सुकमा
वाहन चालक बोले किसी से 300 तो किसी से 500 रुपए लेते हैं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 23 दिसंबर। राज्य के अंतिम छोर व छत्तीसगढ़-आंध्रप्रदेश सीमा पर स्थित कोंटा आरटीओ चेकिंग पॉइंट में जांच के नाम पर अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही है। रोजाना 200 से 300 गाडिय़ों की आवाजाही छत्तीसगढ़-आंध्रप्रदेश की सीमा से होती है, जिनसे 300 से 500 रुपये तक की अलग-अलग अवैध वसूली आरटीओ कोंटा के अफसरों द्वारा की जाती है और जांच औऱ कागजों के पचड़े से बचने ड्राइवर पैसे भी दे देते हैं। दबी जुबान वाहन चालकों ने अपनी समस्या बताई।
इस मामले की जानकारी के बाद मीडिया की एक टीम पड़ताल करने कोन्टा आरटीओ चेक पोस्ट पहुंची। इस दौरान आंध्रप्रदेश से ईंट लेकर आ रही तीन हाईवा के ड्राइवरों द्वारा 1500 रुपये लेकर आरटीओ चेकिंग पॉइंट में पहुंचे। वहां बैठे पुलिस को दिया। इसके बाद किसी प्रकार का दस्तावेज वाहन हेल्पर द्वारा नहीं दिखाया गया और न ही वहां बैठे पुलिस ने किसी भी प्रकार के बिल/दस्तावेज को देखने की मांग की।
इतने में मीडिया की टीम ने पुलिस से पैसों के लेनदेन के बारे में पूछ लिया कि पैसे किसलिए लिया जा रहा है तो पुलिस ने किसी भी तरह का पैसे लेने से साफ इंकार कर दिया, लेकिन तुरंत ही उसी हेल्पर से कैमरे पर मीडिया की टीम द्वरा पैसे के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि 500 रुपये प्रति गाड़ी के हिसाब से वो पैसा आरटीओ नाका में उसी पुलिस को दे आया है और ये यहां का फिक्स रेट है। हमेशा इतनी ही राशि देकर आने जाने की बात कही।
विजय बेर कोन्टा आरटीओ प्रभारी से मीडिया ने बात की तो कहा कि बिना रसीद किसी भी तरह का पैसा नहीं लिया जाता है। चालानी कार्रवाई हुई होगी।
एक ड्राइवर कुमार ने मीडिया को बताया कि यहां चेकपोस्ट में पैसे देने कम्पलसरी है, 300 रुपये एक बार जाने का दिया जाता है महीने 2 महीने में 1 बार कागज चेक किया जाता है। आज भी 300 देकर ही नाका पार कर रहा हूँ। वहीं तमिलनाडु निवासी वाहन चालक ने बताया कि वह कैम्प निर्माण हेतु ईंट लेकर 3 हाईवा जा रहा है और प्रति वाहन हाइवा 500 रुपये लिया जाता है औऱ लम्बे टाइम से दिया जा रहा है मेरे द्वारा।
जिला परिवहन अधिकारी शिव भगत रावटे से जब इस विषय पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से यह मामला आया है, मैं अपने उच्च अधिकारी कमिश्नर को इस बाबत पत्र लिखूंगा, जिसके बाद उनके निर्देश पर मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि वे जब भी कोन्टा आरटीओ निरीक्षण पर गए, तब उन्होंने इस तरह की घटना को नहीं पाया।