित्य क्रिया करने जाना पड़ता है। पानी ज्यादा तेज बरसने पर मजबूरन शिक्षकों को स्कूल में छुट्टी देनी पड़ती है और बच्चों की पढ़ाई लिखाई ठप हो जाती है।
स्कूल जतन योजना हुई फेल
राज्य के मुख्यमंत्री ने इस साल बदहाल स्कूलों को संवारने 2500 करोड़ का पैकेज दिया, ताकि स्कूलों की दुर्दशा को ठीक कर नया कलेवर दिया जा सके। लेकिन बीजापुर जिला मुख्यमंत्री की मंशा को साकार करने में सफल नहीं हो पाया । जिले में प्रायमरी और मिडिल स्कूलों की जो हालत है, वो गंभीर दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते दिख रहे है। लेकिन विभाग की उदासीनता समझ से परे है। बताया जाता है कि शाला जतन योजना में 137 स्कूलों के जीर्णोद्धार का काम होना था, लेकिन यह महत्वपूर्ण योजना विभाग की उदासीनता की भेंट चढ़ गई।
अब तक नहीं पहुंचे अफसर
मिडिल स्कूल मिरतुर के एचएम रामलाल मरकाम ने बताया कि वे यहां 2022 में आये हैं। उन्होंने बताया कि भवन जर्जर हालात में है। भवन की छत पर झिल्ली लगाकर काम चलाया जा रहा हैं। हेड मास्टर मरकाम के मुताबिक इस सत्र में अब तक न जिला शिक्षा अधिकारी और न ही खण्ड शिक्षा अधिकारी यहां निरीक्षण के लिए आये हैं। उन्होंने बताया कि गांव के लोग व मिडिल स्कूल की तरफ से एमएलए को नये स्कूल भवन निर्माण के लिए मांग पत्र दिया गया हैं।
डिस्मेंटल योग्य है भवन - बीईओ
भैरमगढ़ के बीईओ आरएस नेताम ने बताया कि पिछले सत्र में मिडिल स्कूल भवन मरम्मत के लिए मांग किया गया था। किंतु बजट सेंसन नहीं होने से मरम्मत का काम नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि शाला जतन योजना के तहत आये 32 मरम्मत के काम में भी इस स्कूल का नाम शामिल नहीं था। बीईओ नेताम ने स्वीकार किया है कि ब्लाक के 13 स्कूल भवन डिस्मेंटल योग्य है। इनमें से एक मिरतुर मिडिल स्कूल भी शामिल हैं।
शिक्षकों ने शासन की सद्बुद्धि के लिए व्रत रखकर की शिव की आराधना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 14 अगस्त। अपनी एक सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक, समग्र शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले जिले के समस्त सहायक शिक्षक,शिक्षक व प्राथमिक प्रधान पाठक की हड़ताल पिछले 5 दिनों से लगातार जारी है। हड़ताल पर बैठे शिक्षको ने सरकार का ध्यान आकर्षण व सद्बुद्धि के लिए सोमवार को धरना स्थल पर महिला शिक्षकों द्वारा सावन सोमवार व्रत रखकर भगवान शिव की आराधना व भजन कीर्तन किया गया। वहीं फेडरेशन आगमी 16 अगस्त को राजधानी में आक्रोश रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन करेगी।
बीजापुर, भैरमगढ़, भोपालपटनम व उसूर में अपनी मांगों को लेकर पिछले 5 दिनों से हड़ताल पर बैठे सहायक शिक्षक,शिक्षक व प्रधान पाठक धरना स्थल पर रोज नए- नए व अनोखे तरीके से प्रदर्शन कर प्रतिदिन कुछ न कुछ अलग करके सरकार का ध्यान आकर्षित करा रहे हैं। आज बीजापुर ब्लॉक की महिला शिक्षकों द्वारा सावन सोमवार का व्रत रख भगवान शिव की आराधना कर भजन-कीर्तन किया गया।
ज्ञात हो कि बीजापुर जिले के लगभग 974 सहायक शिक्षक,शिक्षक व प्राथमिक प्रधान पाठक अपनी एक सूत्रीय पूर्व सेवा गणना करते हुए प्रथम नियुक्ति तिथि से वेतन विसंगति दूर कर क्रमोन्नत वेतनमान व 20 वर्ष की सेवा में पुरानी पेंशन के निर्धारण को लेकर 10 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठे हुए है। जिसके कारण जिले के समस्त प्राथमिक शालाओं में तालाबंदी की संभावना बनी हुई है। जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
