बिलासपुर

पटरी के बीचों बीच पहुंचे आंदोलनकारी
15-Dec-2021 7:07 PM
पटरी के बीचों बीच पहुंचे आंदोलनकारी

कोयला-स्लीपरों के परिवहन नहीं करने के आश्वासन पर शांत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड-(कोटा), 15 दिसंबर।
करगीरोड रेलवे स्टेशन के पास पिछले 16 दिनों से लगातार स्टेशन परिसर के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से नगर-संघर्ष-समिति के बैनर तले करगीरोड-स्टेशन में पूर्व में रुकने वाली सुपरफास्ट-एक्सप्रेस-पैसेंजर ट्रेनों के ठहराव को लेकर चल रहे अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन में नगर संघर्ष-समिति में शामिल पूरे नगरवासियों के सब्र का बांध टूट गया और वे पटरी के बीचों-बीच पहुंच गए।  ट्रेनों के स्टॉपेज होने तक कोयला-स्लीपरों के परिवहन नहीं करने कंपनी के लिखित जवाब के बाद आंदोलनकारी शांत हुए।

नगर-संघर्ष-समिति कोटा के द्वारा पिछले 16-दिनों से चल रहे सांकेतिक-धरना का कल समापन किया। साथ ही रेलवे प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। करगीरोड रेलवे स्टेशन में ट्रेनों के ठहराव होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। आने वाले 10-15 दिनों में रेल-रोको-आंदोलन की एक बार फिर से रूपरेखा तैयार की जाएगी।

नगर संघर्ष समिति ने मंगलवार 14 दिसंबर को नगर बंद का आह्वान किया था। जिसमें की पूरे नगर के लोगो ने अपना भरपूर समर्थन दिया ट्रेनों के ठहराव के लिए नगर के सभी वर्गों ने मंगलवार को अपने-अपने प्रतिष्ठनों को बंद करते हुए आंदोलन स्थल पहुचकर धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। 13 दिसबंर को ज्ञापन सौंपने के बाद रेलवे प्रबंधन सहित जिला प्रशासन सक्रिय हो गया था। मंगलवार सुबह से ही आरपीएफ-जीआरपी की टुकड़ी सहित जिला पुलिस-बल के अधिकारी सहित जवान तैनात हो गए थे। दोपहर 12-बजे आंदोलन-स्थल पहुचकर आंदोलनकारी-शांतिपूर्ण तरीके से नारेबाजी कर रहे जिसके कुछ देर बाद आंदोलनकारी स्टेशन के मेन गेट तक बढ़े। जिसके बाद तैनात रेलवे-पुलिस सहित जिला-पुलिस बल के साथ आंदोलनकारीयो के बीच काफी देर तक झूमा-झटकी भी हुई।

रेलवे-पुलिस के द्वारा शांतिपूर्ण-तरीके से आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियो पर बल प्रयोग करने के बाद आंदोलनकारी भडक़ गए जिसके कुछ देर के बाद स्टेशन के दाहिने तरफ से पुरुष आंदोलनकारीयो के साथ महिला-आंदोलनकारी भी स्टेशन के अंदर घुसते हैवपटरी में जाकर बैठकर ट्रेनों के स्टापेज को लेकर रेलवे प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे काफी देर के मशक्कत के बाद रेलवे पुलिस सहित जिला पुलिस ने आंदोलनकारियों को समझा-बुझाकर शान्त करते हुए पटरी से उठाया पर आंदोलनकारी स्टेशन के अंदर बरामदे में ही रघुपति-राघव का भजन करने बैठ गए। काफी देर तक जब रेलवे का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी-आंदोलनकारियो से बात करने या कोई आश्वासन देने नहीं पहुंचा, तो आंदोलन-कारी एक बार फिर उग्र होकर पटरी में बैठने के लिए जाने लगे जिसके बाद रेलवे-पुलिस व जिला-पुलिस के द्वारा पुन: एक बार मशक्कत की जाने लगी। एक बार फिर से आंदोलनकारी और रेलवे पुलिस आमने सामने हो गए एक बार पुन: झूमाझटकी शुरू होते ही जिला-प्रशासन व जिला-पुलिस बल के द्वारा हस्तक्षेप करते हुए मामले को संभाला।
रेलवे अधिकारियों के द्वारा किसी तरह का आश्वासन या कोई निष्कर्ष नहीं निकलने पर आंदोलनकारी के द्वारा एक बार फिर भडक़ गए और पुणे एक बार फिर से स्टेशन परिसर के अंदर घुसते हुए पटरी में बैठने के जाने लगे। जिसके कुछ देर के बाद रेलवे पुलिस बल व आंदोलनकारियों आमने सामने हो गए।

थोड़ी देर के बाद कोयला व स्लीपर कंपनी के द्वारा ट्रेनों के स्टापेज होने तक किसी भी प्रकार से परिवहन नहीं करने के लिखित जवाब के बाद आंदोलनकारी स्टेशन परिसर से बाहर आकर नगर-संघर्ष-समिति के पंडाल पहुचकर आंदोलन को समाप्त किया। आंदोलनकारियो के बाहर आने के बाद रेलवे प्रशासन सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

पुन: रेल-रोको आंदोलन की बनेगी रूपरेखा-नगर संघर्ष समिति
नगर संघर्ष-समिति से जुड़े सभी वर्गों का कहना था कि इन 15-दिनों के अंदर रेलवे प्रशासन के अधिकारी अगर चिरनिद्रा से नहीं जागे और ट्रेनों का स्टॉपेज को शुरू नहीं किया जाता, तो 10-15 दिनों के अंदर करगीरोड रेलवे स्टेशन के अंदर पटरियों में पुन: से बैठकर रेल रोको आंदोलन उग्र-रूप से किया जाएगा, जिसकी समस्त जवाबदेही रेलवे-प्रशासन व जिला प्रशासन की होगी। पुराने साल की विदाई और नए साल के स्वागत की खुशी रेल की पटरियों में ही बैठकर ही मनाई जाएगी।
 

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