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प्लाटून नंबर 3 का था सदस्य
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 13 जुलाई। गुरुवार को दो लाख रुपये के ईनामी नक्सली प्लाटून नंबर 3 के सदस्य ने पुलिस अफसरों के सामने समर्पण कर दिया हैं। आत्मसमर्पित नक्सली टेकलुगूडेम सहित छह महत्वपूर्ण घटनाओं में शामिल था। उसे पुनर्वास नीति के तहत पच्चीस हजार रुपये नगद प्रोत्साहन राशि दी गई है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक नक्सलियों की बटालियन नंबर 1 में कंपनी नंबर 2 के प्लाटून नंबर 3 के सदस्य हरीश पदम उर्फ पोज्जा (21) निवासी पटेलपारा कोरसागुड़ा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर ने गुरुवार को एसपी आंजनेय वाष्णेय, कोबरा 210 के कमांडेंट अशोक कुमार, सीआरपीएफ 168 बटालियन द्वितीय कमान अधिकारी आशीष कुमार रावत व डीआरजी के उप पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार साहू के समक्ष माओवादियों की खोखली विचार धारा भेदभाव पूर्ण व्यवहार उपेक्षा व प्रताडऩा से तंग आकर तथा छत्तीसगढ़ शासन के पुर्नवास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पित नक्सली हरीश संगठन में इंसास रायफल अपने साथ रखता था। उस पर सरकार ने 2 लाख रुपये का ईनाम घोषित कर रखा था।
बाल संघम के रूप जुड़ा था संगठन में
आत्मसमर्पित नक्सली हरीश पदम वर्ष 2019 में कोरसागुड़ा आरपीसी द्वारा बाल संघम सदस्य के रूप में संगठन में भर्ती किया गया था। संगठन में सीएनएम पार्टी के नाच गाना से प्रभावित होकर संगठन में शामिल हुआ। बाल संघम के रूप में वर्ष 2021 तक कार्य किया। वर्ष 2021 में बटालियन नंबर 1में तैनात कंपनी नंबर 2 के कमांडर द्वारा पीएलजीए सदस्य के पद पर पदोन्नत किया गया। इसके बाद उसे बोटेम के जंगल में एक महीने की ट्रेनिंग दी गई। अगस्त 2021 तक बटालियन नंबर 1 में पीएलजीए सदस्य के रूप में काम किया। जनवरी 2022 में कंपनी नंबर 2 के कमांडर द्वारा प्लाटून नंबर 3 में सदस्य के रूप पदोन्नत कर प्लाटून नंबर 3 का गार्ड इंचार्ज व डॉक्टर टीम सदस्य की जिम्मेदारी दे दी गई।
इन घटनाओं में रहा शामिल
आत्मसमर्पित नक्सली हरीश पदम वर्ष 2021 के 3 अप्रैल को टेकलगुडियम में पुलिस और माओवादियों के बीच हुए मुठभेड़ में शामिल रहा। इस घटना में 22 पुलिस जवान शहीद हुए थे। वर्ष 2022 में हीरापुर से पुतकेल के मध्य रोड निर्माण कार्य मे सुरक्षा ड्यूटी पर निकले जवान पर घात लगाकर हमला करने में शामिल था। इसमें सीआरपीएफ के 1 सहायक कमांडेंट शहीद हुए थे। 6 मार्च 2022 को चिंतागुफा थाना के अंतर्गत एलमागुड़ा कैम्प पर बीजीएल व सुरका बम से हमला करने की घटना में शामिल रहा। 10 जुन 2022 को पामेड़ थाना क्षेत्र के तोंगगुड़ा कैम्प पर बीजीएल व सुरका बम से हमला करने की घटना में शामिल था।
10 जून 2022 को तेलंगाना के चेरला के ग्राम चिन्नापुरम कैम्प पर बीजीएल व सुरका बम से हमला करने की घटना में शामिल था। वही वर्ष 2023 को सुकमा जिला में कुन्देड़ से बेदरे की ओर निकली बाईक पेट्रोलिंग डीआरजी की पार्टी पर एम्बुश लगाकर हमला करने की घटना में शामिल रहा। इस घटना में सुकमा डीआरजी के 3 जवान शहीद हुए थे।
जर्जर स्कूल भवन के दो कमरे में संचालित हो रहीं पांच कक्षाएं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 12 जुलाई। छब्बीस जून को नए शिक्षा सत्र का आगाज हो गया है। जिले के अलग-अलग जगहों में प्रशासन लगातार शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन कर रहा हैं। एक जुलाई को जिस भोपालपटनम में जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन किया गया था। आज वहीं से शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती हुई खबर सामने आई है।
भोपालपटनम नगर के रानी दुर्गावती वार्ड के एक जर्जर भवन के दो कमरों में सीबीएसई गवर्मेंट इंग्लिश स्कूल संचालित हो रही है। इस स्कूल में एक शिक्षिका के भरोसे 96 छात्र अध्यनरत हैं। स्कूल की व्यवस्था व पढ़ाई में गुणवत्ता को लेकर यहां अध्यनरत 15 छात्रों ने टीसी लेने की मंशा जाहिर की है। बच्चों के अभिभावक नहीं चाहते कि उनके बच्चों का भविष्य खराब हो।
इस जर्जर भवन के दो कमरों संचालित स्कूल के एक कमरे में पहली से तीसरी व दूसरे कमरे में चौथी से पांचवी तक की कक्षा लगाई जा रही है। इस स्कूल में महज एक प्रभारी प्राचार्या है। जिनके जिम्मे 96 छात्र अध्ययनरत हंै।
प्राचार्य बबीता चंद्राकर ने बताया कि यहां पिछले सत्र में 5 शिक्षक पदस्थ थे। इनमें दो शिक्षक पदोन्नत होकर दूसरे संस्था चले गए, वहीं अन्य दो शिक्षकों को उनके मूल संस्था भेज दिया गया। इसके बाद से यहां शिक्षकों की पदस्थापना नहीं की गई हैं।
उन्होंने बताया कि यहां पहली क्लास में 7, दूसरी क्लास में 25, तीसरी क्लास में 26, चौथी क्लास में 17 व पांचवीं क्लास में 21 अध्यनरत हैं। वहीं सीबीएसई स्कूल की छटवीं से आठवीं तक की क्लास रालापल्ली में संचालित हो रही हैं। यहां 3 शिक्षक पदस्थ किये गए हैं।
इस बारे में ब्लाक एजुकेशन ऑफिसर कंडिक नारायण ने बताया कि सीबीएसई स्कूल में आगामी 15 जुलाई तक शिक्षकों की व्यवस्था कर दी जाएगी। इसके लिए 5 तारीख को एसएमडीसी के मेम्बर ने आवेदन दिया है। इसी के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी को शिक्षक व्यवस्था के लिए प्रस्ताव भेजा गया है, वहीं भवन की वैकल्पिक व्यवस्था भी की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 10 जुलाई। सोमवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला ईकाई बीजापुर का प्रतिनिधिमंडल नवनियुक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय रामटेके से उनके कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान संघ की ओर से पुष्पगुच्छ देकर सीएमएचओ का अभिवादन किया गया।
संघ के जिलाध्यक्ष सदाशिव दुर्गम ने संघ की बहु प्रतीक्षित मांगों, जिसमें समस्त कर्मचारियों के समयमान वेतनमान प्रदाय करने एवं विगत 12 वर्षों से लंबित चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया पर डॉ. रामटेके का ध्यानाकर्षण कर कराया। जिस पर त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन सीएमएचओ ने दिया है।
नव पदस्थ सीएमएचओ ने जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करने की बात करते हुए, मिल जुलकर कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भविष्य में कर्मचारियों की जिला स्तर की किसी भी प्रकार की समस्या का संघ के माध्यम से सूचना मिलने पर समाधान करने का प्रयास करने की बात कही है।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष सदाशिव दुर्गम के साथ, पी शरद, अर्जुन, मुकेश, लोकेश, सोमलु, लक्ष्मण, नंदू, शरण, अनिल, पदमनाथ, सुखदास, दिलीप, यामिनी, भोजराज, प्रमोद, ममता एवम रोशनी आदि उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 9 जुलाई। छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव व ईलमिडि बूथ कमेटी के प्रभारी कमलेश कारम ने बूथ चलो अभियान के तहत अपने प्रभार क्षेत्र ईलमिडि में बूथ कांग्रेस कमेटी की बैठक लेकर कार्यकर्ताओं को बुथ कमेटी को कैसे मजबूत किया जाता है। इस पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। प्रभारी कमलेश कारम ने कार्यकर्ताओं को बैठक में बताया कि बूथ कमेटी गठन कर कैसे जमीनी स्तर पर कार्य करना है एवं बूथ को कैसे मजबूत करना है लोगों को कैसे जोडऩा है इस पर विचार विमर्श कर अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा किया गया।
