रायपुर

धान खरीदी में समितियों को नुकसान पर सदन में चर्चा
26-Jul-2022 6:19 PM
धान खरीदी में समितियों को नुकसान पर सदन में चर्चा

सहकारिता आंदोलन खत्म हो रहा है-विपक्ष, विस्तार हुआ है-सरकार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 26 जुलाई। प्रदेश के धान उपार्जन केंद्रों के बीमा पर मंगलवार को विधानसभा में जमकर बहस हुई। भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार ने खरीदी केंद्रों का बीमा नहीं करवाया है। इससे भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सहकारी समितियां कर्ज के बोझ तले डूब रही हैं। सहकारी आंदोलन खत्म हो रहा है। सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने कहा कि खरीदी केंद्र का नहीं, सामग्री बीमा होता है। सरकार के मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि प्रदेश में सहकारी आंदोलन का विस्तार हुआ है। पहले 1333 केंद्रों में खरीदी होती थी। अब 23 सौ केंद्रों में धान खरीदी हो रही है।

प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने मामला उठाया। इसके जवाब में सहकारिता मंत्री ने बताया कि राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधीन राजनांदगांव, और कबीरधाम जिले के धान उपार्जन केंद्रों का खरीफ वर्ष 2015 के 2021 तक धान उपार्जन केंद्र के अनुसार कटौती के बाद भुगतान योग्य राशि 117 करोड़ 66 लाख का भुगतान समितियों को किया गया।

भाजपा सदस्य ने आरोप लगाया कि सहकारी समितियां डूब रही है। कबीरधाम जिले के चार सौ कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया। विभाग की लापरवाही से समितियों को 117.66 करोड़ की राशि ही मिल पाई। जबकि 5 सौ करोड़ से अधिक की राशि मिल सकती थी। उन्होंने पूछा कि जिले में किस किस मद में कटौती हुई है? इसके जवाब में सहकारिता मंत्री ने बताया कि जीएसटी, और अन्य कटौती हुई है।

भाजपा सदस्य ने कहा कि धान के सूखत की वजह से कटौती हुई है। 72 घंटे के भीतर धान उठना चाहिए, लेकिन समय सीमा के भीतर उठाने के आदेश जारी नहीं हुए। असमय बारिश से नुकसान हुआ है। एक पूरक सवाल के जवाब में सहकारिता मंत्री ने बताया कि धान और बारदाने का बीमा होता है।

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