रायपुर
![यूक्रेन से लौटे बच्चों की मेडिकल पढ़ाई पूरी करने सीएम हस्तक्षेप करें-पालक यूक्रेन से लौटे बच्चों की मेडिकल पढ़ाई पूरी करने सीएम हस्तक्षेप करें-पालक](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1660999510169cd82-a8fb-4c4d-8084-0a9.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अगस्त। राज्य उपरोक्त संदर्भ में यह बताना उचित होगा कि भारत से लगभग 14000 छात्र छात्राएं मेडिकल की पढ़ाई करने हेतु यूक्रेन गए हुए थे जिसमें 207 छात्र-छात्राएं छत्तीसगढ़ के भी थे , किंतु विभिन्न प्रयासों के बावजूद भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने उपरोक्त जैसे कोई भी पत्र लिखित रूप में केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया है हालांकि पिछले 7 अगस्त को मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के पश्चात मीडिया के माध्यम से भले ही उन्होंने केंद्र सरकार से इन बच्चों के संबंध में उचित कदम उठाने की बात कही।
आज एक पत्रकार वार्ता में छत्तीसगढ़ यूक्रेन रिटर्न मेडिकल स्टूटेेंड एण्ड पेरेन्ट एसोसिएशन के सदस्य अनिल कुमार शर्मा, राकेश कुमार, भोला पटेल और ए, श्रीनिवास ने कहा कि 7 अगस्त को भी छत्तीसगढ़ के पूरे प्रदेश से यूक्रेन में 10 छात्र छात्राएं एवं उनके परिजनों ने राजधानी रायपुर में अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए माननीय मुख्यमंत्री माननीय स्वास्थ्य मंत्री तथा राष्ट्रपति महोदया को राज्यपाल के माध्यम से 3 छात्र छात्राओं के उचित भविष्य निर्धारण हेतु ज्ञापन सौंपा था जिसके पश्चात स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडवीया जी को जल्द ही उचित कदम उठाने हेतु प्रार्थना की किंतु अफसोस मुख्यमंत्री के द्वारा इस प्रकार का कोई भी पत्र केंद्र सरकार को अब तक नहीं भेजा गया !
हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एवं एनएमसी ने भी अपने स्तर पर इन छात्र - छात्राओं के संबंध में कोई ठोस नियम अब तक नहीं बनाया जबकि इन बच्चों को यूक्रेन से वापस आए लगभग 6 महीने होने जा रहे हैं अब क्योंकि यूक्रेन की स्थिति वापस जाने लायक नहीं है तो केंद्र सरकार और एनएमसी को चाहिए की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन बच्चों की आगे की पढ़ाई अनवरत जारी रखने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जल्द से जल्द जारी करें । एनएमसी वर्तमान में न बच्चों को भारत में प्रवेश दिला पा रही है ना ही ऑनलाइन पढ़ाई को अपनी मंजूरी दे पा रही है इसके अलावा इन बच्चों को अन्य देशों में स्थानांतरित करने हेतु विदेश मंत्रालय ने पुरजोर कोशिश कर ली किंतु उन्हें भी अब तक सफलता नहीं मिली जिसकी वजह से इन बच्चों का भविष्य अंधेरे में है , जबकि सितंबर 2022 से इनकी आगे की पढ़ाई यूक्रेन में शुरुआत होने वाली है और यूक्रेन की सभी यूनिवर्सिटी इन बच्चों से अपने कॉलेजों की फीस मांगने के साथ ही ना देने पर कॉलेज से निकाल देने की धमकियों दे रहे हैं जिस वजह से सभी बच्चे और उनके पालक बहुत पहचान एवं दिशा विहीन हो गए हैं और सरकार से अपेक्षा रखते हैं की वह जल्द से जल्द इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए।
जिससे बच्चों का भविष्य निर्धारण हो सके कि अब तक की हुई पढ़ाई व्यर्थ ना जाए एवं अब तक की पढ़ाई में खर्च हुए राशि किसी भी रूप में बेकार न जाए !