बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 30 अगस्त। मेडिकल कॉलेज डिमरापाल के स्टाफ नर्स से लेकर डॉक्टर, सफाई कर्मचारी, वार्ड बॉय, कीमेहनत आखिरकार 12 माह के बाद दिखाई दिया, जहां मेकाज में अब एक भी कोरोना के मरीज नहीं है। इस सफलता को लेकर मेकाज प्रबंधन से लेकर कोविड प्रभारी आदि ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए उनका मनोबल बढ़ाया। मेकाज में इन 17 माह में जहाँ सैकड़ां के लगभग लोगों ने अपनी जान गंवाई तो वहीं हजारों के लगभग मरीज यहां से स्वस्थ होकर यहां के वॉरियर्स को धन्यवाद भी दिया है।
कोविड प्रभारी डॉ. नवीन दुल्हानी ने बताया कि मार्च 2020 से जब से लॉकडाउन के साथ ही जब से कोरोना की लहर आई, तब मेकाज में बटवारा करने के साथ ही कोरोना मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया, जिसके लिए अलग से स्टाफ की भी भर्ती किया गया, 24 घंटे कोरोना मरीजों के लिए दिनरात वॉरियर्स के द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा था।
वर्ष 2020 से लेकर अगस्त 2021 तक मेकाज में 2703 मरीज भर्ती किया गया, जिसमें 2416 मरीज ठीक हुए, 24 मरीजों को रेफर किया गया, जबकि 243 मरीजों की अब तक मौत हुई है। अब बस्तर जिले के अलावा अन्य जिलों से भी एक भी कोरोना मरीज नहीं पाए गए, जिसके कारण उन्हें रेफर नहीं किया गया है।
स्टाफ ने बताया कि कोरोना वार्ड में काम करने वाले हर स्टाफ नर्स , वार्ड बॉय, आया अपने 8 घंटे की ड्यूटी में पीपी कीट पहनकर वार्ड के अंदर ही रहता था, जिसके कारण मरीजों को हर छोटी बड़ी तकलीफ के लिये आवाज देने की जरूरत नहीं पड़ती थी, मरीजों ने अपने रिश्तेदारों के स्वस्थ होने के बाद जहां डॉक्टरों को बधाई देने के साथ ही एक फोटो भी खिंचवाने की इच्छा जताई थी, जिसमें डॉक्टरों ने भी खुश होकर उनके साथ इस पल को कैद करवाया था।
ऐसे कई और मामले थे, जिसमें डॉक्टरों ने मरीजों के ठीक होने पर उनका फोन नंबर तक लिया, जिससे कि उनके स्वस्थ के बारे में जानकारी लिया जा सके, वहीं कई मरीज तो जाते-जाते रोने भी लगे थे। उनका कहना था कि यहां पर कार्यरत सभी स्टाफ से इस तरह से लगाव हो गया था कि ऐसा लग रहा था कि अपने परिवार से बिछड़ रहे हैं। इन्हीं वॉरियर्स की मेहनत को चिकित्सकों ने भी काफी तारीफ करते हुए मेकाज में कोरोना मरीज शून्य होने पर बधाई दिया गया।