रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 अगस्त। सिविल लाइंस थाना पुलिस के हत्थे चढ़ी कथित लेडी डॉन मोनिका सचदेवा की संदिग्ध गतिविधियों की जांच करने के बाद पता चला है कि उसने शहर की घनी बस्तियों में गांजा कारोबार का तगड़ा नेटवर्क जमा रखा था। उसके गुर्गे पुडिय़ा के धंधे में जुटे थे। टुकड़ों टुकड़ों में गांजे की खपत के लिए बड़ा चैनल बनाया था।
मंगलवार को मोनिका की गिरफ्तारी होने के बाद पुलिस ने उसके मोबाइल फोन की छानबीन की है। इसमें कई तरह के राज बाहर आए हैं। टीआई सिविल लाइंस सत्यप्रकाश तिवारी का कहना है, आरोपिया के तार सीधे मुख्य गांजा तस्कर से जुड़े हैं। कुछ समय पहले पुलिस ने जब बड़ी छापेमारी की कार्रवाई की थी तभी बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ था। बारी-बारी से आरोपियों के साथ जुड़े लोगों को खंगाला गया तभी मोनिका के बारे में भी पता चला। मोनिका के खिलाफ में पूर्व में दर्ज अपराधिक मामलों को देखते हुए उसके संदिग्ध कारोबार के बारे में भी जानकारी ली गई, जहां पूर्व में पकड़े गए तौकिर अहमद गैंग से सीधे संपर्क होने का पता चला। पूर्व में पुलिस ने आरोपी तौकिर अहमद राजातालाब शेख महबूब जैपुर, रविनारायण दीप पाइक माल, तापस कुमार परिदा जयगांव, समीर कुमार बरद बरापंडुसर सभी ओडिशा, नीलेश शर्मा सरायपाली, अर्णब मजूमदार बागुईहाटी पश्चिम बंगाल, कमलेश उर्फ अमर यादव गया बिहार, सागर कुमार मोदीसाउथ आसनसोल पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार किया गया था। इनके नेटवर्क खंगालने के बाद मोनिका के भी उनसे जुडक़र कारोबार करने का पता चला। मोनिका कुछ दिनों से फरार थी। उसके बारे में सटीक जानकारी होने पर उसे दबोचा गया।
18 लाख से ज्यादा की सामग्री जब्त
इस गैंग से 18 लाख रुपये से ज्यादा की बरामदगी हो चुकी है। 24.916 किलोग्राम गांजा, कीमती 2.50 लाख रूपये, 7400 नग नाइट्रोसन-10 नशीली टेबलेट कीमती 44,030 रूपये, 24000 नग अल्फाजोलम नशीली टेबलेट कीमती 5,40,224 रूपये, 2750 नग पेंटाजोसिन नशीली इंजेक्शन कीमती 66,660 रूपये, 220 ग्राम चरस कीमती 2 लाख रूपये, 01 नग मो.सा. पैशन प्रो कीमती 30,000/- रूपये, आई-10 कार कीमती 7 लाख रूपये, कुल जुमला 18,30,914 रूपये जब्त करने के बाद नशा कारोबार का बड़ा खुलासा हुआ था।
रावतपुरा कॉलोनी में बनाया था ठिकाना
पुलिस को चकमा देकर फरार हुई मानिका सचदेव ने रायपुरा में अपना ठिकाना बनाया था। पुलिस ने बताया कालोनी से दिनांक 2 अगस्त की शाम घेराबंदी करने के बाद उसके घर की तलाशी ली। मोनिका को हिरासत में लेकर उसके मोबाइल फोन में संदिग्ध नंबरों की जांच की। वाट्सअप और दूसरे सोशल मैसेजेस खंगाले। यहां पर गांजा कारोबार से संबंधित बातचीत का खुलासा हुआ।