जिला अध्यक्ष राजेश मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ सहायक,समग्र शिक्षक के बैनर तले बीजापुर जिले के समस्त सहायक शिक्षक, शिक्षक व प्रधान पाठक पिछले 5 दिनों से हड़ताल पर बैठे हुए है। सरकार का ध्यान आकर्षण व सद्बुद्धि के लिए आज बीजापुर ब्लॉक की महिला शिक्षकों ने सावन सोमवार का व्रत रखकर शिव भगवान की आराधना व भजन कीर्तन किया गया।ब्लाक स्तरीय अनिश्चित कालीन आंदोलन के बाद भी अगर हमारी मांग पूरी नही होती है तो 16 अगस्त को राजधानी रायपुर में एक आक्रोश रैली निकाल कर शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा। जिला सचिव सुशील हेमला ने बताया कि संगठन के प्रांतीय निर्णय अनुसार आगामी 15 अगस्त राष्ट्रीय पर्व को देखते सभी शिक्षकों को अपने-अपने स्कूलों में तिरंगा झंडा फहराकर वापस धरना स्थल में पहुँचकर धरना प्रदर्शन जारी रखने की आव्हान किया गया है। उक्त जानकारी फेडरेशन के मीडिया प्रभारी मोहसीन खान ने प्रेस रिलीज जारी कर दी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 13 अगस्त। जिले में धान का रकबा कम करने के लिए कृषि विभाग द्वारा किया गया प्रयास कमजोर साबित होता नजर आ रहा है। जिले में जारी खरीफ फ सल सीजन के दौरान लक्ष्य से अधिक रकबा में धान की पैदावारी की जा रही है। जिले में धान के विकल्प के तौर पर किसी दूसरे फसल को लेकर किसानों ने रूचि नहीं दिखाई है।
बता दें कि कास्ताकारी जिले में बीते तीन सत्र से धान का रकबा कम करने का प्रयास किया जा रहा है। किसान धान को छोडक़र दीगर फसल लेने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं, जिसकी वजह से धान का रकबा कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है। जिले में बीते सत्र के दौरान बेमेतरा, बेरला, नवागढ़ व साजा ब्लॉक में 1,99222 हेक्टेयर में धान की फसल ली गई थी। जारी फसल सीजन के दौरान गत सत्र से लगभग 8450 हेक्टेयर कम रकबे में 191190 हेक्टेयर में धान का फसल लेने का लक्ष्य तय किया गया था। खेतों में फसल बुआई का काम लगभग समाप्त हो चुका है और अब तक जिले में 197743 हेक्टेयर में किसान धान की फसल ले रहे हैं। धान का रकबा पिछले सीजन की तरह पहुंचने की संभावना है। बताया गया कि रकबे का वास्तविक आकड़ा गिरदावरी रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा। फिलहान किसान बुआई कर रहे हैं।
इसलिए नहीं छोड़ रहे हैं धान की खेती
किसान दाउराम साहू ने बताया कि सरकार जिस तरह से धान का दाम दे रही है। उसे देखते हुए फसल छोडना मुनासिब नहीं है। ग्राम कदई के किसान हरीश शर्मा ने बताया कि बीते सत्र में उन्हें प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया गया था पर नहीं मिला। कई अधिकारियों को आवेदन भी दिया है पर राशि नहीं मिली है। उनकी तरह और भी किसान हैं, जिन्हे प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है।
फसलों का रकबा नहीं बढ़ पाया
जिले में इस बार धान के विकल्प के तौर पर एक बार फि र सोयाबीन की पैदावारी बढ़ाते हुए 6000 हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया है। गत सत्र के दौरान जिले में किसानों ने 3200 हेक्टेयर में धान की फ सल ली थी। इसके आलावा कृषि विभाग द्वारा मूगंफ ली का रकबा 1000 हेक्टेयर से बढ़ाकर 1500 हेक्टेयर, तिल का रकबा 60 हेक्टेयर से बढ़ाकर 150 हेक्टेयर लक्ष्य तय किया गया है। जिले में अब तक तिलहन श्रेणी के इन फसलों में मूंगफ ली का रकबा 1250 हेक्टेयर, सोयाबीन का रकबा 1860 हेक्टेयर और तिल का रकबा केवल 96 हेक्टेयर तक पहुंच पाया है।
2280 किसानों की सहमति, 908 ने ली अन्य फसल
जिले में धान के बदले अन्य वैकल्पिक फ सलों को प्रोत्साहन के लिए तैयार किये गये कार्यक्रम के तहत जिले में आनाज, दलहन, तिलहन श्रेणी के अलावा गन्ना व उद्यानिकी फसल समेत 15 किस्म के फसलों को सूची बध्द किया गया है। जिले में बीते सत्र के दौरान इन 15 फसलों का रकबा पोर्टल में 396 हेक्टेयर पंजीकृत है, जिसके बाद जारी सत्र के दौरान 1500 हेक्टेयर का रकबा और बढ़ाया जाना है। जिले के 2280 किसानों से 1500 ़50 हेक्टेयर में धान के बदले दीगर फसल लेने के लिए सहमति लेकर कार्यक्रम में शामिल किया गया है। जिले में सहमति देने वाले 2280 किसानों में से अब तक 908 किसानों ने केवल 614.52 हेक्टेयर में बुआई की है।