बैठक में जनपद अध्यक्ष सुश्री अनीता तेलम, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रत्ना सोढी, जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव गौरैया माडकम ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेश वासम, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष परीक्षित केजी, मारैया कडती, चामंत्री जी एवं बूथ कांग्रेस कमेटी के सभी पदाधिकारी कार्यकर्ता महिलाएं उपस्थित रहे।
चुनाव से पहले शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 8 जुलाई। क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर ग्राम पंचायत और सरपंचों के कार्य को क्षमताविहीन बताया था। इसे लेकर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने एक बयान जारी कर इसे आदिवासी सरपंचों का अपमान बताते हुए विधायक विक्रम मंडावी पर आरोप लगाया था। अब जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष जगबंधु मांझी ने बयान जारी कर आदिवासी और सरपंचों का अपमान करने वाले महेश गागड़ा को माफी मांगने की नसीहत दी है।
सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष व जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष जगबंधु मांझी ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा है कि भाजपा व महेश गागड़ा के पास कोई मुद्दा नहीं हैं। इसीलिए बिना किसी तथ्यों और बिना किसी आधार के रायपुर में रहकर बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी पर कुछ भी बेतुके आरोप लगा देते हैं। गागड़ा के आरोपों का सच्चाई से कोई वास्ता नहीं हैं।
मांझी ने कहा कि आदिवासियों और सरपंचों को लेकर बार-बार झूठा प्रचार करने वाले गागड़ा को माफी मांगते हुए उन्हें अपने कार्यकाल को याद करना चाहिए, कि जिले में किस तरह से जिले के सरपंचों सहित जिले के नागरिक फाइलों को लेकर रायपुर तक घुमा करते थे, इससे लोगों का आर्थिक मानसिक व शारीरिक नुकसान होता था। इसमें भी अधिक आदिवासी वर्ग पीडि़त था।
मांझी ने आगे कहा कि गागड़ा के सत्ता में रहने के दौरान ही स्कूल, अस्पताल, राशन दुकान, पीने का पानी, सडक़, बिजली जैसे मूलभूत सुविधाओं से आदिवासियों को वंचित रखा जिले में 300 से अधिक स्कूल बंद हुए थे। इसके लिए गागड़ा को आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए।
मांझी ने कहा कि जब से प्रदेश में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी हैं, तब से आदिवासी क्षेत्रों में स्कूल, अस्पताल, राशन दुकान, पीने का पानी, सडक़, बिजली, जैसे मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हुआ हैं। ये पहली बार हो रहा है कि ग्रामीणों की मांग के अनुरूप मतागुड़ी और देव गुडिय़ों का निर्माण हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि जिले में हो रहे विकास कार्यों से परेशान होकर महेश गागड़ा सरकार और विधायक को बदनाम करने में लगे हैं।
मांगों को लेकर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने मुख्य सचिव के नाम सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 8 जुलाई। छत्तीसगढ़ कर्मचारी व अधिकारी फेडरेशन ने डीए, गृह भाड़ा भत्ता, विभिन्न विभागों की वेतन विसंगति, प्रथम नियुक्ति तिथि से पुराना पेंशन ,पदोन्नति सहित विभिन्न माँगों को लेकर शुक्रवार को एक दिवसीय धरना देकर मुख्य सचिव के नाम तहसीलदार डीआर ध्रुव को ज्ञापन सौंपा, वहीं फेडरेशन ने मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में आगामी एक अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन करने का अल्टीमेटम दिया हैं।
छत्तीसगढ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला सचिव कैलाश रामटेके ने बताया कि विभिन्न मांगों को लेकर आज मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा है। डीए, गृह भाड़ा, वेतन विसंगति, प्रथम नियुक्ति तिथि से पुराना पेंशन एवं पदोन्नति हमारी प्रमुख मांगें हंै।
कैलाश रामटेके ने बताया कि पिंगुआ रिपोर्ट की अध्यक्षता में वेतन विसंगति के लिए गठित समिति की रिपोर्ट को सरकार सार्वजनिक करें। उन्होंने बताया है कि राज्य के कर्मचारियों को अभी भी केंद्र से 4 प्रतिशत मँहगाई भत्ता कम मिल रहा है। विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारी व अधिकारी फेडरेशन ने सात जुलाई को काम बंद आंदोलन किया है। सरकार द्वारा अनिर्णय की स्थिति में एक अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन करने की बात कही है। जिला मुख्यालय मे समस्त विभागों के कर्मचारियों ने अंबेडकर मंगल भवन में धरना प्रदर्शन किया।
एसडीएम द्वारा रैली की अनुमति नहीं दी गई। धरना प्रर्दशन को डीएस राम, राजेश मिश्रा,भोला राम अमान, प्रिंयका भारद्वाज ,लोकेश रेड्डी ,गौरी हुसैन, गनपत गुरला, के डी राय , बी आर नरवरिया कैलाश रामटेके ने संबोधित किया। इसके बाद पदाधिकारियों द्वारा अनियमित व संविदा एवं छग स्वास्थ कर्मचारी संघ के धरना प्रदर्शन में जाकर अपना समर्थन दिया। विकासखण्ड उसूर में अनिल झाड़ी,भोपालपटनम में कमल कोर्राम, भैरमगढ़ मे राजेन्द्र बलेन्द्र के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर तहसीलदारों को ज्ञापन सौंपा गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 8 जुलाई। विकासखंड भोपालपटनम में संचालित डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल उल्लूर भोपालपटनम में पालकों की बैठक आयोजित की गई। उक्त बैठक में शैक्षिक, सह शैक्षिक, भौतिक संसाधनों के संबंध में चर्चा की गई। स्कूल के प्राचार्य पात्रा सर द्वारा उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तृत रूप से पालकों को बताया गया।
वर्तमान शैक्षणिक सत्र में डीएवी स्कूल में एलकेजी एवं यूकेजी कक्षाओं को प्रारंभ किया गया है। इस शैक्षणिक सत्र में विषयवार वेल क्वालीफाइड प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती की गई है। संस्था को कलेक्टर जिला बीजापुर द्वारा 09 स्मार्ट बोर्ड प्रदाय किया गया, जिससे बच्चों को सभी कक्षाओं में स्मार्ट क्लास के माध्यम शिक्षण की व्यवस्था की गई।
प्राचार्य ने बताया कि यह सांस्था छत्तीसगढ़ शासन द्वारा समस्त सुविधाएं उचित में दी जाती हैं किन्तु कक्षा 9 वीं की छात्राओं को शासन की महत्वपूर्ण योजना सरस्वती सायकल योजना अंतर्गत नि:शुल्क सायकल प्रदाय नहीं किया जा रहा है, इस योजना का लाभ दिलाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी जिला बीजापुर को आवेदन दिया गया है। जल्द ही इस योजना का लाभ मिलेगा। शाला में लगभग 850 बच्चे अध्ययनरत हैं।
