बलौदा बाजार
जांच के लिए रायपुर-बिलासपुर लैब का सहारा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 14 जनवरी। नवीन कृषि उपज मंडी प्रांगण में 500 बिस्तर कोविड हॉस्पिटल तैयार करने को लेकर राज्य स्तर पर प्रशंसा का पात्र पाने वाला जिला प्रशासन व शासकीय जिला चिकित्सालय का अमला अब तक जिला चिकित्सालय में आरटीपीसीआर लैब प्रारंभ नहीं कर सका है। इसके चलते 1500000 से भी अधिक आबादी वाले जिले के 6 ब्लॉक के लोगों को आज भी रिपोर्ट के लिए 4 से 5 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है, जिले में बीएफ ऐप वह सीएसआर मत की भी कमी नहीं है, इसके बावजूद आरटीपीसीआर लैब की स्थापना नहीं हो पाना निश्चित ही चिंता का विषय है।
विदित हो कि जिला मुख्यालय स्थित कृषि उपज मंडी में कलेक्टर सुनील कुमार जैन की विशेष पहल पर तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए करीब 20 दिन में ही 500 बिस्तर को वीर केयर हॉस्पिटल तैयार किया गया था, जिसका वर्चुअल शुभारंभ मुख्यमंत्री द्वारा मई 2021 में किया गया था। यह राज्य का पहला ऐसा हॉस्पिटल ह,ै इसमें धानमंडी को हॉस्पिटल में बदला गया था। 500 बिस्तर हॉस्पिटल 120 ऑक्सीजन बिस्तर से सुसज्जित है। 120 बिस्तर में 33 बिस्तर एचडीयूके 36 आईसीयू 51 ऑक्सीजन बिस्तर युक्त है, जो पूरी तरह वातानुकूलित है। साथ ही 380 जनरल बिस्तर बनाए गए हैं। इस मंडी गोदाम को हॉस्पिटल में जनप्रतिनिधि उद्योग जिला खनिज न्याय फंड जन सहयोग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से प्रवृत्ति कर बनाया गया था, यही नहीं नए कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना अजीज प्रेम जी फाउंडेशन के द्वारा करीब 1.5 करोड़ रुपए की लागत से किया गया।
जिला प्रशासन समेत स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए अथक प्रयासों से निश्चित ही जिला चिकित्सालय व प्रशासन की प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है कोर्ट की दूसरी लहर के दौरान बिस्तर ऑक्सीजन सिलेंडर समेत अन्य आवश्यक संसाधनों की कमी से जूझने वाले लोगों को भी 500 बिस्तर कोई अस्पताल के निर्माण के पश्चात महत्वपूर्ण सुविधा प्राप्त हुई है परंतु वर्तमान में आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था नवीन को भीड़ अस्पताल के अलावा जिला चिकित्सालय में भी नहीं है पूर्व में हवाई यात्रा के लिए आवश्यक आरटीपीसीआर रिपोर्ट के विलंब से प्राप्त होने के चलते भी लोगों को असुविधा जनक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता था। कोई अस्पताल निर्माण के बाद लोगों में यह उम्मीद भी जागृत हुई थी, कि जिला मुख्यालय में आर्टिफिशियल लैब की स्थापित हो सकेगा और लोगों की समस्याओं का समाधान होगा। परंतु फिलहाल इस समस्या का समाधान शीघ्र होता नहीं दिख रहा है।
लैब का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार , मशीनों नहीं मिल पायी-सीएमएचओ
आरटीपीसीआर लैब स्थापना के संबंध में सीएमएचओ डॉ के आर सोनवानी ने बताया कि लैब का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो चुका है, परंतु इस हेतु कुछ आवश्यक मशीने नहीं मिल पाई है। इसके चलते ले प्रारंभ नहीं किया जा सकता है, उन्होंने आगामी 15-20 दिनों में मशीनों के प्राप्त होने की संभावनाएं व्यक्त की है।