जानें.. कितने किसानों ने ली वैकल्पिक फसल
जिले में सुगंधित धान 117 किसानों ने 80 हेक्टेयर, मक्का की खेती 24 किसानों ने 13 हेक्टेयर, कोदो कुटकी 99 किसानों ने 41 हेक्टेयर, अरहर की खेती 44 किसानों ने 33 हेक्टेयर, उड़द की खेती 43 किसानों ने 21 हेक्टेयर, मूंग की खेती 22 किसानों ने 22 हेक्टेयर में, तिल की खेती 3 किसानों ने 2 हेक्टेयर, सोयाबीन की खेती 161 किसानों ने 301 हेेक्टेयर, गन्ना की खेती 48 किसानों ने 65 हेक्टेयर, उद्यानिकी फ सलों की खेती 333 किसानों ने 222 हेक्टेयर में धान की फ सल के अलावा लिया है।
वरिष्ठ कृषि अधिकारी जितेन्द्र ठाकुर ने कहा कि जिले में धान का रकबा बढऩे या कम होने की सही जानकारी गिरदावरी रिपोर्ट आने पर स्पष्ट हो पाएगी।
ऑफिस में बैठकर भौतिक सत्यापन कर लाखों के आहरण का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 12 अगस्त। इंद्रावती टाइगर रिजर्व के पामेड़ सेंचुरी क्षेत्र में देवगुड़ी निर्माण व चारागाह में हुए भ्रष्टाचार को लेकर भाजयुमो मुखर हो गई है। भाजयुमो ने आदिवासियों की आस्था और क्षेत्र के विकास में बाधक बनने वाले अफसरों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य फूलचंद गागड़ा ने बयान जारी कर कहा है कि बीजापुर जिले के इंद्रावती टाइगर रिजर्व के पामेड़ अभ्यारण्य क्षेत्र के कावरगट्टा में चारागाह व इसी अभ्यारण्य क्षेत्र में देवगुड़ी बनाया जाना था। जिसमें भारी भ्रष्टाचार किये जाने की खबर समाचार पत्रों से मिली हैं। आरटीआई के माध्यम से मिले दस्तावेज और भौतिक सत्यापन से यह साफ हुआ है कि क्षेत्र में किसी भी तरह का कोई चारागाह बना और न ही कोई देवगुड़ी बनी। लेकिन सम्बंधित रेंज के अफसरों ने कार्य पूर्ण बताकर पूरी राशि आहरण कर लिया।
फूलचंद गागड़ा ने बयान में बताया है कि चारागाह के लिए 3 लाख 31 हजार 284 रुपये और देवगुड़ी के नाम पर 10 लाख रुपये का आहरण किया गया है। उन्होंने बताया कि इस खेल के लिए बाकायदा फर्जी मस्टररोल फर्जी मजदूरों की एंट्री व ऑफिस में बैठकर अफसरों द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
गागड़ा ने संबंधित विभाग व जिला प्रशासन से मांग की है कि जिस तरीके से आदिवासियों के आस्था देवगुड़ी और जिले की विकास में बाधक बन रहे अफसरों पर एफआईआर दर्ज करते हुए उचित कार्रवाई करने की मांग है। गागड़ा ने बयान में सवाल उठाया है कि देवगुड़ी व चारागाह बने बगैर अधिकारियों ने भौतिक सत्यापन कैसे कर लिया..! जबकि स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक संबंधित स्थान पर किसी भी प्रकार का कोई कार्य नहीं हुआ हैं। बावजूद सरकारी राशि का दोहन करना गंभीर कृत्य हैं।
फूलचंद गागड़ा ने यह भी आरोप लगाया है कि जिले में छोटे बड़े कार्यों के लिए राजनीतिक स्वीकृती अनिवार्य हो गया है, तो क्या इस घोटाले के खेल में राजनीतिक संरक्षण नहीं है..! गागड़ा ने इस मामले में जिला प्रशासन से संबंधित अधिकारियों पर उचित कार्रवाई करने की मांग की हैं।
विधायक ने गर्मजोशी से किया स्वागत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 12 अगस्त। शनिवार को जिला मुख्यालय बीजापुर में जिले भर के 101 युवाओं ने कांग्रेस पार्टी की रीति नीति और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी के विकास कार्यों से प्रभावित होकर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।
