बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 16 अगस्त। बीजापुर जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर भैरमगढ़ ब्लॉक में संचालित मिडिल स्कूल मिरतुर की हालत बदहाल है। तीन कमरों वाला मिडिल स्कूल जहां 30 बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं। इस स्कूल की हालत दुर्घटना के खतरों को आमंत्रित कर रहा है। छत इतनी जर्जर है की यहां के शिक्षकों को बारिश से बच्चों को बचाने प्लास्टिक की झिल्ली का सहारा लेना पड़ रहा है ।
यहां की भवन के मरम्मत के लिए बीते तीन साल में हेड मास्टर और शिक्षकों ने कई बार गुहार लगाई, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। इस बार मुख्यमंत्री शाला जतन योजना से उम्मीद बंधी थी कि भवन का कायाकल्प होगा। लेकिन ये आस भी बारिश के शुरू होते ही टूट गई। आखिरकार शिक्षकों को स्कूल चलाने के लिए प्लास्टिक की झिल्ली का सहारा लेकर स्कूल का संचालन करना पड़ा।
भवन की छत, दीवार-फर्श जर्जर है। शौचालय की स्थिति काफी खराब है। शिक्षकों और बच्चों को मजबूरन खुले में नित्य क्रिया करने जाना पड़ता है। पानी ज्यादा तेज बरसने पर मजबूरन शिक्षकों को स्कूल में छुट्टी देनी पड़ती है और बच्चों की पढ़ाई लिखाई ठप हो जाती है।
स्कूल जतन योजना हुई फेल
राज्य के मुख्यमंत्री ने इस साल बदहाल स्कूलों को संवारने 2500 करोड़ का पैकेज दिया, ताकि स्कूलों की दुर्दशा को ठीक कर नया कलेवर दिया जा सके। लेकिन बीजापुर जिला मुख्यमंत्री की मंशा को साकार करने में सफल नहीं हो पाया । जिले में प्रायमरी और मिडिल स्कूलों की जो हालत है, वो गंभीर दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते दिख रहे है। लेकिन विभाग की उदासीनता समझ से परे है। बताया जाता है कि शाला जतन योजना में 137 स्कूलों के जीर्णोद्धार का काम होना था, लेकिन यह महत्वपूर्ण योजना विभाग की उदासीनता की भेंट चढ़ गई।
अब तक नहीं पहुंचे अफसर
मिडिल स्कूल मिरतुर के एचएम रामलाल मरकाम ने बताया कि वे यहां 2022 में आये हैं। उन्होंने बताया कि भवन जर्जर हालात में है। भवन की छत पर झिल्ली लगाकर काम चलाया जा रहा हैं। हेड मास्टर मरकाम के मुताबिक इस सत्र में अब तक न जिला शिक्षा अधिकारी और न ही खण्ड शिक्षा अधिकारी यहां निरीक्षण के लिए आये हैं। उन्होंने बताया कि गांव के लोग व मिडिल स्कूल की तरफ से एमएलए को नये स्कूल भवन निर्माण के लिए मांग पत्र दिया गया हैं।
डिस्मेंटल योग्य है भवन - बीईओ
भैरमगढ़ के बीईओ आरएस नेताम ने बताया कि पिछले सत्र में मिडिल स्कूल भवन मरम्मत के लिए मांग किया गया था। किंतु बजट सेंसन नहीं होने से मरम्मत का काम नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि शाला जतन योजना के तहत आये 32 मरम्मत के काम में भी इस स्कूल का नाम शामिल नहीं था। बीईओ नेताम ने स्वीकार किया है कि ब्लाक के 13 स्कूल भवन डिस्मेंटल योग्य है। इनमें से एक मिरतुर मिडिल स्कूल भी शामिल हैं।