बीजापुर
चुनाव से पहले शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 8 जुलाई। क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर ग्राम पंचायत और सरपंचों के कार्य को क्षमताविहीन बताया था। इसे लेकर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने एक बयान जारी कर इसे आदिवासी सरपंचों का अपमान बताते हुए विधायक विक्रम मंडावी पर आरोप लगाया था। अब जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष जगबंधु मांझी ने बयान जारी कर आदिवासी और सरपंचों का अपमान करने वाले महेश गागड़ा को माफी मांगने की नसीहत दी है।
सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष व जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष जगबंधु मांझी ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा है कि भाजपा व महेश गागड़ा के पास कोई मुद्दा नहीं हैं। इसीलिए बिना किसी तथ्यों और बिना किसी आधार के रायपुर में रहकर बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी पर कुछ भी बेतुके आरोप लगा देते हैं। गागड़ा के आरोपों का सच्चाई से कोई वास्ता नहीं हैं।
मांझी ने कहा कि आदिवासियों और सरपंचों को लेकर बार-बार झूठा प्रचार करने वाले गागड़ा को माफी मांगते हुए उन्हें अपने कार्यकाल को याद करना चाहिए, कि जिले में किस तरह से जिले के सरपंचों सहित जिले के नागरिक फाइलों को लेकर रायपुर तक घुमा करते थे, इससे लोगों का आर्थिक मानसिक व शारीरिक नुकसान होता था। इसमें भी अधिक आदिवासी वर्ग पीडि़त था।
मांझी ने आगे कहा कि गागड़ा के सत्ता में रहने के दौरान ही स्कूल, अस्पताल, राशन दुकान, पीने का पानी, सडक़, बिजली जैसे मूलभूत सुविधाओं से आदिवासियों को वंचित रखा जिले में 300 से अधिक स्कूल बंद हुए थे। इसके लिए गागड़ा को आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए।
मांझी ने कहा कि जब से प्रदेश में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी हैं, तब से आदिवासी क्षेत्रों में स्कूल, अस्पताल, राशन दुकान, पीने का पानी, सडक़, बिजली, जैसे मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हुआ हैं। ये पहली बार हो रहा है कि ग्रामीणों की मांग के अनुरूप मतागुड़ी और देव गुडिय़ों का निर्माण हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि जिले में हो रहे विकास कार्यों से परेशान होकर महेश गागड़ा सरकार और विधायक को बदनाम करने में लगे हैं।