सदस्यता लेने वालों में प्रमुख रूप से दीपक मांझी, मनोज कुडियम, जोशफ कुडियम, ओनेस कुडियम, उबोध खान, रमेश मोडियम, सोमा मोडियम, विवेक कुजूर, और फूल कुमार हेमला आदि शामिल थे। जिन्हें विधायक व जि़ला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष लालू राठौर, जि़ला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम व अन्य कांग्रेस नेताओं ने नव प्रवेशितों का गर्मजोशी के साथ स्वागत कर उन्हें कांग्रेस पार्टी का गमछा और फूल माला पहनाकर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता दिलाई।
इस दौरान विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की रीति नीति और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोक कल्याणकारी नीतियों व विकास कार्यों और जिले में हो रहे विकास कार्यों से प्रभावित होकर जिले के 101 से अधिक युवाओं ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली है। आने वाले समय में और भी लोग कांग्रेस पार्टी में प्रवेश करेंगे।
इस दौरान हिमांशु गुप्ता, नवनीत नायडू, जगदीश सेन, रोहित साहू, राकेश पवार, सुजीत जयसवाल, सुमित झाड़ी, रोहित कुनारप और नागेश तेलाम आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
राजस्व व नगरसेना की रेस्क्यू टीम को मिली सफलता
12 किमी दूर झाडिय़ों फंसा रहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 12 अगस्त। बीते शनिवार को भैरमगढ़ ब्लॉक में इंद्रावती नदी के निलकोंडा घाट से बहे एक ग्रामीण का शव राजस्व व नगरसेना की रेस्क्यू टीम ने सात दिन बाद ढूंढ निकाला। ग्रामीण का शव निलकोंडा घाट से बारह किलोमीटर दूर बांगोली घाट की झाडिय़ों में फंसा हुआ मिला।
बीते शनिवार को भैरमगढ़ ब्लॉक में पल्लेवाया निवासी मंगलू पोडियामी अपने छह अन्य ग्रामीण साथियों के साथ निलकोंडा घाट से नाव में सवार होकर तुमनार साप्ताहिक बाजार जा रहा था। इसी दरमियान इंद्रावती नदी के तेज बहाव से नाव अनियंत्रित होकर पलट गई।
नाव में सवार छह ग्रामीण जैसे तैसे तैरकर अपनी जान बचा पाने में कामयाब हो गए, लेकिन मंगलू पानी के तेज बहाव में बहे कर लापता हो गया था। मंगलू को ढूंढने तहसीलदार मोहन साहू के नेतृत्व में राजस्व व नगर सेना की रेस्क्यू टीम लगातार मंगलू को हाई डेनसिटी बोर्ड से नदी में रेस्क्यू अभियान चला रही थी।
शुक्रवार की सुबह पटवारी श्रवण गुप्ता रेस्क्यू टीम के साथ हाई डेनसिटी बोर्ड से नदी में रेस्क्यू अभियान चला रहे थे। दिन भर की मशक्कत के बाद सातवें दिन निलकोंडा घाट से करीब 12 किलो दूर बांगोली घाट की झाडिय़ों में शव फंसा मिला।
पटवारी श्रवण गुप्ता के मुताबिक रेस्क्यू टीम ने जो शव बरामद किया है, वह मंगलू का है।
12 किमी दूर झाडिय़ों फंसा रहा
राजस्व व नगरसेना की रेस्क्यू टीम को मिली सफलता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 11 अगस्त। बीते शनिवार को भैरमगढ़ ब्लॉक में इंद्रावती नदी के निलकोंडा घाट से बहे एक ग्रामीण का शव राजस्व व नगरसेना की रेस्क्यू टीम ने सात दिन बाद ढूंढ निकाला। ग्रामीण का शव निलकोंडा घाट से बारह किलोमीटर दूर बांगोली घाट की झाडिय़ों में फंसा हुआ मिला।
बीते शनिवार को भैरमगढ़ ब्लॉक में पल्लेवाया निवासी मंगलू पोडियामी अपने छह अन्य ग्रामीण साथियों के साथ निलकोंडा घाट से नाव में सवार होकर तुमनार साप्ताहिक बाजार जा रहा था। इसी दरमियान इंद्रावती नदी के तेज बहाव से नाव अनियंत्रित होकर पलट गई।
नाव में सवार छह ग्रामीण जैसे तैसे तैरकर अपनी जान बचा पाने में कामयाब हो गए, लेकिन मंगलू पानी के तेज बहाव में बहे कर लापता हो गया था। मंगलू को ढूंढने तहसीलदार मोहन साहू के नेतृत्व में राजस्व व नगर सेना की रेस्क्यू टीम लगातार मंगलू को हाई डेनसिटी बोर्ड से नदी में रेस्क्यू अभियान चला रही थी।
शुक्रवार की सुबह पटवारी श्रवण गुप्ता रेस्क्यू टीम के साथ हाई डेनसिटी बोर्ड से नदी में रेस्क्यू अभियान चला रहे थे। दिन भर की मशक्कत के बाद सातवें दिन निलकोंडा घाट से करीब 12 किलो दूर बांगोली घाट की झाडिय़ों में शव फंसा मिला।
