रायपुर
![शहर सूखे नशे की चपेट में, गोली सिरप और गांजे की भरमार, नारकोटिक्स सेल के आंकड़े चौंकाने वाले शहर सूखे नशे की चपेट में, गोली सिरप और गांजे की भरमार, नारकोटिक्स सेल के आंकड़े चौंकाने वाले](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16592858032ad3b01-2cf3-4f52-86ee-d50.jpg)
6 से 8 महीनों में बरामद नशीले पदार्थों की कीमत 1 करोड़ के पार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 जुलाई। राजधानी का मिजाज इन दिनों नशे के मामले में कुछ ठीक नहीं है। खासकर से सूखा नशा करने वालों के बीच प्रतिबंधित दवाइयों और गांजा की सप्लाई चरम पर है। एंटी क्राइम यूनिट के नारकोटिक्स सेल के अपने आंकड़े शहर की स्थिति को बयां कर रहे हैं जहां 6 से 8 महीनों के भीतर 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का सामान बरामद हुआ है। नशे के टेबलेट की पत्तियां और सिरप की भरमार लग गई है। इससे पूरा अंदाजा है कि शहर में नशा कारोबार करने वालों ने तगड़ा नेटवर्क जमा लिया है। शहर की तंग गलियों और घनी आबादी के बीच तस्कर सस्ते से सस्ता नशा मुहैया करा रहे हैं इस वजह से शहर में अपराधिक मामले भी बढ़ रहे हैं। 26 मामले अब तक दर्ज किए गए हैं जिसमें 52 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। सामने आए आंकड़ों में चौंकाने वाली बात यह है कि गिरफ्तार ज्यादातर आरोपी दूसरे जिले या फिर राज्यों से ताल्लुक रखते हैं। पुलिसिया कार्रवाई से अब यह तय हो गया है कि प्रदेश की राजधानी को सॉफ्ट कॉर्नर मानते हुए तस्कर शहर में सूखे नशे की सप्लाई कर रहे हैं। क्राइम ब्रांच की खुफिया रिपोर्ट में सबसे ज्यादा गोली और सिरप रायपुर शहर में खा पाया जा रहा है जबकि बिलासपुर में सबसे ज्यादा इंजेक्शन का चलन है। सिविल लाइन, गंज, टिकरापारा, आमानाका, पंडरी, गुढिय़ारी, खरोरा आजाद चौक समेत तमाम थाना क्षेत्रों में नशा तस्करों की सक्रियता देखी गई है। पुलिस की खुफिया जांच टीम को तस्करी रोकने के लिए मुखबिरों की संख्या भी बढ़ानी पड़ी है। एडिशनल एसपी क्राइम एंड साइबर यूनिट अभिषेक महेश्वरी का कहना है शहर में ज्यादातर लोग गोली और सिरप के साथ गांजा के कारोबार कर रहे हैं इनकी पूरी कुंडली तैयार कर ली गई है। नारकोटिक्स सेल द्वारा इनकी गिरफ्तारी कर बड़े रैकेट की पतासाजी के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं।
कोचिए की जगह तस्करों का चैनल
शराब बिक्री का सरकारीकरण होने के बाद कोचिया गिरी पर काफी हद तक लगाम कसने सफलता मिली है। आंकड़े साफ करते हैं जिले में शराब का अवैध कारोबार कम बल्कि इनकी जगह सिरप टेबलेट अफीम चरस का चलन ज्यादा है। पुराने कोचियों की जगह प्रतिबंधित दवाई बेचने वाले तस्करों ने ले लिया है। मेडिकल लाइन से संबंध रखने वाले कई बड़े कारोबारी इस तरह के अवैध कारोबार से जुड़े हुए हैं।
चरस, अफीम और ब्राउन शुगर की सप्लाई
पुलिस की कार्रवाई में सिविल लाइंस आमानाका और मंदिर हसौद क्षेत्र में चरस अफीम और हीरोइन जैसे मादक पदार्थ बरामद हो चुके हैं। बरामद नशीले सामग्री की कीमत लाखों रुपए में है। थानेदार विशेष अभियान चलाने के बाद बरामद किए गए स्टॉक के नष्टीकरण के लिए अब पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है। आरोपियों की धरपकड़ के बाद न्यायालय के समक्ष मादक पदार्थों को नष्ट करने के लिए प्रकरण प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
नशे की वजह से चाकूबाजी आम
चाकूबाजी की बढ़ती घटनाओं की वजह से पुलिस ने इन दिनों विशेष अभियान छेड़ा है। लगातार चाकूबाजो की गिरफ्तारी चल रही है लेकिन जांच में यह साबित हो गया है चाकू रखने वाले 80 फ़ीसदी आरोपी आदतन नशेड़ी है। गांजा गोली और सिरप का सेवन करते हैं। नशे में रहकर धारदार चाकू से दहशत का माहौल खड़ा करने वाले अब तक 2 सौ से ज्यादा आरोपी पकड़े जा चुके हैं जिन्हें जेल का रास्ता दिखाया है।
शहर में नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों पर लगातार निगरानी बरत रहे है। गोली और सिर्फ कारोबार से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी चल रही है, सख्ती आगे भी जारी रखेंगे।
गिरीश तिवारी
प्रभारी क्राइम ब्रांच