गरियाबंद

यह वतन खिलखिलाता रहे, हम सदा आरजू करते हैं...
14-Nov-2021 5:02 PM
यह वतन खिलखिलाता रहे, हम सदा आरजू करते हैं...

बाल दिवस पर कवि सम्मेलन, कवियों के साथ छात्रों ने पढ़ी कविताएं

राजिम, 14 नवंबर। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करेली बड़ी में बाल दिवस के मौके पर राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वच्छ भारत अभियान के तहत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें बाल कवियों के अलावा प्रदेश के नामचीन कवियों ने ओज, गीत, गजल, हास्य, व्यंग्य एवं छंद की बरसात कर साहित्य के अनेक रंग बिखेरे।

इस अवसर पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू को छात्र-छात्राओं ने याद किया तथा हायर सेकेंडरी स्कूल के 25 छात्रों ने स्वरचित कविता प्रस्तुत कर उपस्थित जनमानस का दिल जीत लिया। उन्होंने एक से बढक़र एक कविता की बरसात की जिनमें प्रमुख रूप से विजय भारती, दिनेश, गीतेश, लोकेश सिन्हा, कविता निषाद, नम्रता राव, दीपिका साहू, परमेश्वरी निषाद, रेणुका साहू, हीना साहू, अनिता राव, डाली साहू, डोमेश्वरी, मनीषा, रेशमा, पायल, रेशमा सोनवानी, फलिताअहिरवार, वंदना, कुलेश्वरी, टेमिन,डाली जामरे, भारती साहू, वंदना सेन प्रमुख हंै। इन छात्र-छात्राओं ने एक से बढक़र एक काव्य रस की बरसात कर प्रतिष्ठित कवियों की श्रेणी में अपने आपको ला दिया।

ज्ञात हो कि शिक्षक एवं शायर जितेंद्र सुकुमार साहिर प्रत्येक शनिवार को विद्यालय में साहित्यिक कक्षा भी लेते हैं, इसके लिए एक पीरियड निश्चित की गई है, जिसमें बच्चों का मार्गदर्शन किया जाता है। इसी के कारण बच्चों में लिखने की कला कौशल तथा मात्रा आदि पर लगातार सुधार हो रहा है जिससे बच्चे अत्यंत प्रफुल्लित हैं।

 कविता पढऩे वाले बाल कवियों को कलम से सम्मानित किया गया। पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित शाला विकास समिति के अध्यक्ष श्रीराम साहू ने कहा कि जहां सूर्य की पहुंच नहीं होती वहां कवि अपने लेखनी के माध्यम से लोगों को प्रकाशमान करते हैं। करेली बड़ी सौभाग्यशाली है कि जहां के बच्चे लेखन पर रूचि ले रहे हैं और खुद साहित्य को एक आयाम दे रहे हैं वैसे भी जिला साहित्य के क्षेत्र में अत्यंत समृद्ध है ऐसे में अब करेली बड़ी भी शामिल हो गया हैं यह हमारे गांव के लिए पात्रता विषय है।

प्राचार्य किशोर जांगड़े ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि छात्र-छात्राओं में प्रत्येक गतिविधियां विकसित हो, ऐसा हमारा उद्देश्य है। कवि सम्मेलन के माध्यम से इन बच्चों में एक नई जागृति के साथ ही लिखने का  कला विकसित होगा। कार्यक्रम का संचालन चौबेबांधा राजिम के कवि संतोष कुमार सोनकर मंडल ने करते हुए शेरो शायरी से कवि सम्मेलन को ऊंचाइयों प्रदान करते हुए उन्होंने चार-चार लाइन की अनेक टुकडिय़ां प्रस्तुत की।

 ओज के कवि टीकमचंद सेन की प्रस्तुति ने भाव विभोर कर दिया।  छंदकार वीरेंद्र साहू ने छंद सवैया दोहा चौपाई के साथ ही शानदार प्रस्तुति दी। छत्तीसगढ़ी कवि मकसूदन साहू बरीवाला ने चाचा नेहरू को याद कर उन पर अनेक कविताएं की पंक्ति बिखेरे तथा छत्तीसगढ़ी में रचना देकर खूब तालियां बटोरी।

युवा शायर जितेंद्र सुकुमार साहिर ने गजल की  लाईनें देकर बच्चों के बीच अपनी जगह बना ली और खूब वाहवाही बटोरी- चाक लम्हें रफू करते हैं, आओ कुछ गुफ्तगू करते हैं। खो गया जीने का फन कहीं, मिल इसे जुस्तजू करते हैं। यह वतन खिलखिलाता रहे, हम सदा आरजू करते हैं।

कार्यक्रम में बच्चों समेत बड़ों ने भी साहित्य रस का पान किया। जिसमें प्रमुख रूप से शिक्षक जितेंद्र कुमार साहू, सुशील साहू, मधु सिंह ठाकुर, भावना ठाकुर, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी दुर्गा सिन्हा, शिवकुमार साहू, संकुल समन्वयक भागीरथी सोनकर, येक राम साहू, मुकेश कुमार कुर्रे, भुनेश्वर प्रजापति, प्रदीप राव नन्वरे, टी आर साहू, भुनेश्वर साहू, प्रधान पाठक मंजू निषाद, इशरत जबीन खान, शाला विकास समिति के प्रभारी मंत्री चंदूलाल जामरे प्रहलाद निषाद, हेमदास मानिकपुरी आदि हैं।
 

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