पटवारी श्रवण गुप्ता के मुताबिक शव रेस्क्यू टीम ने जो शव बरामद की है, वह मंगलू की ही लग रही हैं। उन्होंने बताया कि शव की पहचान के लिए मंगलू के परिजनों को बुलाया गया है।
2019 से चल रही जांच, बफर क्षेत्र की भूमि होना बताया गया
जमीन का पट्टा निरस्त करने कलेक्टर को वन विभाग लिख चुका है पत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 10 अगस्त। भोपालपटनम से कांग्रेस नेता बसंत राव ताटी द्वारा इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान अंतर्गत मद्देड़ बफर क्षेत्र में पांच एकड़ वन भूमि पर मालिकाना हक के विरूद्ध शिकायत पर वन विभाग और राजस्व विभाग ने सम्मिलित रूप से जांच तेज कर दी है।
तीन दिन पहले ही भोपालपट्नम तहसीलदार और मद्देड़ बफर परिक्षेत्र के अफसरों के साथ राजस्व और वन विभाग के कर्मचारी जांच कर लौटे हैं। इसकी जांच प्रतिवेदन तैयार की जा रही है, जिसे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के सुपुर्द किया जाना है।
तहसीलदार भोपालपट्नम कैलाश पोयाम के अनुसार उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार टीम जांच के लिए पहुंची थी। मौके पर पहुंचकर जरूरी भौतिक सत्यापन कर पंचनामा तैयार किया जा रहा है। आगे जांच प्रतिवेदन तैयार कर एसडीएम को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। हालांकि जांच में शिकायत सही पाई गई अथवा नहीं, इस पर जांच पूरी होने का हवाला दिया गया।
बताया गया है कि वर्ष 2019 से संबंधित भूमि की जांच चल रही है, लेकिन चुनावी साल में इलाके में इसकी चर्चा जोरों पर है। वजह है बसंत राव ताटी, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होने के साथ भोपालपट्नम में बड़ी राजनीतिक शख्सियत के रूप में चर्चित है। इसी वर्ष 21 जून को उपनिदेशक टाइगर रिजर्व की तरफ से कलेक्टर बीजापुर को भोपालपट्नम तहसील अंतर्गत वनभूमि पर फर्जी पट्टों को निरस्त करने हेतु कार्रवाई के लिए पत्र व्यवहार किया गया था।
पत्र में उल्लेख है कि बसंत राव ताटी द्वारा भोपालपट्नम तहसील के खसरा क्रमांक 1/15/1 में रकबा 5 एकड़ वन भूमि पर फर्जी तरीके से पट्टा जारी करवाया गया था। जबकि उक्त भूमि इंद्रावती टाइगर रिजर्व के मद्देड़ बफर के वन क्रमांक ओ.ए. 1229 के अंतर्गत है।
पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि वन कक्ष क्रमांक ओ.ए. 1229 छोटे-बड़े झाड़ के जंगल है और पटवारी अभिलेख में भी इसका स्पष्ट उल्लेख है। इस आधार पर टाइगर रिजर्व पहले ही ताटी के दावे और शासकीय पट्टे को गलत ठहरा चुका है। चूंकि अब इस प्रकरण में जांच तेज है , ऐसे में बसंत ताटी के स्वामित्व को राजस्व विभाग खारिज करता है या फैसला पक्ष में आता है, यह देखने वाली बात होगी, हालांकि विस चुनाव से पहले जमीन विवाद से भोपालपट्नम में बसंत ताटी चर्चा में जरूर है।
इस बारे में कांग्रेस नेता बसन्त राव ताटी का कहना है कि उन्हें वर्ष 1986 -87 में पट्टा मिला हुआ है। जबकि बफर जोन वर्ष 2009 में बना हैं। मेरा पट्टा बिल्कुल सही है और जांच होनी भी चाहिए मैं इसका स्वागत करता हूँ। ताटी ने आगे कहा कि जांच से दूध का दूध और पानी पानी हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री महेश गागड़ा की शिकायत के आधार पर जांच चल रही है। जबकि बफर जोन क्षेत्र में और भी भाजपा नेताओं के पट्टे निरस्त हुए हैं। लेकिन उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं।
छह सूत्रीय मांगों को लेकर 500 सेल्समेन आंदोलन की राह पर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 9 अगस्त। छह सूत्रीय मांगों को लेकर उचित मूल्य दुकान के संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। संचालकों के हड़ताल पर होने से जिले की पीडीएस व्यवस्था चरमरा गई हैं और जिले के 192 उचित मूल्य की दुकानों में तालाबंदी की नौबत आ गई हैं।