शाला में सभी सुविधाएं हैं, किन्तु बॉउंड्री वॉल नही है। शाला एन एच 163 के किनारे होने के चलते बॉउंड्री वॉल नहीं होने के कारण बच्चों को किसी बड़े दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। शाला में शुद्ध पेयजल का भी अभाव है। शाला से 500 मीटर की दूरी पर वाटर फिल्टर लगा हुआ है। किन्तु शाला को शुद्ध पेयजल प्राप्त नहीं हो रहा है। कई बार पीएचई के एसडीओ बंजारे सर एवं ग्राम पंचायत गोटाईगुड़ा के सचिव से इस संबंध में चर्चा की गई, किन्तु इस बारे में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।
इस अवसर पर पालक श्रीनिवास एटला द्वारा वैकल्पिक तौर पर चंदा करके पेयजल उपलब्ध कराने अन्य पालकों से निवेदन किया गया जिस पर सभी पालकों ने सहमति दी है। संस्था के शिक्षकों द्वारा डेमो क्लास का प्रदर्शन किया गया। सभी पालकों ने शाला में बाउंड्री वॉल एवं पेयजल उपलब्ध कराने आवेदन देने का निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर संस्था के समस्त शिक्षकों सहित अत्यधिक संख्या में पालकगण उपस्थित हुए।
विधायक विक्रम ने कहा-आरोप बेकार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 7 जुलाई। पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने एक बयान जारी आरोप लगाया है कि क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर ग्राम पंचायत और सरपंचों के कार्य को क्षमताविहीन बताया। जबकि यह उनके अधिकारों का है। विधायक आदिवासी सरपंचों का अपमान कर रहे हैं। वहीं विधायक विक्रम मंडावी ने गागड़ा के आरोप को बेकार बताया है।
अपने जारी बयान में पूर्व मंत्री व भाजपा नेता महेश गागड़ा ने विधायक विक्रम मंडावी पर आरोप लगाते कहा है कि विधायक अपने चेहतों के माध्यम से काम कर मोटी रकम बनाने का काम कर रहे हैं। साथ ही एक भारतीय लोक सेवा के अधिकारी भी नियम प्रक्रिया के संरक्षण और संचालन के जिम्मेदार है, वे भी पंचायतों को काम तो दूर पत्र की भाषा को बिना पड़े एसी ट्राइबल को एजेंसी भी बना देते हैं।
गागड़ा ने कहा कि बीजापुर में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हो रही हैं। उन्होंने इसे नियम विरुद्ध जाकर कमीशन खाने का अभियान चलाना बताया हैं। उन्होंने कहा कि वे इसकी निंदा करते हैं।
पूर्व मंत्री गागड़ा ने आगे कहा है कि सूबे के मुखिया पांचवी अनुसूची क्षेत्र में पंचायतों को मजबूत और सशक्त हस्ताक्षर की बात करते हैं। वहीं उनके विधायक सरपंचों और ग्राम पंचायतों का अपमान कर रहे है । मुख्यमंत्री द्वारा पंचायतों को पचास लाख तक के कार्यों का अधिकार दिया गया है। परंतु पुरे प्रदेश में पचास लाख तक का कार्य तो दूर पांच हजार तक काम भी इनके विधायक कर रहे हैं और सरपंच अपने आपको को बेबस व ठगा महसूस कर रहे हैं।
वहीं बीजापुर विधायक विक्रम मन्डावी ने भाजपा नेता महेश गागड़ा द्वारा लगाए गए आरोप को गलत बताते हुए कहा कि जनता के कार्यों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को जल्द से जल्द और सुचारू रुप से कार्य करने के लिए जन प्रतिनिधियों द्वारा समय समय पर पत्र लिखा जाता है। इसमें किसी भी प्रकार का कोई लाभ या निजी स्वार्थ नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के नेता आगामी चुनाव में अपनी हार को देखते हुए इस प्रकार बेकार के आरोप लगा रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 7 जुलाई। नियमितिकरण को लेकर हड़ताल में बैठे संविदा कर्मचारियों को कैबिनेट की बैठक से आस बंधी थी कि सरकार इनके लिए संवेदनशीलता दिखाते हुए कुछ निर्णय लेगी, किंतु ऐसा नहीं हुआ।
संविदाकर्मी सरकार के रवैए पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं। इनका कहना है कि जिन कर्मचारियों को कार्यालयों में सेवा देनी चाहिए। वे आज सडक़ों पर उतरने मजबूर हो गए हैं। क्या यह सरकार की नाकामी नहीं है। शुक्रवार को संविदा कर्मियों की हड़ताल को विभिन्न राजनीतिक दलों व कर्मचारी संगठनों का समर्थन मिला है।
जिला अध्यक्ष रमाकांत पुनेठा ने सरकार से अपील की है कि सरकार को संवेदनशीलता पूर्वक विचार कर जल्द कर्मचारियों से बातचीत कर नियमितिकरण की घोषणा करनी चाहिए, अन्यथा स्थिति आने वाले दिनों में और भी खराब होती जाएगी। चूंकि इस बार कर्मचारी बिना समाधान के कार्यालय नहीं जाने वाले है।
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस से जिला अध्यक्ष विजय झाड़ी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जमुना सकनी, पूर्व राज्य युवा आयोग सदस्य अजय सिंह, सकनी चन्द्रिया व कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन संघ से जिला संयोजक डी राय, सचिव कैलाश रामटेके, पेंशनर संघ के जिलाध्यक्ष नरवरिया ने संविदा कर्मियों के मांगों को समर्थन किया। तहसीलदार बीजापुर को ज्ञापन दिया गया।
प्रदर्शन कर पीएम व सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 7 जुलाई। आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन किया। आप का कहना था कि देशभर में महंगाई चरम पर पहुंच गई हैं। महंगाई ने लोगों के घरेलू बजट को बिगाड़ दिया हैं। महंगाई को लेकर आप ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा हैं।
देश व प्रदेश में बढ़ती महंगाई के खिलाफ गुरुवार को यहां नये बस स्टैंड में आम आदमी पार्टी बीजापुर जिला इकाई के पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं ने अद्भुत प्रदर्शन करते हुए पीएम और सीएम के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
आप की बीजापुर ईकाई ने ठेले गैस, टमाटर, पेट्रोल, डीजल, धनिया रखकर महंगाई को लेकर अनोखा प्रदर्शन किया व खूब नारेबाजी की गई। केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विरोध जताया।
आम आदमी पार्टी के जिला सचिव सतीश मंडावी ने कहा कि अनाज से लेकर सब्जियों के दाम में जिस तरह से बेतहाशा वृद्धि हो रही है, उससे आम जनमानस काफी परेशान है। हर परिवार को बढ़ती महंगाई से अतिरिक्त भार पड़ रहा है। टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी होने से आम जनता परेशान है। महंगाई ने आज साधारण परिवार की कमर ही तोड़ दी है। जिलाध्यक्ष अनिल दुर्गम ने कहा कि बीजेपी के सरकार में लगातार महंगाई बढ़ रही है। सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। आम जनता महंगाई से त्रस्त और परेशान है। आलम यह है कि टमाटर 120, हरा धनिया 200, अदरक 320, करेला 120 रूपए किलो बिक रहा है। केंद्र की मोदी सरकार को गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की कोई चिंता नहीं है। डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दाम बढ़ाकर सरकार ने जनता के घरेलू बजट को बिगाड़ दिया है। वही बीजापुर ब्लॉक अध्यक्ष सहदेव मोरला ने कहा कि भाजपा सरकार की पूंजीपरस्त और गलत नीतियों के कारण महंगाई नियंत्रण से बाहर चली गई है। मोदी सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है। झूठे वादे कर सरकार में आई बीजेपी न महंगाई रोक पाई न बेरोजगारी कम कर पाई है।
