बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 17 सितंबर। जिला अधिवक्ता संघ बलौदाबाजार के अधिवक्ताओं ने प्रस्तावित सांरगढ़ जिला में बिलाईगढ़ अनुविभाग को सम्मिलित किए जाने का विरोध किया है। अधिवक्तागणों ने बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर की अनुपस्थिति डिप्टी कलेक्टर महेश्वरी को ज्ञापन सौंपकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
अधिवक्तागणों की ओर से प्रस्तुत आपत्ति में कहा गया कि 15 अगस्त को चार नए जिले का सांरगढ़ बिलाईगढ़, सक्ती मनेन्द्रगढ़, मोहला मानपुर की घोषणा की है। वह वर्तमान स्थितियों में जनहित तथा प्रशासनिक दृष्टि से उचित व न्यायपूर्ण नहीं है। अनेक जिलों के पुनर्गठन व नए जिलों के निर्माण के लिए नीति व नियम पहले बनाए जाते हैं जिला पुनर्गठन के लिए आयोग का गठन किया जाता है वह दावा व आपत्ति आमंत्रित कर सुनवाई करता है। इसके बाद अपनी अनुशंसा सहित प्रतिवेदन राज्य सरकार को राजपत्र में प्रस्तावित जिलो की सीमाओं के संबंध में अधिसूचना प्रकाशित करता है फिर राज्य शासन सुनवाई कर जिला पुनर्गठन की अंतिम घोषणा की जाती है किंतु शासन द्वारा इसका पालन नहीं किया जाता है। जिला का विघटन व पुनर्गठन के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों सांसदों राज्यसभा सदस्यों की राय ली जाती है तथा जिला के संबधित जिला पंचायत सदस्यों, अध्यक्षों, सरपंचों, सामाजिक संगठनो की राय ली जाती है किंतु पूर्व नियोजित रूप से इसकी घोर उपेक्षा की गई। मात्र हितबद्घ विधायकों को राजनैतिक लाभ के लिए सांरगढ़, बिलाईगढ़ प्रस्तावित जिले की घोषणा की गई है। बलौदाबाजार नवगठित जिला जो 18 जनवरी 2012 से प्रारंभ हुआ है अस्तित्व व विकास अवरुद्घ हो जाएगा। बलौदाबाजार अनुविभाग को जिसमें बलौदाबाजार पलारी, कसडोल, बिलाईगढ़, सिमगा व भाटापारा विकासखंड है को सम्मिलित कर अनुविभाग की सीमाओं को ही बलौदाबाजार जिला में शामिल किया गया था। अन्य किसी अनुविभाग के एक गांव को शामिल नहीं किया था। सांरगढ़ प्रस्तावित जिले के बिलाईगढ़ विकासखंड के 200 ग्राम व कसडोल विकासखंड के 100 ग्राम कुल 300 ग्राम प्रभावित हो रहे है जो कि न्यायसंगत नहीं है। अधिकांश ग्रामवासी सांरगढ़ प्रस्तावित जिला का विरोध कर रहे हैं।
बलौदाबाजार तहसील (अनुविभागीय) की स्थापना 1905 में हुई है बिलाईगढ़ विकासखंड का संबंध सामाजिक राजनैतिक व सांस्कृतिक दृष्टि से भाषा बोली वेषभूषा के दृष्टि से छत्तीसगढ़ी परिवेश में है। जबकि सारंगढ़ बरमकेला सरिया क्षेत्र उड़ीसा प्रांत से लगा है इनकी भाषा, बोली, पहनावा तथा संकृतिक उडिय़ा निवासियों की भांति है। ब्लाक बिलाईगढ़ क्षेत्रवासियों की रोटी-बेटी तथा सामाजिक संबंध ओडिशा में नहीं होता है। बिलाईगढ़, भटगांव, कसडोल, सरसींवा क्षेत्र के अनेक गांव द्वारा प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा है। सामाजिक संगठनों, अधिवक्ता संघों, पंचायतों, जनप्रतिनिधियों ने विरोध दर्ज कराया है क्षेत्र में असंतोष है इसलिए सारंगढ़ प्रस्तावित जिला में बिलाईगढ़ अनुविभाग को सम्मिलित न करें। जिला पुनर्गठन का प्रस्ताव निरस्त करें। ज्ञापन सौंपने वालो में जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शारिफ खान, विधायक प्रतिनिधि व उपाध्यक्ष संजय सोनी, महिला उपाध्यक्ष कालिन्द्री वर्मा, सचिव गणेश साहू वरिष्ठ अधिवक्ता ठाकुर बीपी सिंग दिनेश यदु, दीपा सोनी, संजय तिवारी, आलोक अग्रवाल उपस्थित थे।