बलौदा बाजार

उपार्जन केंद्रों से धान उठाव नहीं, सूखत आना शुरू
26-Feb-2022 3:36 PM
उपार्जन केंद्रों से धान उठाव नहीं, सूखत आना शुरू

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 26 फरवरी ।
समर्थन मूल्य में धान की खरीदी होने के बाद उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव समय पर नहीं होने के चलते सोसायटीयों में रखे धान में सूखत आना शुरू हो गया है, जबकि नियमानुसार खरीदी के 72 घंटों के भीतर धान का उठाव हो जाना चाहिए।

समय पर धान का उठाव नहीं होने से संबंधित प्रबंधकों व सदस्यों के माथे पर चिंता मंडरा रही है। पिछले वर्ष उपार्जन केंद्रों में आई सूखत की समस्या से कर्मचारियों समिति प्रबंधकों को परेशान होना पड़ा था। वर्तमान समय में धूप में तेजी आती ही धान के सूखत में तेजी आने की संभावना समिति प्रबंधक जता रहे हैं। यदि मार्च के पहले सप्ताह तक धान परिवहन में तेजी नहीं आई तो सोसाइटी ओ में सुखद से नुकसान की संभावना बढऩे के आसार हैं गत वर्ष 2020 21 में धान खरीदी केंद्रों में देरी से उठाओ होने की वजह से शॉर्टेज की समस्या उत्पन्न हुई थी।

समितियों को शॉर्टेज की समस्या से जूझना पड़ा था। इस वजह से समिति कर्मचारियों का वेतन का भुगतान का अब तक नहीं हो पाया है वहीं शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव 72 घंटे के भीतर हो जाना चाहिए, पर इसका अक्षरश: पालन कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है। धान खरीदी को बंद हुए 18 दिन बीत गए लेकिन अधिकांश उपार्जन केंद्रों में धान का उठाव नहीं हो सका है।

पिछले साल समय पर धान का उठाव नहीं होने से बड़ी मात्रा में धान खराब हुआ था, दोबारा ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए समिति प्रबंधकों ने जल्द से जल्द धान उठाने की मांग किए हैं।
उल्लेखनीय है कि जिला सहकारी बैंक शाखा लवन अंतर्गत 14 उपार्जन केंद्र आते हैं। इन 14 उपार्जन केंद्रों में 12296 किसानों से 490000 क्विंटल धान ?952600000 की धान खरीदी की गई है जिसमें से ?325094000 किसानों से ऋण की वसूली की गई है 490000 क्विंटल खरीदे गए धान में से 430000 क्विंटल धान का परिवहन हो चुका है शेष 60000 क्विंटल धान का उठाव उपार्जन केंद्रों से नहीं हो पाया है जिन उपार्जन केंद्रों में समय पर धान का उठाव नहीं हो रहा है वहां के कर्मचारियों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है क्योंकि जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है धान में सुखत की समस्या भी बढ़ गई है।

उपार्जन केंद्रों की स्थिति पर नजर डालें तो उपार्जन केंद्रों में कम धान है लेकिन उठाओ की धीमी रफ्तार की वजह से समिति के लिए चिंता का सबब बना हुआ है समितियों में संग्रहित धान के उठाव के लिए समिति प्रबंधक काफी परेशान हैं उठाओ में हो रहे विलंब से उन्हें शॉर्टेज की चिंता सता रही है पिछले साल भी संग्रहित धान के उठाओ में काफी विलंब हुआ था इसकी वजह से समितियों को काफी नुकसान हुआ था नुकसान की भरपाई आज तक नहीं हो पाई है।

बीएमओ को पत्र लिख रहे
डी एस वर्मा शाखा प्रबंधक जिला सहकारी बैंक लवन का कहना है कि मिलरों को धान उठाव के लिए पत्र लिख रहे हैं। अभी तक 4 लाख 30 हजार क्विंटल धान का उठाव 14 उपार्जन केंद्रों से किया जा चुका है, शेष 60 हजार क्विंटल धान के उठाव के लिए बोला जा रहा है।
 

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