आप के पदाधिकारियों ने कहा कि बीजेपी सरकार में दाल, चावल, आटा, तेल और सब्जी सब कुछ महंगी हो गई है। लोगों को दो वक्त की रोटी मिलना मुश्किल हो गया है, लेकिन सरकार जनसरोकारों से पूरी तरह से आंख बंद कर बैठी है। महंगाई को लेकर बीजेपी सांसदों को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जनता को महंगाई से राहत दिलाने की मांग करना चाहिए। प्रदर्शन में मुख्य रूप से एसटी विंग जिला अध्यक्ष प्रवीण उयका, यूथ विंग जिला अध्यक्ष मंगलू सोढ़ी, भूपत राव दुर्गम, यूथ विंग संगठन मंत्री मनोज पाल, गंगालूर मंडल अध्यक्ष लच्छु पुनेम, बीजापुर मंडल अध्यक्ष लच्छु उरसा, इवेंट प्रभारी सदाशिव यालम, रजंती मुडमा, शांति कुडिय़म ,कृष्ण मडे, किशोर कुडिय़म, गौतम, ललित कड़ती, रमेश मेट्टा मौजूद रहे।
आईटीआर के डिप्टी डायरेक्टर ने अब तक की कार्रवाई का दिया विवरण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 6 जुलाई। 30 जून को मद्देड़ बफर क्षेत्र के रुद्रारम से पकड़े गए बाघ के खाल का सौदागर सीआरपीएफ अफसर के नाम का खुलासा डिप्टी डायरेक्टर गणवीर धम्मशील ने पे्रसवार्ता लेकर कर दिया हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी अफसर को बयान के लिए तलब किया गया हैं।
गुरुवार को यहां इंद्रावती टाइगर रिजर्व कार्यालय के कांफ्रेस हॉल में डिप्टी डायरेक्टर गणवीर धम्मशील ने पत्रकारवार्ता लेकर बाघ के खाल मामले से जुड़े अब तक की कार्रवाई का विवरण पेश किया। वही उपनिदेशक ने खाल का सौदा करने वाले सीआरपीएफ अफसर के नाम का भी खुलासा किया हैं।
उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ 222 बटालियन के नैमेड कैम्प में पदस्थ सब इंस्पेक्टर अमित झा ने शिकारियों से 13 लाख में खाल का सौदा किया था। 7.50 लाख रुपये उसने एडवांस में दे दिए थे। बाकी के पैसे खाल की डिलीवरी के दौरान देने की बात तय हुई थी। लेकिन इससे पहले ही वन अमले को इसकी खबर लग गई और खाल की डिलीवरी से पहले पूरा मामला फुट गया। इसके बाद वन अमले ने धरपकड़ की लगातार कार्यवाही शुरू कर दी।
पत्रकारवार्ता में इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक गणवीर धम्मशील ने 30 जून की कार्यवाही से लेकर अब तक कि पूरी कार्यवाही किये जाने का विवरण विस्तार से बताया है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि फरार सीआरपीएफ अफसर, श्रवण झाड़ी, सीताराम, महेंद्र, समैया व संतोष के पकड़े जाने के बाद उनसे पूछताछ में कुछ और भी खुलासे हो सकते हैं। पत्रकारवार्ता में एसडीओ मनोज बघेल भी मौजूद रहे।
प्रदेश के 45 हजार संविदा कर्मियों की आशा निराशा में बदली
अब 54 विभागों के कर्मचारी आंदोलन को धार देने की तैयारी में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 6 जुलाई। कैबिनेट की बैठक से आस लगाये बैठे प्रदेश के 54 विभागों के 45 हजार संविदा कर्मचारियों को गुरुवार को हुए कैबिनेट की बैठक से कोई फैसला न आने से निराशा हाथ लगी है। इससे नाराज संविदा कर्मी अब आंदोलन को धार देते हुए उग्र प्रदर्शन की तैयारी में हैं।
पिछले दिनों उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव के द्वारा मीडिया में दिए गए बयान के बाद संविदा कर्मचारियों को कैबिनेट बैठक से काफी उम्मीदें थी, किंतु उनके संबंध में कैबिनेट बैठक में किसी भी प्रकार का निर्णय नहीं आने से संविदा कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है। इससे नाराज कई जिलों में संविदा कर्मचारियों ने सरकार के प्रति अपना विरोध जताने के लिए जमकर नारेबाजी भी की।
ज्ञात हो कि 3 जुलाई से छत्तीसगढ़ के 54 विभागों में कार्यरत 45000 संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन में चले गए हैं।
महासंघ के जिला अध्यक्ष रमाकांत पुनेठा ने बताया कि सरकार के पौने पांच साल बीत जाने के बाद भी नियमितिकरण के संबंध में निर्णय नहीं लिया जाना। यह दुखद स्थिति है। समाचार पत्रों में 6 जुलाई के कैबिनेट बैठक में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की संभावना जाहिर की गई थी। जिसके बाद प्रदेश के 45000 संविदा कर्मचारियों को सरकार से आस बंधी थी कि मौजूदा भूपेश सरकार से तोहफा मिलेगा, किंतु ऐसा हुआ नहीं। जिसके कारण कर्मचारियों में सरकार के प्रति भारी रोष है।
वर्तमान में अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं, सरकार जल्द निर्णय नहीं लेती तो आने वाले दिनों में आंदोलन को धार देते हुए उग्र प्रदर्शन होता जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 6 जुलाई। बीती रात कृषि विस्तार अधिकारी के घर घुसकर एक अज्ञात व्यक्ति हमला कर फरार हो गया। हमले से कृषि विस्तार अधिकारी को हाथ के कोहनी में मामूली चोट आई है। पुलिस जांच में जुटी हुई है।
भोपालपटनम के चेरपल्ली में पदस्थ कृषि विस्तार अधिकारी मुन्ना लाल बघेल (33) बुधवार की रात अपने भोपालपटनम स्थित क्लब पारा घर में आराम कर रहे थे। इसी बीच पीछे के दरवाजे से एक अज्ञात व्यक्ति घर में घुसा और कृषि विस्तार अधिकारी पर हमला कर फरार हो गया। इस हमले में अधिकारी को बायें हाथ के कोहनी में चोट पहुंची है। उन्हें भोपालपटनम के अस्पताल में भर्ती किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भोपालपट्टनम में इलाज जारी है। भोपालपट्टनम बस्ती में इस तरह की घटना से दहशत का माहौल बना हुआ है।
जगदलपुर निवासी मुन्ना लाल बघेल कृषि विस्तार अधिकारी भोपालपटनम में विगत पांच वर्षों से कार्यरत है।
इस घटना के संबंध में भोपालपटनम के एसडीओपी भावेश समरथ ने बताया कि रात को 11 के लगभग किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा हमला की सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि हमला किस चीज से किया गया है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि हमला कौन से हथियार से किया गया हैं। उन्होंने धारदार हथियार से हमला होने की आशंका व्यक्त की है।
बाघ के शिकार के मामले में 4 और आरोपी भेजे गए जेल, अब तक 13 गिरफ्तार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 5 जुलाई। इंद्रावती व गोदावरी नदी से लगे छग व महाराष्ट्र बार्डर पर स्थित कोंडामौसम गांव में फांदे से फंस कर जिस जगह बाघ की मौत हुई थी, वह सामान्य वन मंडल के भोपालपटनम परिक्षेत्र में आता है। साथ ही यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बाघ इंद्रावती टाइगर रिजर्व का था या पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से आया हुआ था। इसकी तस्दीक के लिए विभाग काम कर रहा है।
बाघ की मौत के बाद उसके खाल के साथ पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर इंद्रावती टाइगर रिजर्व का अमला लगातार धरपकड़ की कार्रवाई कर रहा है। बुधवार को मुख्य शिकारी तुलसीराम दुब्बा, सुबैय्या पुनेम, गणेश व रमेश दुर्गम को भी जेल भेज दिया गया हैं। वहीं इससे पहले आरती दास, विक्रम ठाकुर, प्रीतम लाल साहू, तामेश्वर जैन, काका दीपक, मनोज कुरसम, किशोर दशरारिया व दो पुलिस कर्मी प्रकाश ठाकुर व रामकुमार टिंगे को दो दिन पहले ही जेल भेजा जा चुका हैं।
अब तक कुल 13 लोगों को जेल दाखिल किया गया है। आरोपियों पर वन प्राणी अधिनियम 1972 के तहत कार्यवाही की गई हैं। वहीं इस मामले से जुड़े श्रवण झाड़ी, सीताराम, समैया, महेंद्र, संतोष व सीआरपीएफ अफसर अब भी पकड़ से बाहर हैं।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक गणवीर धम्मशील ने बताया कि सीआरपीएफ अफसर बाहर है। बयान के लिए उन्हें बुलवाया गया है। उनका मामना है कि उनसे पूछताछ में कुछ और भी खुलासे हो सकते हैं।