रविवार से जिले के बीजापुर, भोपालपटनम, भैरमगढ़ व उसूर ब्लाकों में संचालित उचित मूल्य की दुकानों में तालाबंदी की नौबत आ गई हैं। दरअसल पीडीएस दुकान के संचालकों ने अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर 1 अगस्त से 5 अगस्त तक जिले के दुकानों में ताला लगाकर सांकेतिक तौर पर अपनी मांगों को लेकर सरकार को आगाह किया था। किंतु सरकार द्वारा मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिए जाने से शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ के झंडे तले रविवार से अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया गया हैं। गंगालूर मार्ग पर हड़ताल में बैठे 500 संचालकों, तौलको व महिला समूहों ने अपनी मांगों को पूरा किये जाने की मांग की हैं। इनके हड़ताल पर जाने से जिले में संचालित 192 उचित मूल्य की दुकानों में ताला लग गया हैं। जिससे पीडीएस व्यवस्था जिले में चरमरा गई हैं।
राशन विक्रेताओं को अन्य राज्य की तरह कमीशन में वृद्धि कर राशि को मानदेय के रूप में विक्रेताओं को दी जाए, सहयोगी तौलक को कलेक्टर दर पर मजदूरी भुगतान दे, खाद्य विभाग के गलत फार्मूले से दुकानों में खाद्यान्न भंडारण होने से कार्ड धारी राशन से वंचित हो रहे हैं। माह के आबंटन से दो माह पूर्व के बचत कि कटौती कर माह में भंडारण का फार्मूला लागु किया गया है जो त्रुटिपूर्ण है। पॉस मशीन में वेबसाइट या एप उपलब्ध है। जिसके माध्यम से दुकानों में पूर्व बचत प्राप्त मात्रा वितरण मात्रा एवं शेष बचत खाद्यान्न कि मात्रा दैनिक रिपोर्ट में प्रदर्शित किया जाता है। शेष हितग्राहियों की फिल्टरयुक्त सूची वेवसाईट के माध्यम से उपलब्ध करायी जाये।
नागरिक अपूर्ति निगम के द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न भंडारण की जाती हैजिसमें 3 प्रतिशत अतिरक्त सुखद के रूप में प्रति क्विंटल के हिसाब से भंडारण किया जाए। जिससे सार्टेज की कमी को पूरा किया जा सके।
भारत सरकार के द्वारा एनएफएसए मद में माह अप्रैल 2022 से 70 रूपये से बढ़ा कर 90 रूपये प्रति क्विंटल कि गई है। 20 रूपये अन्तर की राशि सहित सभी मदो कि राशि को राज्य सरकार द्वारा अविलंब भुगतान करवायी जाये ।कमीशन की राशि सीधे विक्रेता संचालक के खाते में जमा कराई जाए।
एसडीएम ने राशन दुकान किया निलंबित
वही दूसरी ओर उचित मूल्य दुकान संचालक के हड़ताल किये जाने के कारण जिले में माह अगस्त 2023 के राशन वितरण का कार्य प्रभावित हो रहा है। चूंकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2012 के प्रावधानों के अनुसार खाद्य सुरक्षा अधिनियम सुनिश्चित किये जाने के लिए राशन सामग्री का समयबद्ध वितरण किया जाना अनिवार्य है। तत्संबध में कार्यवाही करते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 के प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अनुविभागीय अधिकारी (रा) बीजापुर के द्वारा युवा बेरोजगार सहकारी समिति मर्यादित तोयनार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर ग्राम पंचायत तोयनार में अस्थाई रूप से संलग्न किया गया है।
पामेड़ अभ्यारण्य का मामला, आरटीआई से खुलासा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 8 अगस्त। आरटीआई से हुए खुलासे के मुताबिक बीजापुर में राज्य कैम्पा मद की राशि में इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान के अफसरों ने जानवरों के चारागाह के लिए मिली राशि का घालमेल किया गया।
विभाग द्वारा सूचना के अधिकार के तहत प्रदत्त जानकारी ने ही पूरे मामले की पोल खोल कर रखी दी है। जिम्मेदारों ने फर्जी मस्टररोल तैयार कर करीब 3 लाख 31 हजार 284 रूपए का आहरण विधिवत् कर लिया। जबकि मस्टररोल में जिन मजदूरों के नाम दर्ज है, तफतीश में सभी फर्जी पाए गए।
