कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 3 फरवरी। जिले के विश्वविद्यालय में प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए सीट लिमिट कर दिया गया है। जिसका विरोध करते जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष विकल माने ने प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि यह बस्तर के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है। शिक्षा का अधिकार हर विद्यार्थी का अधिकार है किसी विद्यार्थी को उसके शिक्षा लेने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। यह बस्तर विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता है कि वह बच्चों के भविष्य के प्रति गंभीर नहीं है।
आगे कहा कि बीते वर्ष 9 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने किया 12वीं पास इस वर्ष के हुए परीक्षाओं में जिले में 9000 से अधिक विद्यार्थियों ने 12वीं की परीक्षा पास की थी। इसमें 3000 विद्यार्थी अन्य संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने चले गए। वहीं जिले के 3 महाविद्यालय में 3 हजार विद्यार्थियों को दाखिला मिल सका जिसके बाद 3 हजार विद्यार्थी जो एडमिशन से वंचित रह गए थे। प्राइवेट विद्यार्थी के तौर पर परीक्षा देने के लिए मानसिक रूप से तैयार बैठे थे। इन्हें अचानक सीट की संख्या सीमित करने के बाद अब भटकते देखा जा सकता है।
इस दौरान जनभागीदारी समिति के सदस्य दीपक ने कहा कि विश्वविद्यालय के जिस सॉफ्टवेयर से परीक्षा फॉर्म सबमिट किया जा रहा है। उसने डिलीट एडिट ऑप्शन न होने के चलते विद्यार्थियों के फार्म सबमिट नहीं हो पा रहे हैं, वहीं दिव्यांग छात्रों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विकल माने ने कहा कि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा। हर संभव कोशिश की जाएगी कि कोई भी छात्र परीक्षा से वंचित न हो सके।