रायपुर

फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे जिला सहकारी बैंक में 37 की साल नौकरी, अब जांच
20-Aug-2022 6:15 PM
फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे जिला सहकारी बैंक में 37 की साल नौकरी, अब जांच

एएसपी ने मांगे रिकॉर्ड

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 20 अगस्त। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अतिरिक्त विपणन अफसर के खिलाफ गलत जानकारी देकर नियुक्ति हासिल करने का मामला प्रकाश में आया है। अफसर की नियुक्ति को 37 साल हो चुके हैं, और अब शिकायत के बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी है।

यह मामला जिला सहकारी बैंक के अतिरिक्त विपणन अफसर लक्ष्मीकांत शर्मा से जुड़ा हुआ है। उनके खिलाफ गलत जानकारी देकर नियुक्ति पाने की शिकायत एसपी से की गई थी, जिसकी जांच चल रही है।

छसपा नेता अनिल दुबे ने बकायदा शपथपत्र देकर लक्ष्मीकांत शर्मा के खिलाफ शिकायत की है।

शिकायत में बताया कि जिला सहकारी बैंक में वर्ष 1985 में लिपिक के 50 पदों पर भर्ती हुई थी इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक के साथ-साथ आवेदक को मध्यप्रदेश का (2000 के पहले) मूल निवासी होना चाहिए। लक्ष्मीकांत शर्मा की लिपिक पद पर भर्ती हो गई।

शिकायत में आगे बताया गया कि लक्ष्मीकांत शर्मा द्वारा भर्ती के समय हायर सेकेंडरी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान 1977-78 और राजस्थान विवि से 1981 में स्नातक उत्तीर्ण की अंकसूची प्रस्तुत की गई। खास बात यह है कि लक्ष्मीकांत शर्मा द्वारा मूल निवासी प्रमाणपत्र में रायपुर के तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर भगवती श्रीनिवासन  के हस्ताक्षर से अवैध तरीके से बनवाकर प्रस्तुत किए गए।

लक्ष्मीकांत शर्मा फर्जी प्रमाणपत्र और अवैध तरीके से बनाए गए मूलनिवास प्रमाणपत्र के आधार पर बैंक सेवा में वर्तमान में वर्ग एक के अफसर बन चुके हैं। उन्होंने न सिर्फ कूटरचित धोखाधड़ी कर अवैध तरीके से नौकरी हासिल की, बल्कि बैंक को करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचाई। उन्होंने इस पूरे मामले में धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की मांग की है। अनिल दुबे की शिकायत पर एडिशनल एसपी ने जांच शुरू कर दी है, और रिकॉर्ड तलब किए हैं।

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