रायपुर
![पुलिस ने दीवार पर चस्पा की अपराधियों की तस्वीर, क्रिमिनल गैलेरी में हजार से ज्यादा लोगों की देख सकेंगे कुंडली पुलिस ने दीवार पर चस्पा की अपराधियों की तस्वीर, क्रिमिनल गैलेरी में हजार से ज्यादा लोगों की देख सकेंगे कुंडली](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16591860743cd7adc-b840-4475-8aca-3d6.jpg)
एंटी क्राइम एंड सायबर सेल यूनिट का नया प्रयोग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 जुलाई। प्रदेश की राजधानी में संगीन अपराध से जुड़े लोगों का डिजीटल डाटा तैयार करने के बाद अब पुलिस ने उनकी तस्वीरों को दीवारों पर चस्पा करने निर्णय लिया है। इसकी शुरूआत एंटी क्राइम एंड सायबर सेल की यूनिट से की है जहां पर एक फ्लोर में दीवारों पर अपराधियों की तस्वीरें लगाकर उसे क्रिमिनल गैलेरी बनाया गया है। यहां पर पुलिस हजार से ज्यादा अपराधियों की तस्वीरें चस्पा करने की तैयारी की है। पुलिस का मानना है कि क्रिमिनल गैलेरी बनाए जाने से दूसरे राज्यों की पुलिस को अपराधियों के बारे में जानकारी देना आसान होगा साथ ही आरोपियों के पकड़े जाने के बाद लोकल पुलिस को भी उनके बारे में तत्काल ब्योरा जुटाने में आसानी होगी। क्रिमिनल फोटो गैलेरी का उद्घाटन एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने किया है। इस मौके पर एसएसपी अग्रवाल ने बताया, इस तरह के प्रयोग से अपराधी किस्म के लोगों के हौसले टूटेंगे। दीवारों पर अपनी तस्वीरें देखने के बाद अपराधियों का मनोबल नीचे होगा। प्रदेश में इस तरह से पहली बार प्रयोग किया जा रहा है। गंज स्थित क्राइम ब्रांच के पुराने आफिस के दूसरे फ्लोर के एक कमरे में क्रिमिलन गैलेरी बनाया गया है। यहां पर शातिर नकबजन, लुटेरे, डकैत और आर्थिक अपराध से जुड़े गिरोह के साथ हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों के फोटो चस्पा किए गए हैं। एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी ने चर्चे के दौरान बताया, प्रदेश में इस तरह का पहला प्रयोग किया जा रहा है जहां पर किसी दफ्तर के पहुंचते ही आरोपियों की कुंडली सामने दिखेगी। आमतौर पर थानों में निगरानीशुदा बदमाशों नाम परिचय की जानकारी दी जाती है लेकिन एक तरह का क्रिमिनल फोटो गैलेरी अपराधियों का डाटा बेस दूसरे के सामने पेश करेगा। इस प्रयोग से अपराधियों के हौसले भी टूटेंगे। एएसपी क्राइम के बताए अनुसार सोशल मीडिया और मीडियाकर्मियों के नए तरह के प्रयोग के बारे में चर्चा करने के बाद उन्होंने क्रिमिनल फोटो गैलेरी बनाने के बारे में सोची। अभी तक क्राइम ब्रांच के पास डिजीटल डाटा बेस में ढाई हजार से भी ज्यादा बदमाशों की जानकारी तैयार है। इसमें से तकरीबन एक हजार अपराधियों की फोटो क्रिमिनल गैलेरी में लगाया जाएगा।
बीट में जान फूंकने की कोशिश
क्राइम ब्रांच को कुछ समय पहले भंग किए जाने के फैसले के बाद से गंज दफ्तर में खामोशी छाई रहती थी। नए सिरे से एंटी क्राइम एंड सायबर सेल के गठन के बाद दोबारा से कार्यालय में चहल-कदमी तेज हुई है। अब क्राइम टीम ने बीट के हिसाब से निगरानी मजबूत करने के लिए योजना बनाई है। बीट के हिसाब से पकड़े गए शातिर अपराधियों की पूरी कुंडली बनाई जाएगी। पहले की तरह अब बीट बनाकर अफसरों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
कमरे नहीं हॉल में भी तस्वीरें
संगीन अपराध से जुड़े लोगों की तस्वीरें सिर्फ बंद कमरे में ही नहीं बल्कि पूरे दीवारों में लगाई जाएगी। क्राइम ब्रांच के पुराने दफ्तर के ऊपरी हिस्से को इसके लिए तैयार किया जा रहा है। पूछताछ कक्ष के अलावा निरीक्षक कार्यालय के बाजू दूसरे कमरे को अपराधियों के फोटो से सजाया गया है। अब बाहर के हिस्सों में खाली जगहों पर भी अपराधियों के फोटो और उनके नाम चस्पा किए जाएंगे।
अपराध रोकने मिलेगी मदद
अपराधियों के फोटो और उनकी कुंडली सामने रखने से दूसरे राज्यों की पुलिस को मदद मिलेगी साथ ही अपराधियों के पकड़े जाने के बाद उनका भी मनोबल टूटेगा। पहली बार इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है।
- गिरीश तिवारी
प्रभारी क्राइम ब्रांच