बिलासपुर
सीबीआई जांच की मांग पर हाईकोर्ट में याचिका, सुनवाई 28 को
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 22 जून। मैट्स यूनिवर्सिटी द्वारा पैसे लेकर फर्जी सर्टिफिकेट बांटने की शिकायत मिलने पर विधायक डॉ विनय जायसवाल ने वहां फोन किया। अपने लिए डीसीए का फर्जी सर्टिफिकेट हासिल कर उन्होंने सच्चाई परख ली। मामला हाईकोर्ट चला गया है। उच्च शिक्षा विभाग से जवाब-तलब किया गया है।
रायपुर के कांग्रेस नेता संजीव अग्रवाल ने मनेंद्रगढ़ विधायक डॉक्टर जायसवाल से सन् 2019 में शिकायत की थी कि आरंग स्थित प्रदेश के सबसे बड़ी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में से एक मैट्स की ओर से फर्जी मार्कशीट पैसे लेकर बना दिए जाते हैं। विधायक ने सच्चाई का पता लगाने के लिए मैट्स यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों से फोन पर बात की और उनसे डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन का मार्कशीट तैयार करके देने के लिए कहा। यूनिवर्सिटी के कर्मचारी पैसे लेकर सर्टिफिकेट देने के लिए तैयार हो गए। उन्होंने जुलाई 2012 की यानी 10 साल पहले की तारीख पर एक डिप्लोमा सर्टिफिकेट तैयार किया और उसमें विधायक की तस्वीर लगा कर उनको भेज दी। इस सर्टिफिकेट के लिए न तो परीक्षा ली गई, न ही प्रवेश प्रक्रिया अपनाई गई। मार्कशीट रुपयों के बदले विधायक को दे दी गई।
शिकायतकर्ता संजीव अग्रवाल ने बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की लेकिन दोनों विभागों के अधिकारी एक दूसरे को पत्र भेजते रहे और यूनिवर्सिटी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसे देखते हुए करीब 1 साल बाद उन्होने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।