सुकमा

बारिश का सैलाब आया और 90 बरस की सीतम्मा का जीवन हो गया तबाह
25-Jul-2022 9:15 PM
बारिश का सैलाब आया और 90 बरस की सीतम्मा का जीवन हो गया तबाह

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 25 जुलाई।
जिले के अंतिम छोर कोन्टा में बारिस का कहर आया और जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर गया, इन्हीं बाढ़ पीडि़तों में से एक हैं 90 वर्ष से अधिक उम्र की नागुल सीतम्मा। बाढ़ पीडि़तों से मिलने और उनका दर्द बांटने भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष व अधिवक्ता दीपिका शोरी कोन्टा पहुंच कर वृद्ध सीतम्मा के मिलने उनके घर पहुंची, जो बाढ़ में पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है।

सीतम्मा का हाल देखकर उन्होंने बताया कि जब मैं उनके घर पहुंची तो देखा कि 90 वर्षीय नागुल सीतम्मा की छोटी सी झोपड़ी पूरी तरह नष्ट हो चुकी थी, उनकी कुल सम्पत्ति में कुछ फ़टे कपड़े,एक आध बर्तन के अलावा कुछ भी नहीं दिख रहा था और पूरी झोपड़ी गन्दगी और मिट्टी से भर गई थी, जिसे सीतम्मा अपने कमजोर हाथों से साफ करने का असफल प्रयास कर रही थीं

मुझसे मिलकर रो पड़ी सीतम्मा-दीपिका
दीपिका ने बताया कि जब मैं उनसे मिलने उनके बर्बाद हो चुके झोपड़े को देखने पहुंची तो यह देखकर सीतम्मा रो पड़ी। उनके हालात यह हैं कि न तो उनके पास बिछाने को चटाई है और न ही ओढऩे को चादर और न ही खाने को दाने। मैं भी इनकी हालात देखकर  बहुत दुखी हुई हूँ.

आओ मिलकर बनाएं सीतम्मा का आशियाना-दीपिका
दीपिका ने सभी समाज सेवी संस्थाओ व्यापारी वर्ग व अन्य समृद्ध जन से अपील भी की है आओ और एक बार हमसब मिलकर सीतम्मा जैसे बाढ़ पीडि़तों की मदद कर उनके आशियाने को पुन: बनाकर उनका सहयोग करें।

40 वर्ष पहले पति, 30 वर्ष पहले पुत्र का निधन
दीपिका ने बताया कि वृद्ध सीतम्मा का जीवन पूरी तरह से दु:खों से भरा हुआ है। लगभग 40 वर्ष पहले पति की मृत्य हो गई, उस दु:ख से सीतम्मा उबर भी नहीं पाई थी कि उसके 10 वर्षों के बाद पुत्र की मृत्य हो गई और अब बारिश का के इस कहर ने सीतम्मा का पूरा जीवन ही तहस नहस कर दिया।

बांस की चटाई व लकड़ी से बने छोटे से झोपड़े में रहती थी सीतम्मा
सीतम्मा के आशियाने के बारे में बात करें तो कोन्टा  के नयापारा में बांस व लकड़ी से बने छोटे से झोपड़े में कुछ बर्तन व फटे पुराने कपड़े के साथ अपने जीवन के बचे दिन गुजार रही थी परन्तु 1986 व 2006 के बाद आए इस भीषण बाढ़ ने उनका सबकुछ बर्बाद कर दिया।

पीएम आवास की पात्रता होते हुए भी नहीं मिला आवास
सीतम्मा से मिलने पहुंची दीपिका शोरी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो सोच कर पीएम आवास योजना बनाई है वह कोंटा में धरातल स्तर पर पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है. सीतम्मा जो उम्र के इस पड़ाव में है कि उन्हें समाजिक सहयोग की आवश्यकता है, परन्तु पीएम आवास की पूर्ण रूप से पात्रता रखते हुए भी इन्हें आज तक आवास उपलब्ध न हो पाना सरकारी तंत्र यहाँ किस कदर कार्य कर रहा है, बताने की जरूरत नहीं हैं।

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