वहीं उपनिदेशक गणवीर धम्मशील का कहना है कि बाघ की जिस जगह मौत हुई है। वह क्षेत्र महाराष्ट्र बार्डर से लगे इंद्रावती व गोदावरी नदी के किनारे का है। ऐसे में यह कहना जल्दबाजी होगी कि बाघ इंद्रावती टाइगर रिजर्व का था..? उन्होंने संभावना व्यक्त की है कि बार्डर क्षेत्र होने से बाघ महाराष्ट्र का भी हो सकता है..? इसकी जांच चल रही है और ये जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि बाघ कहाँ का था।
वहीं दूसरी ओर भोपालपटनम वन परिक्षेत्र सामान्य के रेंजर पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि कोंडामौसम उनके ही परिक्षेत्र में आता है। उनकी टीम भी इस कार्रवाई में लगी हुई है।
ज्ञात हो कि 30 जून को इंद्रावती टाइगर रिजर्व के मद्देड़ बफर जोन क्षेत्र के रुद्रारम गांव से बाघ के खाल के साथ 7 आरोपियों को पकड़ा गया। आरोपियों से पूछताछ के बाद उनकी निशानदेही पर इंद्रावती टाइगर रिजर्व व सामान्य वन मंडल की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है।
हंगामे को देख अस्पताल में पुलिस के जवानों को होना पड़ा तैनात
परिजनों ने डॉक्टरों -नर्सों पर लगाया लापरवाही का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 5 जुलाई। बुधवार को जिला अस्पताल में इलाज के लिए आए एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद मरीज के परिजनों ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिजनों ने डॉक्टरों और स्टॉफ नर्सों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
परिजनों ने कहा कि मनीष साहू (35) निवासी बीजापुर को उल्टी की शिकायत के बाद जिला अस्पताल इलाज के लिए लाया गया था। लेकिन डॉक्टरों और स्टॉफ नर्स ने उनका इलाज सही समय पर नहीं किया। जिससे उनकी अस्पताल में ही मौत हो गई।
परिजनों ने डॉक्टर और नर्स पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे सुबह 7 बजे मनीष साहू को जिला अस्पताल इलाज के लिए लेकर पहुंचे थे। उन्होंने मरीज के नाम की पर्ची भी बनाई, लेकिन नर्स और डॉक्टरों ने 4 घंटे तक उनका इलाज नहीं किया और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से उनकी जान चली गई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही करने वाले डॉक्टरों और स्टॉफ नर्सों के खिलाफ एफआईआर कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने और उनकी सेवा समाप्त करने की बात कही है।
परिजनों का हंगामा, पुलिस बल को करना पड़ा तैनात
वहीं मरीज की मृत्यु के बाद उनके परिजनों और रिश्तेदारों ने जमकर हंगामा किया। स्थिति बिगड़ते देख पुलिस के जवानों को जिला अस्पताल में तैनात किया गया। ताकि किसी भी प्रकार की कोई भी घटना घटित न हो सकें।
सिविल सर्जन यशवंत ध्रुव ने कहा कि इस घटना की जाँच की जाएगी। अगर अस्पताल प्रबंधन के किसी कर्मचारी से लापरवाही हुई है तो उसके विरुद्ध अगले तीन दिनों में उचित कार्रवाई की जाएगी। बीजापुर थाना प्रभारी ने बताया कि मृतक के परिजनों ने एफआईआर के लिए आवेदन दिया है।
आज बीजापुर नगर बंद, कारोबारियों का समर्थन
वहीं दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को लेकर युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने विधायक व प्रशासन का पुतला दहन कर गुरुवार को बीजापुर नगर बंद करने की अपील की है।
इधर, भाजपा की अपील के बाद व्यापारी संघ ने गुरुवार को दोपहर 2 बजे तक प्रतिष्ठानों को बंद कर अपना समर्थन दिया है।
छग-महाराष्ट्र बार्डर के कोंडामौसम में लगे फांदा में फंस कर मरा था बाघ, 6 अब भी फरार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 4 जुलाई। जिले के इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ की हत्या के मामले में पकड़े गए मुख्य शिकारी ने पूछताछ में कई राज उगले है। जिस बाघ की खाल पकड़ी गई है। चर्चा है कि सीआरपीएफ के जवान ने 13 लाख रुपये में सौदा किया था। खाल की डिलीवरी से पहले उसने बतौर एडवांस 7.50 लाख दे दिए थे। खाल की डिलीवरी होने से पहले ही इस मामले का खुलासा हो गया।
सोमवार को आईटीआर की टीम ने कोंडामौसम गांव पहुंचकर वहां जमीन में गाढ़ कर रखी गई बाघ की हड्डियां और जिस फंदा में फंस कर बाघ की मौत हुई, उस फांदे को बरामद कर लिया है।
बाघ का खाल खरीदने के मामले में सीआरपीएफ जवान का नाम सामने आने बाद हडक़ंप मच गया है। इससे पहले इस मामले में दो पुलिस वालों के नाम भी सामने आ चुके हैं।
इस संबंध में इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक गणवीर धम्मशील ने बताया कि सीआरपीएफ के आला अधिकारियों से संपर्क कर फरार जवान की विस्तृत जानकारी मंगाई गई है।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि बाघ की हत्या के बाद इसकी खाल को खरीदने का सौदा बीजापुर में तैनात एक सीआरपीएफ जवान ने किया था। बाघ के खाल का सौदा 13 लाख रुपये में तय हुआ था। इसके लिए जवान ने बाघ का शिकार करने वालों को साढ़े 7 लाख रुपये दो अलग-अलग पार्ट में दे दिए थे। लेकिन खाल की डिलवरी होने से पहले ही इस मामले का खुलासा हो गया।
इस मामले में जिस जवान का नाम आ रहा है वो अभी दिल्ली में है। ऐसे में वन विभाग की ओर से सीआरपीएफ को पूरी जानकारी दे दी गई है और जवान को बीजापुर बुलाने कहा गया है।
इस मामले में एक और नया खुलासा भी हुआ है। सोमवार को पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि बाघ भोपालपटनम के कोंडामौसम गांव के नदी किनारे लगे फांदा में फंसा था। यह गांव टाइगर रिजर्व एरिया में छग व महाराष्ट्र बार्डर पर पड़ता है।
फंदे को मुख्य शिकारी तुलसीराम दुब्बा ने जंगली जानवरों को पकडऩे लगाया था। इस फंदे में बाघ की गर्दन फंसने से उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद तुलसीराम के साथ देपला, काण्डला, भट्टिगुडा व कोंडामौसम के गणेश, रमेश सुबैय्या से श्रवण झाड़ी व टिंगे ने खाल की डील की और सीआरपीएफ के एक जवान ने तुलसीराम को खाल खरीदने 7.50 लाख रुपये एडवांस दे दिए। श्रवण, सीआरपीएफ जवान व सीताराम, समैया, महेंद्र व संतोष अभी भी पकड़ से बाहर है। सूत्रों के मुताबिक इनके पकड़े जाने के बाद कुछ और खुलासे हो सकते हैं।
बाघ की हड्डियां बरामद, जांच के लिए जबलपुर भेज रहे
इधर, सोमवार को मुख्य शिकारी तुलसीराम की निशादेही पर आईटीआर की टीम कोंडामौसम गांव पहुंची। टीम के गांव पहुंचते ही गांव के लोग नदी के पार भाग गए।
इसके बाद तुलसी की निशानदेही पर यहां जमीन में गढ़ा कर रखे बाघ के चारों पैरों की हड्डी, सिर की हड्डी व जिस फांदा में फंस कर बाघ की मौत हुई, वह फांदा बरामद कर लिया गया हैं। विभाग बरामद की गई हड्डियों को फॉरेंसिक टेस्ट के लिए जबलपुर स्थित लैब भेजने की तैयारी कर रही है।
नियमितिकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन, आप का समर्थन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 4 जुलाई। नियमितीकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा कर्मियों ने हड़ताल के दूसरे दिन कुम्भकर्णीय नींद में सोई सरकार को जागने हनुमान चालीसा का पाठ किया। संविदा कर्मियों ने कहा है कि सरकार नियमितीकरण पर अपनी मंशा स्पष्ट करें।
