गरियाबंद

एसडीएम के मौखिक फरमान के चलते किसान का नहीं कटा टोकन, नहीं बेच पाया धान
08-Feb-2022 4:16 PM
एसडीएम के मौखिक फरमान के चलते किसान का नहीं कटा टोकन, नहीं बेच पाया धान

आवेदन करते या संपर्क करते तो जांच के बाद टोकन कट जाता-एसडीएम

आखिरी सात दिन में 3386 किसानों से धान खरीदी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 8 फरवरी। राज्य शासन द्वारा धान खरीदी हेतु बढ़ाई गई अंतिम तिथि सात फरवरी को समाप्त हो गई। इसके साथ ही जिले में विपणन वर्ष 2021-22 हेतु समर्थन मूल्य पर धान खरीदी संपन्न हुई। प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक इस वर्ष जिले में कुल 72975 किसानों से 331512 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई।

इधर, धान खरीदी की तिथि बढऩे के बाद सात दिवस में जिले में 3386 किसानों को धान बेचने का अवसर मिला। धान खरीदी की पूर्व अंतिम तिथि 31 जनवरी तक जिले में कुल 73005 किसानों से 318885 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी, वहीं नई तिथि आने के बाद सात दिनो में जिले के कुल 3386 किसानो से 12627 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई।

 अंतिम तिथि बढऩे के बाद भी जिले के 8598 किसानों के धान की खरीदी नहीं हुई। अर्थात इस वर्ष जिले के 8598 किसानों का धान खरीदी केन्द्र तक नहीं पहुंचा। इसमें कुछ किसानों ने रकबा समर्पित कर दिया तो कुछ किसान निजी कारणों से धान नहीं बेचा।

इधर जिले में गरियाबंद अनुविभाग में अनुविभागीय अधिकारी विश्वदीप यादव के मौखिक आदेश के चलते एक किसान अपना धान नहीं बेच पाया। धान खरीदी की अंतिम तिथि बढऩे के बाद भी समिति ने किसान का टोकन नहीं काटा, दो-तीन दिन तक किसान उपार्जन केन्द्र का चक्कर काटता रहा। परंतु समिति वालों ने उन्हें एसडीएम के मौखिक आदेश का हवाला देकर टोकन नहीं दिया और उसे एसडीएम से अनुमति लाने की बात कहकर लौटा दिया। समिति के प्रबंधक और प्रभारी की लापरवाही और एसडीएम के मौखिक निर्देश के चलते किसान धान बेचने से वंचित हो गया।

 इस संबंध में जब प्रबंधक व प्रभारी से पूछा गया तो उन्होंने एसडीएम के मौखिक निर्देश का हवाला दिया और इसके पीछे किसान की गलती बता दी। वहीं जब मौके पर एसडीएम विश्वदीप पहुंचे और उनसे जानकारी ली गई तो उन्होंने मौखिक आदेश के पीछे तर्क दिया कि अंतिम समय में किसान के पास धान कहां से आया, यह जांच करना जरूरी है, इतने दिन से किसान ने धान बेचने सक्रियता नहीं दिखाई। मेरे पास आवेदन करते या संपर्क करते तो जांच के बाद टोकन कट जाता।

 इस संबंध में किसान मंशा राम ने कहा कि वह टोकन के उपार्जन केन्द्र के चक्कर काटता रहा। तिथि बढऩे के बाद भी उन्हे टोकन नहीं दिया। 16 एकड़ भूमि में अनावरी रिपोर्ट के बाद कुल 213 क्विंटल धान खरीदी होनी थी, मात्र 60 क्विंटल की धान की खरीदी हुई। 

 ज्ञात हो कि इस वर्ष जिले के पंजीकृत 81573 किसानों के लिए धान बेचने हेतु 82 उपार्जन केन्द्र बनाए गए थे। जिसमें अनुमानित 367000 मीट्रिक टन धान खरीदी लक्ष्य के विरूद्ध कुल 331512 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। वहीं जिले के उपार्जन केन्द्रों से 61.86 प्रतिशत लगभग 206851 मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है।

इधर धान खरीदी के अंतिम दिन सभी उपार्जन केन्द्रों में नोडल अधिकारियों एवं जिले के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा निरीक्षण चलता रहा। कलेक्टर के निर्देश पर धान खरीदी के अंतिम दिन उपार्जन केन्द्रों के लिए नोडल बनाए गए अधिकारी अपने अपने चिंहित उपार्जन केन्द्रों में निरीक्षण करते नजर आए। अधिकारियों ने उपार्जन केन्द्रों में धान के बोरे का वजन, धान बोरो के स्टैक, स्टाक की मात्रा सहित अन्य तथ्यो की जांच की। इसके अलावा जिले के अनुविभागीय अधिकारी भी अपने अपने क्षेत्र के धान उपार्जन केन्द्रो का निरीक्षण करते हुए नजर आए।

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