मामले की तह तक जाने सबसे पहले विभाग में सूचना के अधिकार के तहत् आवेदन दाखिल किया गया था। जिसे संज्ञान में लेते विभाग की तरफ से कार्य से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करवाए गए थे। जिसमें पामेड़ अभ्यारण्य अंतर्गत धरमाराम परिक्षेत्र के भट्टीगुड़ा के कक्ष क्रमांक 848, सहायक परिक्षेत्र कंवरगट्टा और कंचाल कक्ष क्रमांक865 में वर्ष 2020 में कार्य होना बताया गया।
कैम्पा मद से होना था काम
इस हेतु 3 लाख 31 हजार 769 रूपए की राशि कैम्पा मद से वर्ष 2019 में स्वीकृत की गई थी। इसके तहत कई हेक्टेयर भूभाग पर बीज बोआई, पाटा चलाई, सीबीओ, क्षेत्र सफाई, लेन्टाना, यूपेटोरियम, वनतुलसा व अन्य बीड़ उन्मूलन, अखाद्यय घास , कड़ी मिट्टी में चेकडेम निर्माण आदि कार्य शामिल थे।
बाउचर से लेकर श्रमिकों की सूची में फर्जीवाड़ा
प्रतिदिन 295 रूपए प्रति मजदूर भुगतान की दर से काम कराया जाना था, लेकिन रेंज के ही जिम्मेदार अफसर-कर्मचारियों ने चारागाह विकास के तहत जितने कार्य होने थे, उन्हें कराए बिना फर्जी बाउचर और इंक्लोजर लेटर(मस्टररोल) तैयार कर राशि आहरित कर ली गई। कैम्पा मद से स्वीकृत इस काम को माह भर में पूर्ण कराना बताया गया है, जबकि स्थानीय ग्रामीण वर्ष 2020 में संबंधित कक्ष क्रमांक में कोई काम ना होने की बात कह रहे हैं।
वहीं बाउचर में परिसर रक्षक, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी धरमाराम और अधीक्षक पामेड़ अभ्यारण्य द्वारा हस्ताक्षर कर भौतिक सत्यापन दर्शाया गया है। लेकिन मिल रही शिकायतों की तस्दीक की गई तो ग्रामीणों के कथन और मौका स्थल के निरीक्षण में कोई काम न होने की बात सामने आई है।
कोंडापल्ली सरपंच मनीष यासम का आरोप हैं कि अधीक्षक, रेंजर और डिप्टी रेंजर ने मिलीभगत कर राशि आहरित कर ली और उन्हें भनक तक नहीं लगी। सूची में जिन मजदूरों के नाम दर्शाए गए हैं, उनका भी वास्ता इस काम से नहीं था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 7 अगस्त। शनिवार को इंद्रावती नदी के निलकोंडा घाट में नाव पलटने से बहे मंगलू पोडियामी को ढूंढने राजस्व व नगर सेना की टीम 62 घण्टों से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है, लेकिन लापता मंगलू का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इंद्रावती नदी के निलकोंडा घाट से मंगलनार तक 25 किलो के दायरे में रेस्क्यू टीम मंगलू को ढूंढने तलाशी अभियान चला रही हैं।
सोमवार को एसडीएम उत्तम सिंह पंचारी व तहसीलदार मोहन साहू निलकोंडा घाट पहुंचे। अफसरों ने दिनभर घाट में रुककर राजस्व व नगर सेना की टीम द्वारा किये जा रहे रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। ज्ञात हो कि कि शनिवार को पल्लेवाया के रहने वाले ग्रामीण मंगलू पोडियामी व अन्य छह ग्रामीण तुमनार साप्ताहिक बाजार आने के लिए इंद्रावती नदी के निलकोंडा घाट को नाव से पार कर रहे थे। इसी बीच सुबह 11 से 12 बजे के दरमियान नदी के तेज बहाव से नाव अनियंत्रित होकर पलट गई। जिसमें सवार छह ग्रामीण जैसे तैसे तैरकर अपनी जान बचा पाने में कामयाब हो गए। लेकिन मंगलू पोडियामी नदी के तेज बहाव में बहकर लापता हो गया।
राजस्व व नगर सेना की टीम लापता ग्रामीण को ढूंढने पिछले 62 घंटों से रेस्क्यू के काम में जुटी हुई हैं, लेकिन अब तक लापता ग्रामीण का कोई सुराग नहीं मिल पाया हैं।
भैरमगढ़ तहसीलदार मोहन सोनी ने बताया कि नगर सेना व राजस्व की टीम हाई डेनसिटी बोर्ड से छह छह की टीम में इंद्रावती नदी के 25 किलो मीटर के दायरे तक लापता ग्रामीण मंगलू को ढूंढने के ऑपरेशन चला रही हैं।