ज्ञात हो कि जुलाई 2018 में संविदा कर्मचारी अपने नियमितिकरण के लिए संघर्षरत थे। उस दौरान कांग्रेस के बड़े नेता हड़ताली मंच में जाकर कांग्रेस की सरकार बनने पर 10 दिनों के भीतर नियमित करने का वादा किया था और इनकी मांगों को 2018 के कांग्रेस जन घोषणा पत्र में शामिल किया था। इन वादों के 5 साल बीत रहे हैं। किंतु सरकार की संविदा कर्मचारियों को लेकर मंशा स्पष्ट नहीं दिखाई देती। यह एक बड़ा प्रश्न संविदा कर्मचारियों ने दूसरे दिन हड़ताली मंच पर उठाया है।
महासंघ के जिलाध्यक्ष रमाकांत पुनेठा ने बताया कि सरकार ने हम संविदा कर्मचारियों से साढ़े चार साल में सरकार की तरफ से संवादहीनता की स्तिथि है।रथयात्रा में 33 कलेक्टर को ज्ञापन और कई कांग्रेस विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देने के बाद भी संवाद कायम नहीं किया गया। यह लोकतंत्र में चिंताजनक एवं दुखद है। सरकार अपने वादे अनुरूप हमें नियमितिकरण पर स्पष्ट रूप से मंशा जाहिर करे। जिला उपाध्यक्ष डा प्राची सिंग ने बताया कि महिलाओं ने मेहंदी से अपने हाथो में नियमितिकरण लिखकर सरकार को बताने का प्रयास किया है।
महासंघ के जैनेंद्र दास ने बताया कि कांग्रेस के कई बड़े नेता के अलावा सरकार के मुखिया के नाते मुख्यमंत्री विधानसभा में या अन्य मीडिया माध्यमों में नियमितीकरण की अपनी बात तो कहते हैं किंतु आज तक इस पर किसी भी प्रकार का ठोस अमल नहीं किया गया।
महासंघ के अमृत दास साहू ने कहा कि सरकार को हम स्पष्ट रूप से यह कहना चाहते है कि सरकार अपने उत्तरदायित्व से मुकर रही है। अभी भी समय है अपने अंतिम अनुपूरक बजट में सरकार हम संविदा कर्मचारियों से किया हुआ वादा पूरा करें।
कर्मचारियों ने हड़ताल स्थल पर हनुमान चालीसा का पाठ कर संकट हरने कामना की वहीं सरकार के साढ़े चार साल बाद भी स्पष्ट रुख नहीं अपनाने के चलते कुंभकर्णीय नींद से जगाने का प्रदर्शन किया।
आप ने दिया समर्थन
अपनी एक सूत्रीय मांग नियमितीकरण को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा कर्मियों के समर्थन में आम आदमी पार्टी भी उतर आई हैं। हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को आम आदमी पार्टी की बीजापुर जिला इकाई ने आंदोलनरत कर्मियों के धरना स्थल पहुंचकर उनको अपना समर्थन देते हुए सरकार से कर्मियों की मांग को शीघ्र पूरा करने की मांग की।
परिजन नहीं चाहते किसी प्रकार की कार्रवाई-एएसपी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 4 जुलाई। जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के एक गांव के दो परिवार को नक्सलियों ने गांव छोडऩे का फरमान जारी किया है। नक्सली फरमान के बाद वे परिवार सहित दंतेवाड़ा जिले के एक गांव में शरण लिए हुए हैं।
बताया जाता है कि इन दो परिवारों के तीन युवक सीआरपीएफ में भर्ती होकर प्रशिक्षण ले रहे हैं। ये ग्रामीण जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गांव के हैं, जहां नक्सलियों की गहरी पैठ है।
एएसपी चंद्रकांत गवर्ना इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि सूचना मिली है। परिजन गांव छोड़े हैं। लेकिन वे कोई कार्रवाई नहीं चाहते।
जानकारी अनुसार नक्सलियों ने दो परिवार को अपना घर गांव खेती छोड़क़र जाने पर मजबूर कर दिया है। दोनों परिवार के 11 लोग घर सामान समेट कर एक वाहन में सुरक्षित स्थान दंतेवाड़ा जिले के गांव की तलाश की है।
किसान परिजनों के सामने सबसे बड़ी समस्या खेती-बाड़ी छोडऩे की है, लेकिन जान बचाना भी जरूरी है। नक्सली फरमान नहीं मानते हैं तो जान से हाथ धोना भी पड़ सकता है। इन सब मजबूरी से इन परिवारों ने फैसला लिया है।
जानकारी में यह बात सामने आई है, कि नक्सलियों ने परिवार के एक युवा सदस्य को रस्सी से बांधकर जंगल की तरफ ले जाकर गांव छोडऩे व खेती-बाड़ी नहीं करने की हिदायत दी है।
मिली जानकारी अनुसार सोमवार रात में 30- 35 हथियार बंद नक्सलियों ने उक्त युवक के बड़े भाई को बंधक बनाकर जंगल ले गये। जंगल में मीटिंग कर गांव छोडऩे कहा। उसके बाद खेती-बाड़ी नहीं करने की हिदायत दी। अल्टीमेटम के बाद परिवार सामानों के साथ जान बचाने के लिए गांव छोड़ दिया है।
सूत्रों ने बताया दो परिवार के करीब 11 सदस्य गांव छोड़ कर पड़ोसी जिले में बसने के लिए निकल गये। परिजनों ने दो पिक़़अप में सामानों को लादकर गांव से जाने चले गए। अब ये ग्रामीण दंतेवाड़ा में अपना अस्थाई बसेरा बसाएंगे।
पत्नी को नहीं मालूम की पति सीआरपीएफ में भर्ती हुआ
जो तीन युवक सीआरपीएफ में भर्ती हुए, उसमें से एक युवक की पत्नी ने कंहा कि पति सीआरपीएफ में कब भर्ती हुए मुझे भी नहीं मालूम। लेकिन बड़ी बात यह है कि माओवादियों को इसकी जानकारी थी।
जिले में छिड़ी भाजपा-कांग्रेस नेताओं में जुबानी जंग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 3 जुलाई। क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी ने कहा है कि कुटरू की घटना को नक्सली घटना बताकर अपने राजनीतिक लाभ के लिए भाजपा व पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कांग्रेस सरकार व कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की कोशिश की हैं। उसकी वे कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी गांधी जी के बताये अहिंसा के मार्ग पर चलने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि भाजपा व आरएसएस हिंसा को समर्थन करती हैं।
विधायक निवास में आयोजित पत्रकार वार्ता में विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि भाजपा के 15 साल के शासन में किस तरह भाजपा नेता महेश पुजारी,जगदीश कोनड्रा व रामसाय मज्जी सहित कांग्रेस के कई बड़े नेता नक्सली घटनाओं में मारे गये। लेकिन कांग्रेस ने कभी अपने लाभ के लिए ऐसी घटनाओं पर राजनीति नहीं की। लेकिन पहली बार संवेदनशील घटनाओं को लेकर भाजपा व उनके नेता अपने लाभ के लिए राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस इसकी निंदा करती हैं।
विधायक मंडावी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद जो विकास के काम इन साढ़े चार सालों में हुए है, वो पिछले 15 सालों में नहीं हुए। जिले के शहरों से लेकर अंदुरुनी गांव तक मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया गया हैं। क्षेत्र की जनता का विश्वास जितने में कांग्रेस पार्टी कामयाब रही हैं। इससे घबरा कर महेश गागड़ा लगातार नक्सली घटनाओं के नाम पर कांग्रेस सरकार व कांग्रेस नेताओं पर षड्यंत्र कर रहे हैं।लेकिन उसमें वे सफल नहीं होंगे।
विधायक ने आगे कहा कि भाजपा ने जो माहौल पैदा करना चाह था। कुटरू की घटना के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि वे आपसी घटना को भी नक्सली घटना बताकर जिले में डर व भय का माहौल पैदा करना चाह रहे हैं।
विधायक विक्रम ने आरोप लगाया कि लगातार जिले में महेश गागड़ा व उनके साथ मिलकर कुछ तथाकथित लोग षड्यंत्र करने में लगे हैं। कांग्रेस नेताओं को फंसाने तरह तरह षड्यंत्र रचने का काम कर रहे हैं। मंडावी ने कहा कि आने वाले समय मे वे इसका खुलासा पुख्ता सबूत के साथ करेंगे।
