रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 अगस्त। पांच दिनों की हड़ताल, और दो दिनों की छुट्टी के बाद प्रदेशभर के सरकारी दफ्तरों में कामकाज और स्कूलों में पढ़ाई सोमवार से शुरू हो गई। लोग अपने काम को लेकर कलेक्टोरेट और संचालानालय पहुंचने लगे हैं। डीए, और एचआरए की मांग को लेकर हुई इस हड़ताल के बाद सरकार की ओर से भुगतान का आदेश जारी नहीं किया गया। इसके उलट कर्मचारियों को वेतन काटने का आदेश जारी किया गया है। इसके विरोध में कर्मचारियों ने रविवार को आदेश की प्रतियां फाड़ी। अब कर्मचारी 22 अगस्त से बेमुद्दत हड़ताल पर जाएंगे। फेडरेशन ने आज मुख्य सचिव को इसकी नोटिस दे दी है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय बैठक में सरकार के कर्मचारी विरोधी रवैये पर भारी रोष व्यक्त किया। फेडरेशन के प्रांतीय संयोयक कमल वर्मा,महामंत्री आर के रिछारिया,कोषाध्यक्ष सतीश मिश्रा, प्रवक्ता बी पी शर्मा,सचिव राजेश चटर्जी, संगठन मंत्री संजय सिंह का कहना है कि कर्मचारियों को उनका मौलिक अधिकार देने के स्थान पर सरकार वेतन काटने का आदेश जारी कर रही है। जिसके कारण कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ गया है। छत्तीसगढ़ सरकार महात्मा गांधी के आदर्शों को भूलकर दमन के मार्ग पर चल रही है। जोकि गांधीवादी विचारधारा के विरुद्ध है। लेकिन प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी सरकार के दमनकारी कार्यवाही से भयभीत नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि फेडरेशन की प्रांतीय महासभा में 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है।
प्रांतीय महासभा को चंद्रशेखर तिवारी,पंकज पाण्डेय, अजय तिवारी, रोहित तिवारी, मूलचंद शर्मा,अरुण तिवारी, बिंदेश्वर रौतिया, डी एस भारद्वाज, मनीष ठाकुर,रामसागर कोशले, ऋतु परिहार, मनीष मिश्रा, अरुण तिवारी, तुलसी साहू, वीरेंद्र नाग, दिनेश रायकवार,केदार जैन, राकेश शर्मा, विजय लहरे, यशवंत वर्मा, दिलीप झा,कैलाश चौहान,नीलकंठ सार्दुल,आर डी तिवारी, शैलेंद्र भदौरिया, प्रमोद तिवारी, कैलाश रामटेके, डॉ दीपेश रावटे,डॉ के एल तांडेकर, ऐ के मिश्रा, सौरीन चंद्रसेन, मधुकांत यदु, अश्वनी बनर्जी,उमेश मुदलियार, दयालूराम साहू,प्रमोद शुक्ला सहित समस्त संभाग प्रभारी,संभाग संयोयक, जिला संयोजक ने संबोधित किया।
हड़ताल छत्तीसगढ़ में भुगतान एमपी में
इधर छत्तीसगढ़ में हुई हड़ताल को देखते हुए मप्र में आज 3 फीसदी डीए भुगतान की घोषणा कर दी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ता बढ़ाने की महत्वपूर्ण घोषणा की। प्रदेश के शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते, जो वर्तमान में 31 फीसदी है, को 3 फीसदी बढ़ाकर 34 फीसदी किए जाने का निर्णय लिया है । इसके बाद अब छत्तीसगढ़ में भी मांग जोर पकड़ेगी। छत्तीसगढ़ में अभी 22 फीसदी ही दी जा रही है।
इसी महीने से काटने दबाव बना रहे सोरी
इधर संयुक्त संचालक कोष लेखा श्री सोरी सभी विभागों के डीडी अफसरों पर दबाव बना रहे हैं कि पांच दिनों के वेतन की कटौती इसी माह की जाए। जो नियमानुसार गलत है। कर्मचारियों का कहना है कि पे ऑर्डर हर माह 20 तारीख की उपस्थिति के अनुसार बनाया जाता है। इसके अनुसार कर्मचारियों ने 24 जुलाई तक काम किया था, और 25 से हड़ताल पर गए थे। इसलिए इस महीने कटौती नहीं की जा सकती। किन्तु श्री सोरी सरकार के पिट्ठू की तरह काम कर रहे हैं।
सीएम ने कहा-बातचीत के रास्ते खुले हैं
सीएम बघेल ने कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने को लेकर कहा कि हमेशा बातचीत के द्वार खुले हुए हैं। साथ ही कर्मचारी संगठन द्वारा वेतन कटौती के निर्देश को फाडऩे पर कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है ।