रायपुर
रायपुर, 6 अगस्त। विदेशों में रह रहे छत्तीसगढिय़ों की समस्या और अन्य हितों के राज्य सरकार से समन्वय स्थापित करने गृह विभाग में गठित एनआरआई सेल में समन्वयक की नियुक्ति को लेकर विवाद सामने आया है।इस नियुक्ति पर छत्तीसगढ़ी अप्रवासी भारतीयों ने नाराजगी जताई है। छत्तीसगढ़ एनआरआई (नाचा) के पदाधिकारियों ने सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखकर नियुक्त पर पुनर्विचार करने कहा है। नाचा ने कहा कि च्च्समन्वयक की नियुक्तिज्ज् से पहले छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नाचा के पदाधिकारियों से रायशुमारी नहीं की गई । जो कि चिंता का विषय है, क्योंकि हजारों की संख्या में इस संगठन से कई देशों के लोग जुड़े हुए हैं।
नाचा के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं अंतरराष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न बरेठ ने कहा कि गौरतलब है कि नाचा को शामिल किए बगैर वैश्विक मंच पर कार्य कर पाना बेहद मुश्किल है। बेहतर होता छत्तीसगढ़ सरकार इस विषय पर नाचा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा कर लेती। भारतीय प्रवासी भारत के लिए एक ब्रांड एंबेसडर हैं, और नाचा के सभी लोग छत्तीसगढ़ के लिए एक ब्रांड एंबेसडर हैं। हम बहुत सकारात्मक हैं कि मुख्यमंत्री हमारी चिंताओं पर गौर करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य और उसके लोगों की भलाई के लिए नियुक्ति रद्द कर देंगे।
उन्होंने बताया कि नाचा ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि नवंबर में अमेरिका और कनाडा में छत्तीसगढ़ राज्य की संस्कृति को 6 भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ उत्सवकी मेजबानी करने की योजना बना रहे है। इस उत्सव में छत्तीसगढ़ के 12 से 15 कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय मंच पर करेंगे। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ी महतारी को समर्पित रहेगी। लेकिन अगर समन्वयक की नियुक्ति में सरकार की ओर से कोई ठोस फैसला नहीं लिया जाता है, तो नाचा बेहतर समन्वय का विकल्प तलाशेगा। वहीं नाचा के कार्यकारी उपाध्यक्ष तिजेंद्र साहू ने कहा छत्तीसगढ़ सरकार को नाचा के सदस्यों में से ही नियुक्त करना चाहिए, जिससे नाचा से जुड़े हुए हजारों अप्रवासी भारतीयों में नवीन ऊर्जा का संचार हो। नाचा छत्तीसगढ़ी संस्कृति, विरासत, भाषा आदि का एक प्रबल प्रचारक रहा है। नाचा ने छत्तीसगढ़ी को एक भाषा के रूप में बढ़ावा देने वाली पहल की हैं, और छत्तीसगढ़ के लोगों को अंतराष्ट्रीय समुदाय के साथ निर्बाध रूप से बातचीत करने में सक्षम बनाएगी। इतना ही नहीं नाचा के प्रयासों से छत्तीसगढ़ सरकार और छत्तीसगढ़ी अप्रवासी भारतीयों के बीच एक निरंतर संपर्क रहा है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में महावाणिज्य दूत और सीजी एनआरआई जुड़े हुए हैं।