रायपुर
सीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करेंगे डेढ़ सौ कृष्णकुंज का लोकार्पण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 अगस्त। प्रदेश में डेढ़ सौ निकायों में कृष्ण कुंज विकसित किए जा रहे हैं। सीएम भूपेश बघेल 19 तारीख को जन्माष्टमी के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंस से कृष्ण कुंज का शिलान्यास करेंगे, और यहां सांस्कृतिक महत्व के वृक्षों का रोपण किया जाएगा। राजधानी रायपुर में यह कृष्ण कुंज तेलीबांधा थाने के ठीक सामने पुराने कृषि यांत्रिकी विभाग परिसर में विकसित किया जाएगा।
सीएम ने करीब 6 महीना पहले सभी कलेक्टरों को कृष्ण कुंज विकसित करने के लिए वन विभाग को न्यूनतम 1 एकड़ जमीन आबंटित करने के निर्देश दिए थे। बताया गया कि वन विभाग को 170 में से 150 निकायों में जमीन आबंटित हो गई है, और यहां फेसिंग का काम चल रहा है।
बाकी निकायों में जमीन के समतलीकरण, और अन्य तरह की समस्याएं आने के कारण आबंटन अटका हुआ है। यहां भी जल्द से जल्द आबंटन की प्रक्रिया पूरी कर कृष्ण कुंज के लायक जमीन देने के लिए कहा गया है। कृष्ण कुंज में बरगद, पीपल, नीम, और कदम्ब, बेर, गंगा इमली जैसे सांस्कृतिक महत्व के जीवनोपयोगी वृक्षों का रोपण किया जाएगा।
जन्माष्टमी के दिन सीएम भूपेश बघेल अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी कृष्ण कुंज का शिलान्यास करेंगे, और फिर वहां वृक्षारोपण किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कृष्णकुंज की तैयारियां तेजी से चल रही है, और उम्मीद जताई जा रही है कि जन्माष्टमी तक सारी तैयारियां हो जाएगी।
कृष्णकुंज की स्थापना के पीछे सरकार का मानना है कि भावी पीढिय़ों को इन वृक्षों के परंपरागत महत्व के बारे में जानकारी देना, और संरक्षित करना परम कर्तव्य है। इसके लिए जरूरी है कि मनुष्य के लिये जितने भी जीवनोपयोगी वृक्ष हैं उन्हें सभी नगरीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लगाया और संरक्षित किया जाए। वृक्षारोपण को जन-जन से और अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोडऩे और विशिष्ट पहचान देने के लिये इसका नाम ’कृष्ण कुंज’ रखा गया है।
कृष्णकुंज नाम क्यों?
नामकरण के पीछे एक प्रमुख वजह यह भी है कि भगवान श्रीकृष्ण का छत्तीसगढ़ से भी नाता रहा है, इसका खुलासा खुद सीएम बघेल ने पिछले दिनों किया था। उन्होंने बताया था कि श्री कृष्ण का रायपुर के निकट आरंग में प्रवास हुआ था।