रायपुर

जीवन में अर्जन,संरक्षण के साथ संस्कार भी आवश्यक-आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज
04-Aug-2022 2:18 PM
जीवन में अर्जन,संरक्षण के साथ संस्कार भी आवश्यक-आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज

रायपुर, 4 अगस्त। सन्मति नगर फाफ़ाडीह में ससंघ विराजित आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा कि जीवन में अर्जन,संरक्षण के साथ संस्कार भी आवश्यक है।

गिर कर उठा आदमी उठने की कीमत समझता है। जैसे पिता के धन की कीमत समझ नहीं आती,जब स्वयं कमाते हो तो तब धन की कीमत पता चलती है। जब नासमझ थे तो पिता के जेब के पैसे निकालकर खर्च कर देते थे।

आज तुम्हारा बेटा मांगता है तो सोचकर निकालते हो। एक-एक सिक्का कैसे अर्जित होता है, संरक्षित होता है और  सांस्कारिक होता है इसे समझना होगा।

आचार्यश्री ने कहा कि अर्जन, संरक्षण और संस्कार में विश्व जी रहा है। लोग पैसे और धरती का अर्जन करते हैं। इसके संरक्षण में समय लगाते हैं,कोई दूसरा कब्जा न कर ले जमीन के चारों तरफ घेराबंदी करते हैं। ऐसे ही कोई जमीन में बाड़ी लगाता है,कोई बिल्डिंग बनाता है तो कोई मंदिर बनाता है,यह संस्कार है। इसी तरह यदि गुणों का अर्जन, संरक्षण और संस्कार कर लेते तो इस प्रवचन सभा में नहीं बैठे होते सिद्धशिला पर विराजमान होते।

आचार्यश्री ने कहा कि कभी-कभी सम्मान भी इंसान के चरित्र को जीवित रखता है। सम्मान इंसान को सुमार्ग दिखाता है। किसी व्यक्ति को बार-बार कहें यह तो ऐसा ही है, यह तो वैसा ही है,तो उस व्यक्ति की धारणा भी वैसे ही बनना प्रारंभ हो जाती है।

वह व्यक्ति यही समझता है कि मैं प्रसिद्ध हो चुका हूं और उसकी प्रवृत्ति भी वैसे ही हो जाती है। पापी को पापी कहने वाले इस संसार में बहुत है लेकिन पापी के अंदर अच्छाई को देखने और उसे बताने वाले बहुत कम है।

मुनिश्री प्रणेय सागर जी ने कहा कि हमेशा मीठा बोलो और दूसरों के अंदर गुणों को देखो व स्वयं को पहचानो। मुख से वाणी निकले तो हमेशा छनकर निकले,मीठी निकले। वाणी वीणा जैसी बोलो जो कानों को पवित्र कर दे।

आपकी वाणी को सुनकर जिसको धर्म करने का मन न करें वह भी धर्म कार्य में लग जाए। कोई कितना भी कड़वा बोले आप हमेशा मीठा बोलो। अच्छा और मीठा बोलेंगे तो सब आपको सुनेंगे। खुद को पहचानो,स्वयं की परीक्षा लो। आपकी दृष्टि कैसी है।

 रोज 2 मिनट ध्यान करना और सोचना आपकी दृष्टि कहां जा रही है। ऐसा कोई भी द्रव्य नहीं है संसार में जिसमें गुण नहीं है,आपको गुण ग्रहण करना आना चाहिए।

4 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक दिवस

विशुद्ध वर्षा योग समिति के सह सचिव सुमीत बाकलीवाल और सुमीत पांड्या ने बताया कि 4 अगस्त गुरुवार को 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक दिवस मुकुट सप्तमी के रूप में धूमधाम से मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज मंगलाचरण सुनील जी ने किया। श्रमण संघ रायपुर के अध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध उद्योगपति

ललित पटवा ने आचार्यश्री को श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। सकल दिगंबर जैन समाज रायपुर और बाहर से आए सभी गुरु भक्तों ने आचार्यश्री को अर्घ्य समर्पित कर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम के अंत में जिनवाणी मां की स्तुति का पाठ मंच संचालक अरविंद जैन ने किया।

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