बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 19 फरवरी। बालोद जिले के ग्राम मालीघोरी में बैलगाड़ी से एक युवक की बारात निकली तो देखने वालों की भीड़ उमड़ गई। दरअसल मालीघोरी (दुधली) अनोखा बारात निकली। जिसे देखने के लिए गांव में उमड़ पड़े लोग पुरानी परंपरा को कायम करने के लिए दूल्हा ने यह फैसला लिया। जिसमें खुशी-खुशी परिवार वाले भी शामिल हुए।
परंपरा सहेजने आया विचार
वहीं मालीघोरी (दुधली) निवासी राकेश देशमुख का विवाह दूसरे मोहल्ले के निर्मला देशमुख के साथ तय हुआ है, जिसमें बरात जाने के लिए दुल्हा राकेश देशमुख बैलगाड़ी पर बैठकर बारात जाने निकली तो लोग देखते रह गए। वहीं दूल्हा राकेश देशमुख ने बैलगाड़ी पर बारात जाने का विचार किया और गाड़ा एवं बैल सजा कर बारात लेकर निकली, बारात मालीघोरी (दुधली) के एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले में ही गई।
इस पर उनका कहना है कि यह छत्तीसगढ़ की पुरानी परंपरा हैं। जिसे निभाना चाहिए। खासकर तब जब परंपरा को निभाना संभव हो, लेकिन आजकल के चमक दमक में ही उलझे हुए हैं।
बैलगाड़ी का बारात रहा खास
21 सदी में निकली इस बैलगाड़ी बारात की चर्चा पूरे जिले में है राकेश देशमुख ने बताया कि छत्तीसगढ़ परंपरा को संजोए के रखने का विचार मेरे मन में आया। इसलिए पुराना परंपरा के साथ विवाह करने की सोची। मेरे इस फैसले से पूरा परिवार और यहां तक की रिश्तेदार भी खुश हुए, खुशी-खुशी बारात में भी गए, वहीं बारात देखकर सडक़ से गुजरने वाले लोग भी 5 मिनट रुककर देखने लगे सबसे ज्यादा उत्साह युवा पीढ़ी में देखने को मिला क्योंकि उनके लिए ये एकदम नया था।
दुल्हे ने बताया कि गांव में बारात निकली तो जमकर स्वागत किया गया। पूरा गांव देखने के लिए उमड़ पड़ी। गांव के एक बुजुर्ग ने बताया कि लगभग 35-40 वर्ष पहले छत्तीसगढ़ में बैलगाड़ी से ही बारात जाते थे। उसके बाद से यह परंपरा खत्म सी हो गई हैं। इसके बाद नई टेक्नालॉजी में लोग कार से बारात लेकर पहुंचते हैं।