बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 2 सितंबर। सुकमा जिले के दोरनापाल में बिना टेंडर के लाखों रुपये की मरम्मत करने का मामला सामने आया है। दरअसल जिले के दोरनापाल प्री मैट्रिक बालक छात्रावास दोरनापाल में भवन जीर्णोद्धार एवं पानी टंकी कार्य( लागत राशि 11 लाख 20 हजार रुपए ) की राशि से किया जा रहा है, जिसका टेंडर ही नहीं किया गया। इस मामले में हफ्ते भर बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले में कलेक्टर हरीश एस. का कहना है कि बिना निविदा के काम करना पूर्णत: गलत है, अगर ऐसा हुआ है तो मैं इसकी जांच करवाता हूं।
ज्ञात हो कि 24 अगस्त को ‘छत्तीसगढ़’ ने सुकमा जिले के आदिवासी विकास शाखा के अंतर्गत आने वाले बालक छात्रावास दोरनापाल में बिना टेंडर के किए गए मरम्मत की खबर प्रकाशित की थी और संबंधित जिम्मेदारों से इसकी चर्चा भी की थी और विभाग के जवाबदारों ने इस बात को स्वीकार भी किया था कि काम बिना निविदा के किया जा रहा है, बावजूद इसके भी 1 हफ्ते से अधिक समय बीत जाने के बाद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इस मामले पर जब ‘छत्तीसगढ़’ ने भाजपा जिलाध्यक्ष हुंगाराम मरकाम से बात की तो उनका कहना है कि 2018 के चुनाव में बड़े-बड़े वादे करने वाले भूपेश बघेल व स्थानीय विधायक, मंत्री कवासी लखमा कभी भी किसी नियम से नहीं चलते। दोरनापाल में कोंटा उपाध्यक्ष माड़वी देवा के द्वारा बालक छात्रावास में मौखिक तौर पर ही लाखों रुपए का काम करवाया जा रहा है, जो कि नियमत: गलत है। सभी कार्य टेंडर नियमों का पालन करते हुए किया जाना चाहिए था। भारतीय जनता पार्टी का जिला अध्यक्ष होने के नाते जो भी जिम्मेदार है, उन पर कार्रवाई की माँग करता हूं। अगर ऐसा नहीं होता है तो भारतीय जनता पार्टी धरना करने के लिए बाध्य होगी।