उन्होंने बताया कि सोमवार को भी एसडीएम की मौजूदगी में रेस्क्यू टीम मंगनार तक जाकर आई है। देर शाम तक ग्रामीण का कुछ पता नहीं चल सका था। तहसीलदार साहू ने बताया कि मंगलवार सुबह से फिर रेस्क्यू ऑपरेशन लांच किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 7 अगस्त। हाइटेंशन तार की चपेट में आकर झुलसे दो युवकों में एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई है। वहीं दूसरे युवक का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है।
बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के बासागुड़ा में सोमवार की दोपहर 3 बजे के करीब बासागुड़ा स्थित एक दुकान के सामने वेंकटेश्वर अतकुरी (25) व हिमांशु (19) खड़े हुए थे। तभी अचानक हाइटेंशन तार टूटकर युवकों के ऊपर गिर गया। हाइटेंशन करंट की चपेट में आने से दोनों युवक बुरी तरह से झुलस गए। लोगों ने युवकों को बासागुड़ा अस्पताल लाया। यहां इलाज के दौरान वेंकटेश्वर ने दम तोड़ दिया।
वहीं हिमांशु को गंभीरता अवस्था मे जिला अस्पताल लाया गया। यहां उसका उपचार चल रहा हैं। मंगलवार को मृतक वेंकटेश्वर का पोस्टमार्टम किया जाएगा।
वेतन वृद्धि को लेकर प्रदर्शन, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
अनुदेशकों ने कहा- 10 हजार में नहीं होता गुजारा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 6 अगस्त। जिले में संचालित राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत संचालित 28 पोटाकेबिन में कार्यरत 450 अनुदेशकों ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर रैली निकालकर प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
जिले के भैरमगढ़, उसूर, भोपालपटनम व बीजापुर ब्लॉक में राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित 28 पोटाकेबिनो में आवासीय शिक्षा ले रहे 15000 बच्चों को 24 घण्टे रहकर शिक्षा दे रहे 450 अनुदेशकों फुल टाइम जॉब के बदले पार्ट टाइम टीचर का भुगतान किया जा रहा हैं। जिससे अनुदेशक संघ में असंतोष व्याप्त है।
अनुदेशक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष गोविंद गांधरला का कहना है कि हजारों बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा से जोडक़र अनुदेशक पढ़ाई करवा रहे हैं। इसमें प्राथमिक व उच्च प्राथमिक क्लास शामिल हैं। अनुदेशक द्वारा शैक्षणिक कार्य के साथ ही प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग कक्षाएं, खेलकूद, योगा, कम्प्यूटर, शिक्षा, स्वास्थ्य व देखरेख आदि के काम 24 घण्टे संस्था में रहकर की जाती हैं। इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों में जाकर बच्चों का सर्वे कर संस्था में दाखिला दिलाया जाता हैं।
अध्यक्ष गांधरला ने बताया कि इस सारे कामों के बदले अनुदेशकों को प्रतिमाह महज 10 हजार रुपये का मानदेय दिया जाता हैं। बढ़ती महंगाई से इतने कम मानदेय में आवश्यकताओं की पूर्ती संभव नहीं हैं। अनुदेशक संघ के अध्यक्ष का कहना है कि 14 साल से 24 घण्टे काम लिया जा रहा है। उसके समतुल्य मानदेय दिया जाए। जबकि राज्य परियोजना कार्यालय के द्वारा पार्ट टाइम टीचर के नाम से ही मानदेय दिया जा रहा हैं। वर्ष 2009 -10 से चतुर्थ श्रेणी में रखकर निरंतर शैक्षणिक कर रहे हैं। कार्य अनुभव व डीएलएड प्रशिक्षित के आधार पर प्राथमिकता देते हुए तृतीय श्रेणी में रखा जाए।
संघ की 4200 ग्रेड पे की मांग
अनुदेशक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष गोविंद गांधरला ने बताया कि अनुदेशकों की नियुक्ति वर्ष 2011 में हुई थी। उस वक्त उनका मानदेय 4940 रुपये था। चार साल बाद वर्ष 2015 में मानदेय बढक़र 7 हजार रुपये किया गया। इसके बाद वर्ष 2018 में चुनाव से पहले 23 दिनों की हड़ताल के बाद मानदेय बढ़ाकर 10 हजार कर दिया गया, लेकिन महंगाई व काम के बदले ये नाकाफी है।