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि महेश गागड़ा व भाजपा जिले में अपना जनाधार खो चुके हैं। लगातार उनके कार्यकर्ता टूट कर भाजपा छोड़ रहे हैं। इससे घबराये गागड़ा बेतुका आरोप लगा रहे हैं।
विधायक मंडावी ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा नये चेहरे की तलाश रही हैं। विधायक मंडावी का आरोप है कि कोई और चेहरा सामने न आ सके इसके लिए गागड़ा पार्टी के अंदर भी डर व भय का माहौल पैदा कर रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में विधायक मंडावी ने कहा कि भाजपा के साथ मिलकर जो लोग षड्यंत्र रच रहे हंै। वो किसी राजनीतिक दल या बिना दल के भी हो सकते हैं। आने वाले दिनों में इसका भी खुलासा करेंगे। वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि गागड़ा एक तरफ कह रहे हंै कि जिले में डर व भय का माहौल है, लेकिन वे खुद लगातार जिले का दौरा कर रहे हैं। जितना दौरा वे पिछले अपने शासनकाल में नहीं किये। उतना दौरा वे अब कर रहे हैं। जहां हम जा रहे है। वही वे भी जा रहे हैं। लेकिन जनता उनकी बात नहीं सुन रही है।
पत्रकारवार्ता कांग्रेस जिलाध्यक्ष लालू राठौर, जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडिय़म, जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम, युवा आयोग के सदस्य प्रवीण डोंगरे, पीसीसी मेम्बर जयकुमार नायर व जिला कांग्रेस के प्रवक्ता ज्योति कुमार सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 3 जुलाई। वर्ष 2018 में भी 3 जुलाई का ही दिन था, जब संविदाकर्मी नियमितिकरण के लिए हड़ताल कर रहे थे, इसी दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वर्तमान उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने इनके हड़ताल स्थल पर जाकर घोषणा की थी, कि यदि कांग्रेस की सरकार बनती हैं तो 10 दिनों के भीतर मांगें पूरी की जाएगी। उसके बाद इस मांग को कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल किया गया था। किंतु 3 जुलाई 2023 के दिन यानी 5 साल बाद भी कर्मचारियों को फिर सडक़ पर उतरने को मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार तो बदली किंतु संविदा कर्मियों के भाग्य नहीं बदले, यह कहना है संविदाकर्मियों का।
प्रदेश के 54 विभागों के कार्यरत संविदा कर्मचारी 33 जिलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल पंडाल पर हम शर्मिदा है, नियमितिकरण का वादा अधूरा है के जोरदार नारे लग रहे हैं। महिलाओं ने अपने हाथों में महेंदी से संविदा नियमितीकरण लिखकर सोशल मीडिया में वायरल किया।
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष रमाकांत पुनेठा ने बताया कि सरकार ने हम संविदा कर्मचारियों से 2018 के चुनाव के जनघोषण पत्र के बिंदु क्रमांक 11 में नियमितिकरण का वादा किया था । परन्तु सरकार द्वारा 4 साल 6 माह बीत जाने के बाद भी वादा कर पूरा न करना यह गैर लोकतांत्रिक हैं। सरकार आने वाले अनुपूरक बजट में शामिल कर प्रदेश के समस्त संविदा कर्मचारियों को नियमित कर अपना वादा पूरा करें।
जिला उपाध्यक्ष डॉ. प्राची सिंग ने कहा कि इन साढ़े चार साल में सरकार की तरफ से संवादहीनता की स्थिति है। रथयात्रा में 33 जिला कलेक्टर को और कई कांग्रेस मंत्रीगण , विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देने के बाद भी संवाद कायम नहीं किया गया, यह लोकतंत्र में चिंताजनक एवं दुखद है। सरकार के खिलाफ कर्मचारियों में बेहद आक्रोश व्याप्त है।
महासंघ के जैनेंद्र दास और अमृत दास साहू ने बताया कि आंदोलनरत होने से स्वास्थ्य, पंचायत, शिक्षा, महिला बाल विकास विभाग, कृषि विभाग, कलेक्टर कार्यालय आदि में काफी प्रभाव पड़ेगा। हड़ताल स्थल में बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी शामिल हुए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 3 जुलाई। सोमवार को यहां भाजपा कार्यालय में पूर्व मंत्री महेश गागड़ा पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होंने कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी और जिला प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि भैरमगढ़ नगर पंचायत क्षेत्र में शिव मंदिर तालाब का निर्माण किया गया है। इस तालाब का निर्माण पहले विधायक मद से किया गया, अब उसी तालाब का निर्माण नगर पंचायत भी कर रहा है। कुटरू में भी खसरा नंबर 161 में वित्तीय वर्ष 2019 में तालाब निर्माण का कार्य किया गया था। उसी तालाब में 2022 और 2023 भी मरम्मत का कार्य किया गया जो की सीधा-सीधा यहां संदेश देता है कि एक ही तालाब को अलग अलग मदों से निर्माण और मरम्मत का कार्य कराकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। जब इस वर्ष पहली बारिश हुई तो इस तालाब का मिट्टी किसानों के खेतों में चला गया जिस वजह से किसान चिंतित हो गए और उन्होंने अपने स्वयं के खर्चे पर मिट्टी को हटाया जिससे कि अपने खेतों पर किसानी कर सके। गागडा ने बताया की कुटरू के राजातालाब में सलूजगेट का निर्माण किया जा रहा है ठीक इसके नीचे पोस्ट मेट्रिक कन्या छात्रावास है । बहुत ज्यादा बारिश होने पर कन्या छात्रावास के ऊपर बारिश का असर हो सकता है। ऐसे में किसी भी छात्राओं को कोई नुकसान पहुंचता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
साल भर से किसानों को नहीं मिला गोबर का रूपये - साल भर से कुटरू के आदिवासी किसानों को गोबर का पैसा नहीं मिला है। यह आदिवासी किसान अपने गोबर के पैसों के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। किसानों ने बताया कि हम जब भी गोबर के पैसों की बात करते हैं तो हमें संतुष्ट भरा जवाब नहीं मिल पा रहा है। हमें अपने ही पैसों के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
महेश गागड़ा ने बताया कि कई सारे मुद्दों को लेकर रविवार को वे और अन्य भाजपा के नेता कुटरु दौरे पर थे। इस दौरे में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष कमलेश मंडावी भी हमारे साथ थे। उसी रात खबर आई कि कमलेश मंडावी के ऊपर एक व्यक्ति ने यह कहते हुए हमला किया कि बहुत बड़े नेता बन गए हो। पूर्व में बीजेपी के दो नेताओं के ऊपर नक्सलियों ने हमला कर उनकी जान ले ली और रविवार को कमलेश मंडावी के ऊपर हुए हमले से भी यही लगता है की ये हमले राजनीति से प्रेरित है।
भाजपा की सत्ता में हुआ जिले में विकास, कांग्रेस ने बस श्रेय लेने का किया काम
भाजपा की सत्ता में जिले में बहुत विकास हुआ है चाहे हो इंद्रावती नदी पर पुल, तारुड़ नदी पर पुल हो या फिर रामपुरम नदी में पुल हो यह सब काम भाजपा की सत्ता में हुआ है। जिले मैं स्पोर्ट्स एकेडमी, जिला अस्पताल, केंद्रीय विद्यालय या नवोदय विद्यालय या फिर एकलव्य विद्यालय ये सब भाजपा की सरकार में बने है जिसमें हमारे आदिवासी बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है। कांग्रेस के शासन में सिर्फ छोटे छोटे काम हुए है और उनमें भी भ्रष्टाचार हो रहा है। विधायक जिले का विकास नहीं बस अपना विकास देखते है। कांग्रेस की सरकार में पंचायतो के अधिकार तक छीन लिए गए है। अभी सरपंचो के अधिकारों को भी छीन लिया गया है। अभी सरपंच को तक नहीं पता होता है की उनके पंचायतो में कौन से काम हो रहे है।
