रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 अगस्त। महासंघ के प्रांतीय पदाधिकारियों हेमन्त सिन्हा, श्रीकांत लास्कर, सूरज सिंह, टीकम कौशिक, संजय सोनी ने बताया कि संविदाकर्मी काम ज्यादा तनख्वाह कम के सिद्धांत पर रखे जा रहे हैं, अधिकांश शासकीय कार्यालय वर्तमान में इन्हीं संविदाकर्मियों के बूते ही काम कर रहे हैं।
अन्य विसंगतियों के अलावा संविदाकर्मियों के साथ ये अन्याय भी हो रहा है कि इनमें वरिष्ठ-कनिष्ठ कर्मचारियों में कोई वेतन अंतर नहीं है, अर्थात कोई व्यक्ति यदि 20 साल से किसी पद में संविदा पर कार्य कर रहा है तो उसका भी वेतन वही है जो आज उस पद में भर्ती होगा। यह अन्यायपूर्ण व्यवस्था राज्य गठन के साथ ही चली आ रही है।
नियमित कर्मचारियों की तरह इन संविदाकर्मियों को भी समयमान वेतन आदि की व्यवस्था होनी चाहिए तभी हम एक समतापूर्ण कार्य संस्कृति का निर्माण कर पाएंगे। फिलहाल संविदाकर्मी दोयम दर्जे के, अर्धशासकीय कर्मचारी बने हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि जो कांग्रेस सरकार 10 दिन के भीतर नियमितीकरण के वादे के साथ सत्तारूढ़ हुई थी वो अपने वादे में खरा उतरना तो दूर, पूर्ववर्ती सरकार की तरह नियमित वेतनवृद्धि देने तक में असफल साबित हुई है।
महासंघ ने कहा कि 22 अगस्त से 25 अगस्त तक तिरंगा पट्टी लगाकर अपने कर्तव्यों पर उपस्थित होंगे तथा शासन का ध्यान अपने साथ होने वाले अन्याय की तरफ आकृष्ट करने का प्रयास करेंगे ।