बलौदा बाजार
10 हजार एकड़ से अधिक रकबा में हुई है खेती
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 11 मई। विकास खंड कसडोल में हमेशा की भांति इस साल भी रबी फसल धान की व्यापक स्तर पर खेती हुई है। जिसमें क्षेत्र का कोई भी इलाका चाहे मैदानी हो अथवा जंगल क्षेत्र इससे अछूता नहीं है। किंतु सर्वाधिक खेती राजा देवरी क्षेत्र के 42 गांव में हुई है।
राजा देवरी 42 गांव बना लघु पंजाब
कसडोल तहसील क्षेत्र के 229 कुल ग्रामों में राजादेवरी क्षेत्र का 42 गांव को लघुपंजाब कहा गया है। जहां 3 हजार हेक्टे. से अधिक कृषि भूमि में इस साल रबी फसल धान किसानों में लगाई है। इस क्षेत्र में बीचों बीच जीवन दायनी जोंक नदी एवम कंत रा नाला बहती है। जिससे बारिश के बाद भूमि गत जल श्रोत काफी ऊपर रहता है। यही वजह है की रबी फसल धान की सिंचाई हो जाती है। सबसे दिलचस्प बात यह है की पूरे क्षेत्र में रबी फसल धान की खेती निजी सिंचाई बोर के माध्यम से होती आ रही है।
किसानों का कहना है कि इस साल विद्युत कटौती पर विराम लगा है। किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त बिजली मिल रही है ।राजा देवरी इलाका का 42 गांव में ऐसा कोई गांव अछूता नहीं जहां रबी फसल धान की खेती से वंचित हो। इस इलाके में मध्यम के अलावा लघु और सीमांत कृषक भी केंद्र और राज्य सरकार के कृषि अनुदान योजना का लाभ लिया है ।यही वजह है की इस इलाके में ही 3500 से अधिक बोर किसानों के खेतों में उपलब्ध है ।जिससे रबी फसल की सिंचाई हो रही है। राजादेवरी क्षेत्र के कृषक विजय बरिहा इंद्रजीत पटेल ग्राम देवगांव, मालिक राम मिश्रा कांतिलाल साहू थरगांव, देवा नंद नायक सौकीलाल प्रधान सहदेव प्रधान डूमरपाली लक्ष्मण पटेल ललित पटेल भोजराम यादव अवधराम यादव सरपंच रंगोरा , दुखुराम नायक लक्ष्मीलाल नायक संतोष पटेल ग्राम चेचरा पाली का कहना है कि राजादेवरी क्षेत्र की रबी फसलों को विद्युत कटौती से निजात मिली है ।बीच में तनाछेदक बिमारी की शिकायत हुई थी। जिसे किसानों द्वारा त्वरित दावा का छिडक़ाव करने से निजात मिल गया है। कुल मिलाकर रबी फसल धान की अच्छी पैदावार की संभावना व्यक्त किया का रहा है।
जंगल क्षेत्र में भी बढ़ रही रबी फसल का रकबा
राजादीवरी क्षेत्र से सटे जंगल क्षेत्र के गांव देवपुर चेचरापाली धमलपुरा गिधपुरी तेंदुचुआ पकरीद, सोनाखान 18 टोला के कुछ गांव तथा अभ्यारण्य वन परिक्षेत्र बार नवापारा तथा कोठारी के गांव चरौदा ग बौद बडगांव आमगांव लोरीदखार ढेबी ढेबा मोहदा दोद पांडादाह मुड़पार सैहाभांठा आदि वनग्रामों में धान की खेती हुई है। वन परिक्षेत्र अधिकारी कृषाणु चंद्राकर , वन सिन्हा,अधीक्षक बार से मिली जानकारी के अनुसार क्रेडा के माध्यम से अभ्यारण्य वन ग्रामों के किसानों को बोर उत्खनन करा कर सिंचाई का लाभ लगातार विस्तार हो रहा है। सौर ऊर्जा के ही माध्यम से ग्रामों को रौशनी उपलब्ध कराई जा रही है ।इसके अलावा मैदानी क्षेत्रों के गांव औराई बरबसपुर खैरा बल्दाकछार अर्जुनी पुट पुरा दौनाझर घिरघोल नारायणपुर धौराभांठा खर्री बिलारी आमाखोहा मोतीपुर छेछर भद्रा मल्दा मुड़पार आदि कई ग्रामों में छुटपुट खेती हुई है ।
धान की बालियां पकने को तैयार
कृषि विकास खंड कार्यालय कसडोल वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी बी एस ठाकुर से मिली जानकारी के अनुसार 10 हजार एकड़ कृषि भूमि से अधिक में रबी फसल धान की खेती का अनुमान है। धान की बालियां निकल चुकी है तथा मई के अंतिम सप्ताह में कटाई का काम शुरू हो जाएगा ।चूंकि पूरे फसल की कटाई हार्वेस्टर से किया जाता है। जिससे जून के दूसरे सप्ताह अर्थात बारिश के पूर्व ही फसल समेंट लिया जाएगा।
हाथियों की दहशत से फिलहाल राहत
रबी फसल धान जब भी पककर तैयार होता है पिछले 10 साल से हाथियों के दस्तक जान मॉल का नुकसान होता आ रहा है। हाथियों का इस साल भी खेतों में पहुंचना पिछले माह पकरीद गिधपुरी देवपुर के आसपास के गांव में दस्तक शुरू हो गई थी। विगत 15 दिनों से किसी भी गांव के फसल नुकसान की खबर नहीं है। किंतु अभी भी किसानों में फसल नुकसानी का दहशत बना हुआ है ।