महेश गागड़ा ने कहा कि विधायक विक्रम मंडावी मेरे टिकट की चिंता न करके वे स्वंय अपने टिकट की चिंता करें।
आरोपी हिरासत में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 3 जुलाई। वैद्य व भाजपा जिला उपाध्यक्ष व भैरमगढ़ जनपद के पूर्व अध्यक्ष कमलेश मण्डावी से वाद विवाद के बाद झाडफ़ूंक कराने आये परिजन ने चाकू से हमला कर दिया। हमले में कमलेश मण्डावी के दाहिने हाथ के अंगूठे में चोट आई। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है ।
पुलिस की जारी विज्ञप्ति अनुसार थाना कुटरू निवासी कमलेश मण्डावी सांप काटने पर झाडफ़ूंक का काम करता था। रविवार की रात लगभग 9.15 बजे आरोपी दीपक इस्ता अपने भतीजे के उपचार के लिए इनके पास लेकर आया हुआ था।
बच्चे की उम्र लगभग 10 वर्ष है जो उल्टी कर रहा था। कमलेश मण्डावी ने बच्चे को देखकर बताया कि मामला सांप काटने का नही है किसी और कारण से उल्टी कर रहा है। आप लोग उपचार के लि अस्पताल लेकर जाइए।
इस बात से नाराज होकर बच्चे का चाचा दीपक इस्ता द्वारा कमलेश मण्डावी से वाद-विवाद करते हुए झूमा-झटकी की गई एवं अपने पास जेब में रखे चाकू को निकालकर हमला किया गया। जिस कमलेश मण्डावी द्वारा बचाव करते हुए पकड़ा गया, जिसमें कमलेश मण्डावी के दाहिने हाथ के अंगूठे में चोट आई है ।
घटना के आरोपी को थाना कुटरू के द्वारा हिरासत में लिया गया है, पूछताछ जारी है । मामले में पृथक से अपराध पंजीबद्ध कर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 जुलाई। बीजापुर जिले के एक गांव में घुसकर 7-8 ग्रामीणों को पुलिस द्वारा मारने का मामला सामने आया है।
दंतेवाड़ा की एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता मडक़म हिड़मे ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि 29 जून को दिन दहाड़े बीजापुर पुलिस ने वेल्लम नेन्ड्रा गांव में घुसकर 7-8 ग्रामीणों को मारा है, इनमें महिलाएं भी शामिल हैं, वे सभी डरी हुई हैं। उन्होंने थाने में भी शिकायत नहीं की है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि उनके पास वेल्लम नेन्ड्रा गांव की महिलाओं ने मोबाइल से इस घटना की जानकारी दी।
उसने यह भी बताया कि वर्ष 16-17 में इसी गांव में महिला से पुलिस ने रेप किया था। इसकी शिकायत पर हाईकोर्ट में केस चल रहा था और वह केस खारिज हो गया है। इसके बाद पुलिस ने जाकर गांव की महिलाओं को मारा है।
इस संबंध में बीजापुर एसपी अंजनेय वाष्र्णेय से मोबाइल से संपर्क करने पर नेटवर्क कवरेज से बाहर होने के कारण संपर्क नहीं हो पाया।
लिंगापुर से 114 सागौन फारा बरामद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 2 जुलाई। जिले के अंतिम छोर पर बसे भोपालपटनम वन परिक्षेत्र इलाके से अवैध सागौन चिरान लकड़ी पकड़ी गई हैं। इस अंतरराज्यीय तस्करी में शामिल दो सागौन तस्करों को वन अमले ने पकड़ा है, वहीं इस तस्करी के खेल में शामिल एक शिक्षक फरार हो गया है। दूसरी तरफ मुखबिर की सूचना पर भोपालपटनम वन अमले ने लिंगापुर से 114 सागौन फारा बरामद किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार की देर रात तारलागुड़ा रोड पर स्थित चावल गोदाम के पास से वन अमले ने सागौन की अन्तरराज्यीय तस्करी करते दो आरोपियों सहित सागौन चिरान पकड़ा।
बताया गया है कि तस्कर पिकअप में एक गोपनीय संदूक बनाकर उसमें सागौन चिरान भरकर बार्डर पार करते थे। शनिवार की रात भी तस्कर वैसे ही सागौन पार करने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही वन अमले ने आरोपियों को दबोच लिया।
बताया गया है कि पकड़े गये आरोपी तेलंगाना से यहां छोटे-मोटे कारोबार करने आते हंै। कारोबार करने के बाद वापस जाते समय सागौन ले जाते हंै और तेलंगाना में ज्यादा दामों में बेच देते हैं। बताया गया है कि इस तस्करी के खेल में एक शिक्षक भी शामिल है, जो मौका पाकर फरार हो गया है।
भोपालपटनम वन परिक्षेत्र अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि शनिवार की देर रात वन अमले ने यह कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि पकड़ा गया सागौन चिरान 0.9 घनमीटर है, जिसकी अनुमानित कीमत एक लाख रुपये के करीब है।
रेंजर सिंह ने बताया कि फिलहाल पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ चल रही है। उन्होंने बताया कि इस तस्करी में शामिल एक शिक्षक भी है, जो फरार हो गया हैं। उसे तलाश की जा रही।
वहीं दूसरे मामले में भोपालपटनम परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लिंगापुर से वन अमले ने 114 नग सागौन फारा बरामद किया है।
रेंजर पुष्पेंद्र सिंह के मुताबिक उन्हें मुखबिर की सूचना पर रविवार की दोपहर वन अमले ने यहां से 12 किलो मीटर दूर लिंगापुर पहुंचकर वहां पुराने सोसाइटी भवन में रखा 114 नग सागौन फारा बरामद किया गया है। जिसकी कीमत 2 लाख रुपये आंकी गई है। उन्होंने बताया कि यह सागौन का फारा किसका था, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
एंटी पोचिंग टीम ने अब तक 12 लोगों को पकड़ा, चल रही है पूछताछ, अब भी एक फरार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 2 जुलाई। बाघ के शिकार के बाद शुक्रवार को उसके खाल के साथ पकड़े गए 7 आरोपियों से पूछताछ में एक के बाद एक खुलासे हो रहे हंै। इस वारदात में शामिल फरार दो पुलिस वालों ने शनिवार को सरेंडर कर दिया था, वहीं रविवार को वन विभाग की एंटी पोचिंग टीम ने बाघ के खाल निकालने वाले गिरोह को देखने वाले व्यक्ति सहित दो अन्य को पकड़ा है। इसके साथ ही इस पूरे मामले में शामिल 12 लोगों को अब तक कब्जे में लेकर वन अफसर पूछताछ कर रही है।
शुक्रवार को उदंती सीतानदी अभ्यारण्य की एंटी पोचिंग टीम के साथ बीजापुर आईटीआर व सामान्य वन मंडल की संयुक्त टीम ने एक ढाई वर्ष के बाघ के खाल के साथ 7 लोगों को पकड़ा था। इनमें आरती दास, विक्रम ठाकुर, प्रीतम लाल साहू, तामेश्वर जैन, काका दीपक, मनोज कुरसम व किशोर दशराहिया शामिल थे। वही दो पुलिस कर्मी रामकुमार टिंगे व ओम प्रकाश ठाकुर फरार हो गए थे। जिन्होंने शनिवार को सरेंडर कर दिया।
वहीं रविवार को एंटी पोचिंग टीम ने इनपुट के आधार पर बाघ के खाल को निकालने वाले गिरोह के सदस्यों को देखने वाले तुलसीराम को पकड़ा है। तुलसीराम वही व्यक्ति है, जिसने बाघ के खाल निकालने वाले 4 से 5 सदस्यों को देखा है। इसके अलावा रमेश दुर्गम और सुबैय्या भी पकड़े गए है। वहीं इस मामले में संपर्क कराने वाला एक व्यक्ति अब भी फरार है।
बाघ के शिकार मामले में टीम ने अब तक 12 लोगों को पकड़ा है। सभी से पूछताछ चल रही हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि जनवरी-फरवरी में बाघ का शिकार किया गया था। तब से खाल को बेचने तस्कर यहां वहां भटक रहे थे। इसी बीच वन विभाग को इसकी सूचना मिल गई और एक के बाद एक आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। बताया गया है कि एक दो दिनों में शिकार के मास्टर माइंड को भी दबोच लिया जाएगा।