रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अगस्त। दूर दराज से आने वाले मरीजों के परिजनों की पहाड़ सी आवासीय दिक्कतों को दूर करने डीकेएस परिसर में दाई कोरा भवन तैयार है। किंतु सीएम और मंत्री की व्यस्तता के चलते 4 माह से भवन का उपयोग नहीं हो पा रहा है। दाई कोरा (दाई कोरा यानी मां की गोद) के नाम से यह आश्रय भवन दुर्ग के रिटायर्ड इंजीनियर भरत वर्मा और श्रीमती गंगात्री वर्मा ने बनवाया है। भरत वर्मा ने अपनी सेवानिवृति पर मिले सभी स्वत्वों की राशि 45 लाख रूपए सीएमएचओ को दान किया था। वर्मा दंपत्ति ने अपने दिवंगत पुत्र-पुत्री की स्मृति में यह चिकित्सा शिक्षा और मरीजों के हितार्थ खर्च करने कर फैसला किया था। दाऊ कल्याण सिंह के बाद पहली बार किसी ने चिकित्सकीय क्षेत्र के लिए इतनी बड़ी राशि दान की। सीएमएचओ मीरा बघेल ने भी पूरा सम्मान करते हुए आश्रय भवन सह ट्रेनिंग सेटंर बनवाने की योजना बनायी और उसे पूरा करवाया। कहते हैं न,जब आपकी नीयत पाक हो तो सब कुछ आसान हो जाता है। बस इसी नीयत का सम्मान करते हुए भवन के डिजाइनर आर्किटेक्ट और ठेकेदार ने भी एक रूपया मेहनताना नहीं लिया। इस तरह से भूतल में 2 कमरे, 6 बिस्तर वाला हॉल प्रथम तल में नर्सिग ट्रेनिंग हॉल बनकर तैयार हो गया है। यह भवन, डीकेएस में लंबे समय तक भर्ती मरीजों के परिजनों को दिया जाएगा। इसके एवज में मेंटेनेस चार्ज के रूप में 100-200 रूपए की न्यूनतम राशि ली जाएगी। बिडंबना यह है कि भवन का 6 माह से उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसके पीछे उद्घाटन जैसी सरकारी औपचारिकता और आडंबर। सीएमएचओ मीरा बघेल ने सीएम और स्वास्थ्य मंत्री से समय मांगा है लेकिन दोनों राजनीतिक व्यस्तताओं की वजह से उद्घाटन नहीं हो पाया है।